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LPG: क्या रसोई गैस आपूर्तिकर्ता से नाखुश हैं? जल्द ही पोर्टेबिलिटी की मदद से कंपनी बदल सकेंगे ग्राहक

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Sun, 28 Sep 2025 05:51 PM IST
सार

LPG:  मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तरह ही, रसोई गैस उपभोक्ताओं को जल्द ही अपने मौजूदा कनेक्शन को बदले बिना आपूर्तिकर्ता को बदलने की अनुमति मिलने वाली है। इससे उन्हें अधिक विकल्प और बेहतर सेवा मिलेगी।

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Port your LPG company without changing existing connections know full details
LPG Gas - फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
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अगर आप अपने रसोई गैस (एलपीजी) आपूर्तिकर्ता की सेवा से खुश नहीं हैं, तो चिंता की बात नहीं। अब आपको मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तरह ही गैस सप्लायर बदलने की सुविधा मिलने वाली है। यानी मौजूदा कनेक्शन बदले बिना आप अपना गैस सप्लायर बदल सकेंगे। इससे ग्राहकों को ज्यादा विकल्प मिलेंगे और कंपनियों पर बेहतर सेवा देने का दबाव भी बढ़ेगा।

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पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने एलपीजी इंटरऑपरेबिलिटी पर उपभोक्ताओं और सभी हितधारकों से सुझाव मांगे हैं। हितधारक अक्तूबर के मध्य तक अपने सुझाव दे सकते हैं। पीएनजीआरबी ने कहा कि कई बार स्थानीय गैस वितरक को कामकाज में दिक्कत आती है। ऐसे में उपभोक्ताओं के पास विकल्प नहीं बचते और उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। 
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पीएनजीआरबी के मुताबिक, भारत में एलपीजी कनेक्शन अब लगभग 32 करोड़ घरों तक पहुंच चुके हैं। हर साल करीब 17 लाख उपभोक्ताओं से आपूर्ति में देरी या रिफिल जैसी शिकायतें प्राप्त होती हैं। इससे घरों और व्यवसायों को कठिनाई होती है।
 

2014 में सिर्फ डीलर बदलने की सुविधा
बता दें कि इससे पहले यूपीए सरकार ने अक्तूबर 2013 में 13 राज्यों के 24 जिलों में एलपीजी कनेक्शन की पायलट पोर्टेबिलिटी शुरू की थी। जनवरी 2014 में इसे बढ़ाकर पूरे देश के 480 जिलों तक ले जाया गया। मोबाइल नंबर की तरह कंपनियां बदलने का विकल्प एलपीजी उपभोक्ताओं को नहीं मिला। 2014 में उन्हें सिर्फ डीलर बदलने की सुविधा दी गई थी, तेल कंपनी बदलने की नहीं। यानी इंडियन ऑयल की इंडेन गैस लेने वाले ग्राहक सिर्फ आसपास के इंडेन डीलरों में से चुन सकते थे, लेकिन वे भारत पेट्रोलियम की भारत गैस या हिंदुस्तान पेट्रोलियम की एचपी गैस नहीं चुन सकते थे।

उपभोक्ताओं की परेशानी होगी कम
2014 में एलपीजी कंपनियों के बीच पोर्टेबिलिटी की इजाजत नहीं थी, क्योंकि नियम के मुताबिक किसी कंपनी का सिलेंडर सिर्फ उसी कंपनी से रिफिल कराया जा सकता था। अब पीएनजीआरबी कंपनियों के बीच भी पोर्टेबिलिटी लागू करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए उसने उपभोक्ताओं, वितरकों और संगठनों से सुझाव मांगे हैं ताकि रिफिल समय पर मिल सके और उपभोक्ताओं का भरोसा बना रहे।
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