बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर DGCA ने एयरपोर्ट के लिए जारी किए दिशा-निर्देश
- जनवरी 2019 से विमान दुर्घटनाएं काफी बढ़ गई हैं
- DGCA ने एयरपोर्ट के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं
- इससे पहले ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट भी अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया गया था
विस्तार
हाल ही में एक हादसे में स्पाइसजेट के एक इंजीनियर की मृत्यु हो गई थी। जिसके मद्देनजर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरपोर्ट और एयरलाइन कंपनियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि वह दो महीनों में ऑडिट करेगा और उसके बाद एक साल में चार बार ऑडिट किया जाएगा। इससे ये सुनिश्चित किया जाएगा कि नियमों का उल्लंघन न हो।
इस संदर्भ में डीजीसीए के प्रमुख अरुण कुमार ने कहा है कि बढ़ती दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए एक साल में चार बार ऑडिट होगा। शुक्रवार को इसकी सूचना एयरपोर्ट में दी गई।
इसलिए बढ़ रही हैं दुर्घटनाएं
मौजूदा समय में एयरपोर्ट ज्यादा व्यस्त रहने लग गए हैं, जबकि पहले ऐसा नहीं था। यही कारण है जिसकी वजह से एयरक्राफ्ट से जुड़ी दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। जनवरी 2019 से काफी दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनकी वजह से और भी सावधानी बरतने की जरूरत है। डीजीसीए के दिशा-निर्देशों में पेसेंजर बोर्डिंग ब्रिज, एयरक्राफ्ट फ्यूलिंग, पुशबैक, आदि शामिल है।
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अनिवार्य हुई कर्मियों के नशे की जांच
इससे पहले डीजीसीए ने महत्वपूर्ण पहल करते हुए एयर ट्रैफिक कंट्रोलर, विमान के रखरखाव कर्मी और ग्राउंड स्टाफ का ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट अनिवार्य करने का प्रस्ताव भी दिया था। इसके अभी केवल पायलट और चालक दल के सदस्यों का ही यह टेस्ट किया जाता है कि वह शराब के नशे में हैं या नहीं।
संवेदनशील विमान सेवा में नशे के प्रभाव में होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए डीजीसीए ने यह पहल की है। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे एक बड़ा कदम बताया है।
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