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Banking: सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में मजबूत प्रदर्शन किया, ऋण व जमा दोनों में इजाफा
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Tue, 12 Nov 2024 05:42 PM IST
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सार
Public Sector Banks: वित्त मंत्रालय के अनुसार, पीएसबी के वैश्विक ऋण और जमा पोर्टफोलियो में सालाना आधार पर 12.9 प्रतिशत और 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, और यह क्रमशः 102.29 लाख करोड़ रुपये और 133.75 लाख करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में परिचालन और शुद्ध लाभ 1,50,023 करोड़ रुपये रहा।

भारतीय अर्थव्यवस्था।
- फोटो : amarujala

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विस्तार
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें कुल कारोबार 236.04 लाख करोड़ रुपये रहा, जो साल दर साल (वाईओवाई) 11 प्रतिशत की वृद्धि है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार यह बात कही। मंत्रालय के अनुसार, पीएसबी के वैश्विक ऋण और जमा पोर्टफोलियो में सालाना आधार पर 12.9 प्रतिशत और 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, और यह क्रमशः 102.29 लाख करोड़ रुपये और 133.75 लाख करोड़ रुपये रहा।
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वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में परिचालन राजस्व और शुद्ध लाभ क्रमश: 1,50,023 करोड़ और 85,520 करोड़ रुपये रहा। इसमें क्रमशः 14.4 प्रतिशत और 25.6 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की गई। सकल और शुद्ध एनपीए जो ऋणदाताओं पर वित्तीय दबाव को दर्शाता है, सितंबर 2024 तक 3.12 प्रतिशत और 0.63 प्रतिशत रहा। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सकल और शुद्ध एनपीए दोनों में क्रमशः 108 बीपीएस और 34 बीपीएस की गिरावट आई है।
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वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में, पूंजी-से-जोखिम भारित संपत्ति अनुपात (सीआरएआर) सितंबर-24 में 15.43 प्रतिशत था, जबकि नियामक आवश्यकता 11.5 प्रतिशत है। सीआरएआर अनुपात पूंजी की तुलना जोखिम-भारित परिसंपत्तियों से करता है और बैंक की विफलता के जोखिम को निर्धारित करने के लिए नियामकों की ओर से इसकी निगरानी की जाती है। इसका उपयोग जमाकर्ताओं की सुरक्षा और दुनिया भर में वित्तीय प्रणालियों की स्थिरता और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।
मंत्रालय ने आगे कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड और ब्लॉकचेन तकनीक आदि जैसी नई तकनीकें अपनाने में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मौजूदा डिजिटल बुनियादी ढांचे को भी अपडेट कर रहे हैं, साइबर सुरक्षा जोखिमों से निपटने के लिए आवश्यक सिस्टम और नियंत्रण स्थापित कर रहे हैं और ग्राहकों को बेहतरीन सेवाएं प्रदान करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं।
मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को एक बैठक की अध्यक्षता की और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ कई मौजूदा और उभरते मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। मंत्रालय ने कहा कि सुधारों और नियमित निगरानी ने कई चिंताओं और चुनौतियों का समाधान किया है, और इसके परिणामस्वरूप ऋण अनुशासन, तनावग्रस्त परिसंपत्तियों की पहचान और समाधान, जिम्मेदार ऋण, बेहतर शासन, वित्तीय समावेशन पहल, प्रौद्योगिकी अपनाने आदि के लिए उन्नत प्रणालियाँ और प्रक्रियाएँ स्थापित हुई हैं। इन उपायों से पूरे भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की वित्तीय सेहत और मजबूती बनी हुई है, जैसा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वर्तमान प्रदर्शन में परिलक्षित होता है।