बुढ़ापे का सहारा है रिवर्स मॉर्गेज
रिवर्स मॉर्गेज वरिष्ठ नागरिकों के लिए बुढ़ापे का सहारा बन सकता है, जो उनकी संपत्ति का उपयोग कर आय प्रदान करता है। यह योजना न केवल वित्तीय सुरक्षा देती है, बल्कि परिवार के बोझ को भी कम करती है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
विस्तार
बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रिवर्स मॉर्गेज एक प्रभावी उपाय हो सकता है। यह योजना वरिष्ठ नागरिकों को उनकी संपत्ति का उपयोग कर नियमित आय प्राप्त करने में मदद कर सकती है। यह न केवल वित्तीय स्थिरता प्रदान करती है, बल्कि परिवार के बोझ को भी कम करती है।
रिवर्स मॉर्गेज वरिष्ठ नागरिकों के लिए बुढ़ापे का सहारा बन सकता है, जो उनकी संपत्ति का उपयोग कर आय प्रदान करता है। यह योजना न केवल वित्तीय सुरक्षा देती है, बल्कि परिवार के बोझ को भी कम करती है। हालांकि, जोखिमों और कानूनी पहलुओं को समझना जरूरी है ताकि यह योजना सरदर्द नहीं बल्कि लाभकारी साबित हो।
रिवर्स मॉर्गेज क्या है
फाइनेंशियल एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक रिवर्स मॉर्गेज एक ऐसी वित्तीय योजना है, जिसमें वरिष्ठ नागरिक अपनी संपत्ति को बंधक रखकर उम्र के आधार पर नियमित आय प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है, जिनकी संपत्ति का मूल्य 50 लाख रुपए या अधिक हो। योजना के तहत, ऋण राशि उम्र, संपत्ति के मूल्य और ब्याज दरों पर निर्भर करती है।
आय और लाभ
इस योजना से वरिष्ठ नागरिकों को मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक आधार पर आय मिल सकती है। उदाहरण के लिए, 70 साल की उम्र में 1 करोड़ रुपए की संपत्ति पर 5-7 लाख रुपए तक की राशि प्राप्त हो सकती है। यह राशि जीवन भर या संपत्ति बेचने तक उपलब्ध रहती है। परिवार के लिए यह बोझ कम करने का एक साधन है।
पात्रता और प्रक्रिया
रिवर्स मॉर्गेज के लिए पात्रता में न्यूनतम उम्र 60 साल और संपत्ति का स्वामित्व शामिल है। आवेदन के लिए बैंक से संपर्क करना होगा, जहां संपत्ति का मूल्यांकन और कानूनी सत्यापन किया जाता है। प्रक्रिया में 15-30 दिन लग सकते हैं, और ऋण राशि सीधे खाते में जमा होती है।
जोखिम और सावधानियां
रिवर्स मॉर्गेज में ब्याज दरें बढ़ने से ऋण राशि बढ़ सकती है। यदि संपत्ति का मूल्य ऋण से कम हो जाता है, तो उत्तराधिकारी को नुकसान हो सकता है। इसलिए, योजना में प्रवेश से पहले वकील या वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूरी है।
परिवार और उत्तराधिकार
रिवर्स मॉर्गेज के तहत, संपत्ति बंधक रहती है, लेकिन मृत्यु के बाद उत्तराधिकारी इसे बेचकर ऋण चुकता कर सकते हैं या संपत्ति अपने पास रख सकते हैं। यह योजना परिवार के बीच संपत्ति विवाद को कम करने में मदद करती है, बशर्ते सभी पक्ष सहमत हों।
कर लाभ
रिवर्स मॉर्गेज से प्राप्त आय पर कर छूट मिल सकती है, क्योंकि यह ऋण माना जाता है, न कि आय। आयकर अधिनियम के तहत, इस राशि पर कर नहीं लगता, जो वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे एक आकर्षक विकल्प बनाता है। कर लाभ वित्तीय योजना को और लाभकारी बनाता है।
बैंकिंग विकल्प
कई बैंकों, जैसे SBI, PNB और HDFC, रिवर्स मॉर्गेज योजना प्रदान करते हैं। ब्याज दरें 8-10 फीसद के बीच हो सकती हैं, जो बाजार की स्थिति पर निर्भर करती हैं। ग्राहकों को अपनी जरूरतों के अनुसार योजना चुननी चाहिए और नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
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