जेट की 75 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में कर्मचारी-आदि समूह, लगाई बोली
कर्ज के बोझ तले दबे होने की वजह से अस्थाई रूप से बंद हुई जेट एयरवेज के लिए रोशनी की किरण दिखाई पड़ी है। दरअसल जेट एयरवेज कर्मचारियों के संघ और एडीआई ग्रुप ने बंद पड़ी एयरलाइंस की 75 फीसदी हिस्सेदारी की बोली लगाने के लिए साझेदारी की घोषणा की है।
कर्मचारियों के समूह और आदि ग्रुप ने एक बयान के माध्यम से इस साझेदारी की घोषणा की। संयुक्त बयान में कहा गया है कि यह भारतीय विमानन उद्योग के इतिहास में एक नए सवेरे की शुरुआत है। यह पहली बार होगा जब किसी विमानन कंपनी का प्रत्येक कर्मचारी उसका मालिक होगा और उसका परिचालन भी कर रहा होगा।
हजारों कर्मचारी हुए थे बेरोजगार
जेट एयरवेज के बंद होने से हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। एयरलाइन का दोबारा संचालन शुरू होने से कर्मचारियों को राहत मिलेगी। यह जेट एयरवेज को खरीदने की अपने तरह की पहली ऐसी पहल है। कर्ज के बोझ से दबी जेट एयरवेज देश की पहली ऐसी विमानन कंपनी है जो एनसीएलटी की प्रक्रिया का सामना कर रही है।
बैंकों का 8500 करोड़ रुपये बकाया
एनसीएलटी में कंपनी के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक ने 26 अन्य ऋणदाताओं की ओर से 20 जून को दिवाला एवं शोधन अक्षमता प्रक्रिया शुरू करने की याचिका दायर की थी। जेट एयरवेज पर बैंकों का करीब 8500 करोड़ रुपया और वेंडरों, पट्टा देने वालों और कर्मचारियों इत्यादि का 25,000 करोड़ रुपया बकाया है।
दिवालिया प्रक्रिया मजबूरी
कर्ज संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करना कर्जदाता बैंकों की मजबूरी है। जेट एयरवेज के कर्जदाता समूह बैंकों की अगुवाई करने वाले एसबीआई ने शुक्रवार को कहा कि एतिहाद की मांगें पूरी करना हमारे लिए संभव नहीं था। ऐसे में एनसीएलटी जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।