IT Sector: छंटनी के दौर में वित्तीय स्थिरता और जरूरी खर्चों के लिए ऐसे करें तैयारी; निवेश, आपातकालीन फंड बनाएं
आईटी क्षेत्र में नौकरियों पर संकट मंडराने लगा है। नौकरी जाना हमेशा कठिन होता है। यह न सिर्फ आपकी वित्तीय स्थिरता की राह में चुनौती खड़ा कर सकता है, बल्कि रोजमर्रा के जरूरी खर्चों पर भी असर डालता है। लेकिन, कुछ समझदारी भरे कदमों से यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि छंटनी का आर्थिक रूप से आप पर ज्यादा असर न पड़े।
विस्तार
टीसीएस ने हाल ही में 12,000 से अधिक कर्मचारियों को बाहर निकालने की घोषणा की है। कई अन्य कंपनियां भी छंटनी की तैयारी में हैं। इससे पूरे आईटी क्षेत्र में नौकरियों पर संकट मंडराने लगा है। नौकरी जाना हमेशा कठिन होता है। यह न सिर्फ आपकी वित्तीय स्थिरता की राह में चुनौती खड़ा कर सकता है, बल्कि रोजमर्रा के जरूरी खर्चों पर भी असर डालता है। लेकिन, कुछ समझदारी भरे कदमों से यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि छंटनी का आर्थिक रूप से आप पर ज्यादा असर न पड़े।
पहले से अवश्य कर लें दो तैयारियां
- मजबूत आपातकालीन फंड बनाएं : यह फंड वित्तीय सुरक्षा देता है। 6 से 12 महीनों तक के जरूरी खर्चों के लिए फंड अलग रखना समझदारी है। इसका इस्तेमाल किराया, ईएमआई, किराना सामान, स्कूल फीस और बिजली बिल जैसे जरूरी खर्चों के लिए कर सकते हैं। फंड को कम जोखिम वाले और आसानी से उपलब्ध वित्तीय साधनों जैसे बचत खाता, एफडी या लिक्विड म्यूचुअल फंड में रखें।
- हेल्थ इंश्योरेंस कराएं : नौकरी जाने पर नियोक्ता से मिला हेल्थ इंश्योरेंस भी छिन जाएगा। इस दौरान कोई भी मेडिकल इमरजेंसी आपकी बचत खत्म कर सकती है। इसलिए, अपने और परिवार के लिए एक अलग हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जरूर खरीदें।
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नौकरी जाने के बाद उठाएं ये कदम
- मौजूदा स्थिति का जायजा लें : अपने नियोक्ता से पिछला वेतन, बची छुट्टियों का भुगतान सहित सभी बकाया राशि वसूलने से शुरुआत करें। फिर अपनी बचत, निवेश और आपातकालीन फंड का जायजा लें। यही वह पैसा है, जो आगे में आपके खर्चों को प्रबंधित करने में मदद करेगा।
- पुनर्भुगतान में मुश्किल तो बैंक से बात करें : अगर आपको ईएमआई या क्रेडिट कार्ड बिल चुकाने में मुश्किल हो रही है, तो अपने बैंक से संपर्क करें। कर्ज का बोझ घटाने के विकल्पों के बारे में पूछें। उदाहरण के लिए, आप अपनी ईएमआई कम करने के लिए कर्ज की अवधि बढ़ा सकते हैं।
- निवेश तोड़ने की जल्दबाजी न करें : छंटनी के बाद पैसों को लेकर चिंता होना स्वाभाविक है। नतीजतन, कभी-कभी निवेश को तोड़ने जैसे आवेगपूर्ण फैसले भी लिए जा सकते हैं। ऐसा करने से बचें, जब तक कि जरूरी खर्चों पर असर न पड़े। इसके बजाय, नई नौकरी मिलने तक अपना एसआईपी रोक दें, लेकिन निवेश से पूरी तरह बाहर निकलने से बचें।
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बीमा की छूट अवधि का जरूर उठाएं लाभ
अगर आपको अगला बीमा प्रीमियम चुकाने में मुश्किल हो रही है, तो घबराएं नहीं। ज्यादातर बीमा कंपनियां जीवन बीमा के लिए 30 दिन और स्वास्थ्य बीमा के लिए 15 दिन की छूट अवधि देती हैं। सटीक समय-सीमा जानने के लिए बीमा कंपनी से संपर्क करें। इसके अलावा, अगर आपको तुरंत पैसे की जरूरत है, तो गैर-जरूरी संपत्तियां बेच सकते हैं। इससे आवश्यक जरूरतों के लिए पैसे बच सकते हैं। -आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंक बाजार