भारत टैक्स पारदर्शिता में मजबूत अगुवा: विदेशी टैक्स चोरी पर 29 हजार करोड़ का हुआ खुलासा, OECD ने की सराहना
विदेशी टैक्स चोरी के खिलाफ भारत की कोशिशों को वैश्विक स्तर पर बड़ी मान्यता मिली है। ओईसीडी की शीर्ष अधिकारी जायदा मैनाटा के मुताबिक, भारत की पारदर्शी टैक्स नीतियों और आयकर विभाग के हालिया अभियान से 29 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित विदेशी संपत्तियों का खुलासा हुआ है। आइए जानते है कि मैनाटा ने और किन-किन नीतियों को लेकर भारत की तारीफ की है?
विस्तार
भारत ने विदेशी टैक्स चोरी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस बात का दावा वैश्विक आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के एक शीर्ष अधिकारी ने की। उन्होंने कहा कि भारत विदेशी टैक्स चोरी (ऑफशोर टैक्स एवेज़न) के खिलाफ पारदर्शिता लागू करने में दुनिया के मजबूत देशों में शामिल है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत की पारदर्शी टैक्स नीतियों और आयकर विभाग के हालिया अभियान से 29 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित विदेशी संपत्तियों का खुलासा हुआ है। यह भारत की मजबूत वैश्विक भूमिका और सख्त टैक्स व्यवस्था को दर्शाता है।
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक सक्षात्कार में ओईसीडी की टैक्स पारदर्शिता और सूचना आदान-प्रदान से जुड़े ग्लोबल फोरम की सचिवालय प्रमुख जायदा मैनाटा ने यह बात कही। वह हाल ही में 2 से 4 दिसंबर के बीच नई दिल्ली में आयोजित ग्लोबल फोरम की वार्षिक बैठक में शामिल होने भारत आई थीं। बता दें कि इस फोरम के 172 देश सदस्य हैं।
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अब समझिए भारत की तारीफ क्यों?
विदेशी टैक्स चोरी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में बड़ी कामयाबी हासिल करने के लिए भारत की तारिफ क्यों हुई? इस बात ऐसे समझा जा सकता है, क्योंकि मैनाटा ने कहा कि भारत 2009 से ही टैक्स पारदर्शिता के लिए ग्लोबल फोरम के काम में सक्रिय सहयोग दे रहा है। उन्होंने कहा कि भारत टैक्स पारदर्शिता का मजबूत समर्थक है और ऑफशोर टैक्स चोरी के खिलाफ लगातार काम कर रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि नई दिल्ली में 2025 की ग्लोबल फोरम बैठक की मेजबानी करना भी भारत की इसी प्रतिबद्धता को दिखाता है।
विदेशी खातों की जानकारी साझा करने की व्यवस्था
ओईसीडी अधिकारी ने आगे बताया कि भारत ने ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन (एईओआई) और कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (सीआरएस) को लागू करने के लिए जरूरी कानूनी ढांचा तैयार कर लिया है और इसका सही तरीके से पालन भी कर रहा है। इस व्यवस्था के तहत अलग-अलग देशों की टैक्स एजेंसियां एक-दूसरे के साथ विदेशी बैंक खातों और संपत्तियों की जानकारी साझा करती हैं, ताकि टैक्स चोरी रोकी जा सके।
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एनयूडीजीई अभियान से हुआ बड़ा खुलासा
इसके साथ ही मैनाटा ने भारत सरकार के एनयूडीजीई (नॉन-इंट्रूसिव यूज ऑफ डेटा टू गाइड एंड एनेबल) कार्यक्रम की खास तौर पर तारीफ की। उन्होंने बताया कि इस अभियान से विदेशी संपत्ति बताने वाले करदाताओं की संख्या में 45.17% की बढ़ोतरी हुई। साथ ही लगभग 29,200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त विदेशी संपत्तियां घोषित की गईं और 1,089 करोड़ रुपये की अतिरिक्त विदेशी आय भी सामने आई।
गौरतलब है कि यह अभियान आयकर विभाग और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने नवंबर 2024 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य उन करदाताओं को सचेत करना था, जिनकी विदेशी संपत्तियों की जानकारी दूसरे देशों से भारत को मिली थी, लेकिन उन्होंने उसे अपने आयकर रिटर्न में नहीं दिखाया था। इस अभियान के तहत करीब 24,678 करदाताओं ने अपने रिटर्न दोबारा देखे और विदेशी संपत्तियों व आय का खुलासा किया।सीबीडीटी ने ऐसा ही दूसरा अभियान आकलन वर्ष 2025-26 के लिए भी शुरू कर दिया है।
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