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Banking: 'फोन बैंकिंग ने बैंकों को बर्बाद किया', जानें राज्यसभा में ऐसा क्यों बोलीं वित्त मंत्री सीतारमण

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Tue, 05 Dec 2023 05:51 PM IST
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सार

Nirmala Sitharaman: सीतारमण ने सदन को बताया कि 31 मार्च, 2023 तक 13,978 ऋण खातों के खिलाफ वसूली के लिए कानूनी मुकदमे दायर किए गए थे। इनमें से 11,483 मामलों में SARFAESI अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की गई। 5,674 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है और कुल 33,801 करोड़ रुपये की राशि वसूल की गई।

Public sector banks get Rs 15,183 cr following ED action under PMLA: Sitharaman
निर्मला सीतारमण - फोटो : amarujala.com
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा को सूचित किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन रोकथाम कानून के तहत 15,186.64 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है और इनमें से लगभग सारी राशि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सौंप दी गई हैं। राज्यसभा में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि चूककर्ताओं के खिलाफ विभिन्न कानूनी प्रावधानों के तहत विशिष्ट कार्रवाई की जा रही है और इसके परिणामस्वरूप बैंकों के पास 'भारी धनराशि' वापस आ रही है। 

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31 मार्च, 2023 तक 13,978 ऋण खातों के खिलाफ वसूली के लिए मुकदमे दायर किए गए

सीतारमण ने सदन को बताया कि 31 मार्च, 2023 तक 13,978 ऋण खातों के खिलाफ वसूली के लिए कानूनी मुकदमे दायर किए गए थे। इनमें से 11,483 मामलों में SARFAESI अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की गई। 5,674 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है और कुल 33,801 करोड़ रुपये की राशि वसूल की गई।

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उन्होंने कहा, ''एक दिसंबर, 2023 तक ईडी ने पीएमएलए के तहत 15,186.64 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है, जिसमें से 15,183.77 करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को दिए गए हैं।" अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने मंत्री से 'फोन बैंकिंग' का अर्थ बताने को कहा जिसका उल्लेख एक पूरक प्रश्न के उत्तर में किया गया था।

वित्त मंत्री ने बताया- कैसे फोन बैंकिंग ने बैंकों को किया बर्बाद?

सीतारमण ने कहा कि 'फोन बैंकिंग' वह तरीका है जिसके जरिए राजनीतिक हस्तक्षेप (2004-2014 के संप्रग शासन के दौरान) ने हमारे सभी बैंकों को बर्बाद कर दिया और उन्हें घाटे की स्थिति में पहुंचा दिया। मंत्री ने कहा, 'फोन बैंकिंग उस समय थी जब लोग बैंकों को फोन कर कहते थे कि फलां आदमी आपके बैंक से ऋण लेने आएंगे, कृपया इसे प्रदान करें', जिसका अर्थ है कि उनकी पात्रता आदि को देखने की कोई आवश्यकता नहीं है और ऋण दिया जाना चाहिए।


उन्होंने आगे कहा कि समस्या का केंद्र 2004 और 2014 के बीच यूपीए शासन के 10 वर्षों के दौरान था जब उन लोगों को ऋण देने के लिए कॉल किए गए थे जो ऋण प्राप्त करने के योग्य ही नहीं थे। उन्होंने कहा, "भारतीय बैंकों को सुधारों के जरिए सुलझाने का बोझ हम पर आ गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे पूर्ववर्ती अरुण जेटली (पूर्व वित्त मंत्री) सहित हम सभी के साथ बैठे। हमने यह समझने में काफी समय बिताया कि समस्या कहां है। उसके बाद हमने आरबीआई के साथ मिलकर काम किया।

मोदी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती 

उन्होंने कहा कि इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि एनपीए में किस चीज का योगदान रहा। उनके अनुसार भारतीय बैंकों को असल में दोहरे बैलेंस शीट की समस्या का सामना करना पड़ा, इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओ की लिस्ट में शामिल हो गई। मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, जिसने पिछली तिमाही में 7.6 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर दर्ज की है। सीतारमण ने सदन को यह भी बताया कि पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (अब यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक के साथ विलय) ने एजेंसियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से 104.02 करोड़ रुपये की वसूली की है।

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