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Unemployment: मौसमी बदलावों के कारण मई में बेरोजगारी दर बढ़कर 5.6% हुई, महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Mon, 16 Jun 2025 08:47 PM IST
सार
केंद्र सरकार की ओर से बेरोजगारी के आंकड़े जारी किए गए हैं। देश में मई के दौरान मौसमी उतार-चढ़ाव की वजह से बेरोजगारी दर बढ़कर 5.6 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल महीने में 5.1 प्रतिशत थी। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
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बेरोजगारी
- फोटो : एडोव
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विस्तार
देश में मई 2025 के दौरान बेरोजगारी दर बढ़कर 5.6 प्रतिशत पहुंच गई, जो अप्रैल में 5.1 प्रतिशत थी। यह वृद्धि मुख्य रूप से मौसमी उतार-चढ़ाव और भीषण गर्मी के कारण हुई, जिससे कृषि और श्रम से जुड़ी गतिविधियों पर असर पड़ा। यह जानकारी सोमवार को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी मासिक श्रम सर्वेक्षण (पीएलएफएस) में सामने आई।
युवा और महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित
नवीनतम सर्वेक्षण के मुताबिक, पिछले महीने पुरुषों में बेरोजगारी दर 5.6 प्रतिशत रही, जबकि महिलाओं में थोड़ी अधिक 5.8 प्रतिशत थी। युवाओं पर बेरोजगारी की अधिक मार देखने को मिली है। मई में राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 15-29 आयु वर्ग के लिए बढ़कर 15 प्रतिशत हो गई जबकि अप्रैल में यह 13.8 प्रतिशत थी।
शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर अप्रैल के 17.2 प्रतिशत से बढ़कर मई में 17.9 प्रतिशत हो गई, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह पिछले महीने के 12.3 प्रतिशत से बढ़कर 13.7 प्रतिशत तक पहुंच गई। खासकर, 15-29 आयु वर्ग की महिलाओं में बेरोजगारी दर पूरे देश में बढ़कर 16.3 प्रतिशत हो गई जबकि अप्रैल में यह 14.4 प्रतिशत थी। पुरुषों में इसी आयु वर्ग के लिए यह दर 13.6 प्रतिशत से बढ़कर 14.5 प्रतिशत हो गई। आंकड़ों से यह भी सामने आया है कि 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) मई में घटकर 54.8 प्रतिशत रह गई जो अप्रैल में 55.6 प्रतिशत थी।
शहरी-ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गिरावट
शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में रोजगार की स्थिति कमजोर हुई:
श्रम बल भागीदारी और कार्यरत जनसंख्या अनुपात में गिरावट
रिपोर्ट बताती है कि श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) मई में घटकर 54.8 प्रतिशत रह गई, जो अप्रैल में 55.6 प्रतिशत थी।
महिलाओं की भागीदारी दर में गिरावट ग्रामीण इलाकों में अस्थायी और अवैतनिक कार्यों से बाहर होने वाली महिलाओं की संख्या में कमी से जुड़ी है। श्रमिक जनसंख्या अनुपात (WPR) भी घटकर मई में 51.7 प्रतिशत हो गया, जो अप्रैल में 52.8 प्रतिशत था। ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 54.1%, जबकि शहरी क्षेत्रों में 46.9% दर्ज किया गया।
कृषि गतिविधियों में मंदी और गर्मी बनी कारण
मंत्रालय ने कहा कि रबी फसलों की कटाई समाप्त होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि गतिविधियों में गिरावट आई, जिससे रोजगार के अवसर घटे। साथ ही, मई में अत्यधिक गर्मी के चलते शारीरिक श्रम से जुड़े कार्यों में भी कमी आई।
नीतिगत दृष्टिकोण के लिए उपयोगी
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि मासिक आधार पर दिख रहे ये उतार-चढ़ाव मौसमी, शैक्षणिक और अन्य सामाजिक-आर्थिक कारकों के कारण हैं और ये दीर्घकालिक प्रवृत्तियों का पूर्ण रूप से प्रतिनिधित्व नहीं करते।
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युवा और महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित
नवीनतम सर्वेक्षण के मुताबिक, पिछले महीने पुरुषों में बेरोजगारी दर 5.6 प्रतिशत रही, जबकि महिलाओं में थोड़ी अधिक 5.8 प्रतिशत थी। युवाओं पर बेरोजगारी की अधिक मार देखने को मिली है। मई में राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 15-29 आयु वर्ग के लिए बढ़कर 15 प्रतिशत हो गई जबकि अप्रैल में यह 13.8 प्रतिशत थी।
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शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर अप्रैल के 17.2 प्रतिशत से बढ़कर मई में 17.9 प्रतिशत हो गई, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह पिछले महीने के 12.3 प्रतिशत से बढ़कर 13.7 प्रतिशत तक पहुंच गई। खासकर, 15-29 आयु वर्ग की महिलाओं में बेरोजगारी दर पूरे देश में बढ़कर 16.3 प्रतिशत हो गई जबकि अप्रैल में यह 14.4 प्रतिशत थी। पुरुषों में इसी आयु वर्ग के लिए यह दर 13.6 प्रतिशत से बढ़कर 14.5 प्रतिशत हो गई। आंकड़ों से यह भी सामने आया है कि 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) मई में घटकर 54.8 प्रतिशत रह गई जो अप्रैल में 55.6 प्रतिशत थी।
शहरी-ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गिरावट
शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में रोजगार की स्थिति कमजोर हुई:
- शहरी बेरोजगारी दर अप्रैल के 17.2% से बढ़कर 17.9% हो गई।
- ग्रामीण बेरोजगारी दर 12.3% से बढ़कर 13.7% हो गई।
श्रम बल भागीदारी और कार्यरत जनसंख्या अनुपात में गिरावट
रिपोर्ट बताती है कि श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) मई में घटकर 54.8 प्रतिशत रह गई, जो अप्रैल में 55.6 प्रतिशत थी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 58% से घटकर 56.9% हो गई।
- शहरी क्षेत्रों में यह 50.7% से घटकर 50.4% रही।
महिलाओं की भागीदारी दर में गिरावट ग्रामीण इलाकों में अस्थायी और अवैतनिक कार्यों से बाहर होने वाली महिलाओं की संख्या में कमी से जुड़ी है। श्रमिक जनसंख्या अनुपात (WPR) भी घटकर मई में 51.7 प्रतिशत हो गया, जो अप्रैल में 52.8 प्रतिशत था। ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 54.1%, जबकि शहरी क्षेत्रों में 46.9% दर्ज किया गया।
कृषि गतिविधियों में मंदी और गर्मी बनी कारण
मंत्रालय ने कहा कि रबी फसलों की कटाई समाप्त होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि गतिविधियों में गिरावट आई, जिससे रोजगार के अवसर घटे। साथ ही, मई में अत्यधिक गर्मी के चलते शारीरिक श्रम से जुड़े कार्यों में भी कमी आई।
नीतिगत दृष्टिकोण के लिए उपयोगी
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि मासिक आधार पर दिख रहे ये उतार-चढ़ाव मौसमी, शैक्षणिक और अन्य सामाजिक-आर्थिक कारकों के कारण हैं और ये दीर्घकालिक प्रवृत्तियों का पूर्ण रूप से प्रतिनिधित्व नहीं करते।