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Supreme Court: डीबीएस बैंक के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई खारिज, कोर्ट ने कहा- मुकदमे की अनुमति न्याय का मजाक होगा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Wed, 13 Sep 2023 08:47 PM IST
सार
जस्टिस एस रविंद्र और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि यह कार्रवाई लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक में विलय से पहले उसके चार अधिकारियों के खिलाफ होनी थी।
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लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस इंडिया में हुआ था विलय
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने डीबीएस बैंक के खिलाफ सावधि खाते में कथित हेरा-फेरी मामले में आपराधिक कार्रवाई रद्द कर दी है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देना न्याय का मजाक होगा। बता दें कि जिस मामले में कार्रवाई की मांग की जा रही है, वह लक्ष्मी विलास बैंक का है। 27 नवंबर 2020 को लक्ष्मी विलास बैंक का सिंगापुर के डीबीएस बैंक में विलय हो गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
जस्टिस एस रविंद्र और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि यह कार्रवाई लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक में विलय से पहले उसके चार अधिकारियों के खिलाफ होनी थी। जज ने कहा कि आपराधिक कानून के तहत व्यक्तिगत जिम्मेदारों की जवाबदेही, एकीकरण से अप्रभावित रहती है। कोर्ट ने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक मामले में लोगों का बैंकिंग सेक्टर में भरोसा दांव पर था। जिसके बाद आरबीआई के दखल के बाद डीबीएस ने लक्ष्मी विलास बैंक के पूरी कार्यप्रणाली, प्रबंधन और देनदारियों की विलय के तहत जिम्मेदारी दी गई। ऐसे में लक्ष्मी विलास बैंक के अधिकारियों के कृत्यों के लिए डीबीएस बैंक के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देना न्याय का मजाक होगा।
कोर्ट ने कहा कि समामेलन योजना का खंड 3(3) आरोपी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का प्रावधान करता है और इसके लिए बचावकर्ता बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में डीबीएस बैंक के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी। जिसके खिलाफ डीबीएस बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
जस्टिस एस रविंद्र और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि यह कार्रवाई लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक में विलय से पहले उसके चार अधिकारियों के खिलाफ होनी थी। जज ने कहा कि आपराधिक कानून के तहत व्यक्तिगत जिम्मेदारों की जवाबदेही, एकीकरण से अप्रभावित रहती है। कोर्ट ने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक मामले में लोगों का बैंकिंग सेक्टर में भरोसा दांव पर था। जिसके बाद आरबीआई के दखल के बाद डीबीएस ने लक्ष्मी विलास बैंक के पूरी कार्यप्रणाली, प्रबंधन और देनदारियों की विलय के तहत जिम्मेदारी दी गई। ऐसे में लक्ष्मी विलास बैंक के अधिकारियों के कृत्यों के लिए डीबीएस बैंक के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देना न्याय का मजाक होगा।
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कोर्ट ने कहा कि समामेलन योजना का खंड 3(3) आरोपी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का प्रावधान करता है और इसके लिए बचावकर्ता बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में डीबीएस बैंक के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी। जिसके खिलाफ डीबीएस बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।