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काम की खबर: कभी-कभी नहीं होते डाउन पेमेंट के लिए पैसे, तो जानिए तब भी कैसे खरीदें अपना मकान
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 30 Aug 2021 08:05 AM IST
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सार
मकान खरीदने के इच्छुक कई ग्राहकों के पास ईएमआई चुकाने की क्षमता तो होती है, लेकिन डाउन पेमेंट के लिए एकमुश्त राशि नहीं होने से मामला अटक जाता है। ऐसे ग्राहक पर्सनल लोन से मकान का डाउन पमेंट कर सकते हैं, जबकि शेष राशि बैंकों से होम लोन के जरिये मिल जाएगी। दोनों कर्ज के लिए एकसाथ कैसे करें आवेदन, पेश है प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट....

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- फोटो : social media

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विस्तार
पर्सनल लोन से करें भरपाई
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बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि एक ग्राहक संपत्ति खरीदने के लिए कई लोन ले सकता है। बशर्ते उसकी आय बैंक के मानकों को पूरी करती हो। मकान खरीदने के लिए बैंक या एनबीएफसी बाजार कीमत की अधिकतम 90% राशि ही कर्ज के रूप में देते हैं, जबकि सामान्य तौर पर संपत्ति का 80% ही कर्ज मिलता है।
शेष 20% राशि डाउन पेमेंट के रूप में ग्राहक को ही जुटानी होती है। कई बार ग्राहकों के पास यह 20% एकमुश्त राशि नहीं होती। ऐसे ग्राहक होम लोन लेने के बाद पर्सनल लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस राशि का इस्तेमाल मकान का डाउन पेमेंट चुकाने में किया जा सकता है।
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होम लोन में रजिस्ट्री,स्टॉप का खर्च शामिल नहीं
मकान खरीदने के लिए होम लोन में संपत्ति का मूल्य ही नहीं चुकाना होता, बल्कि रजिस्ट्री और स्टांप शुल्क का खर्च भी शामिल होता है। होम लोन देने वाले बैंक इस राशि को शामिल नहीं करते, जिसका सीधा असर मकान खरीदार की जेब पर पड़ता है। ऐसे में डाउन पेमेंट के साथ इस खर्च का जुगाड़ भी पर्सनल लोन से किया जा सकता है।
देश में स्टांप शुल्क सपंत्ति के बाजार मूल्य का औसतन 5 से सात फीसदी होता है जबकि एक फीसदी तक रजिस्ट्री खर्च लगता है। बैंक लोन प्रोसेसिंग शुल्क भी लेते हैं, जिस पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है। प्रोसेसिंग शुल्क कर्ज की कुल राशि का एक फीसदी हो सकता है। इसी राशि पर आपको 18 फीसदी जीएसटी भी देना होगा।
बेहतर क्रेडिट स्कोर
होम व पर्सनल लोन साथ पाने के लिए क्रेडिट स्कोर बेहतर होना जरूरी है। बैंकिंग क्षेत्र पर बढ़ते जोखिम की वजह से अब आपका क्रेडिट इतिहास काफी महत्वपूर्ण हो गया है। होम और पर्सनल लोन के लिए करीब 79% आवेदन उन्हीं के मंजूर हुए, जिनका क्रेडिट स्कोर 750 अंक या उससे ज्यादा था।
दो लोन के आवेदन में बरतें चार सावधानियां
आयकर की 50% से ज्यादा ईएमआई नहीं
बैंक एक से ज्यादा लोन तभी देते हैं, जब संयुक्त ईएमआई आपकी मासिक आय के 50% से कम हो। आपकी आय व कर्ज का अनुपात जितना कम होगा, लोन मिलने की संभावना उतनी ज्यादा रहेगी। आय-कर्ज का अधिक अनुपात बैंकों पर जोखिम बढ़ा देता है।
संयुक्त आवेदन से बढ़ेगे मौके
पति-पत्नी, पिता या भाई के साथ संयुक्त आवेदन कर सकते हैं। बैंक जब दो व्यक्तियों के आय का स्रोत और दस्तावेज देखेंगे, तो लोन पास होना आसान हो जाएगा। इससे कर्ज की राशि भी बढ़ सकती है और ब्याज दर भी कम होने की संभावना रहेगी।
फ्लेक्सी पर्सनल लोन बेहतर
दो कर्ज का साथ प्रबंधन करने के लिए फ्लेक्सी पर्सनल लोन बेहतर विकल्प हो सकता है। कई बैंक व एनबीएफसी यह सुविधा देते हैं। इसमें क्षमता के आधार पर कर्ज की राशि मंजूर हो जाती है। यहां जरूरत के हिसाब से निकासी कर सकते हैं। आपको ब्याज उसी राशि पर देना पड़ेगा, जिसका इस्तेमाल करेंगे।