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म्यूचुअल फंड: बना रहे हैं निवेश की योजना? सही फंड चुनने से पहले इन पांच बातों का रखें ध्यान

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: ‌डिंपल अलावाधी Updated Fri, 15 Oct 2021 12:45 PM IST
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सार

सफल निवेश करने के लिए सही फंड चुनने से पहले कुछ पहलुओं पर विचार करने की आवश्यकता होती है। विभिन्न एसेट क्लास में निवेश करके विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो बनाने की भी सलाह दी जाती है।

Planning to invest in Mutual Funds Keep these five things in mind before choosing the right fund
निवेश - फोटो : pixabay

विस्तार
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म्यूचुअल फंड सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से हैं जो नए निवेशकों, अधिक अनुभवी निवेशकों और निवेश में व्यापक रूप से अनुभवी लोग चुन सकते हैं। स्मार्ट और सोच-समझकर फैसले लेने के लिए अपने ज्ञान बढ़ाने की आवश्यकता और इसका उत्साह होना आवश्यक है। संक्षेप में, म्यूचुअल फंड एक निवेश योजना है जो निवेश प्रोडक्ट बनाने के लिए कई निवेशकों के धन को पूल में एकत्रित करती है। फिर फंड मैनेजर इस पैसे को स्टॉक, गोल्ड, बॉन्ड आदि सहित विभिन्न प्रतिभूतियों को खरीदने के लिए निवेश कर सकता है। हालांकि, प्रत्येक म्यूचुअल फंड का एक निश्चित उद्देश्य होता है।

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आप या तो म्यूचुअल फंड में एक व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) के माध्यम से निवेश कर सकते हैं, जिसके लिए निवेशक को निश्चित अंतराल में या एकमुश्त निवेश के माध्यम से समय-समय पर निवेश करने की आवश्यकता होगी। म्यूचुअल फंड खाता खोलना सहज और सुविधाजनक है, क्योंकि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आज पहली बार निवेशकों को पंजीकरण प्रक्रिया को कुछ ही मिनटों में और पूरी तरह से कागज रहित तरीके से पूरा करने में मदद करते हैं, यह जानना महत्वपूर्ण है कि निवेश करने के लिए सही म्यूचुअल फंड कैसे चुनें।
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आइए Groww के सह-संस्थापक और सीओओ हर्ष जैन के मुताबिक जानते हैं कि सही म्यूचुअल फंड चुनने के चरण क्या हैं-

1) अपनी रिसर्च करें
जब सही म्यूचुअल फंड चुनने की बात आती है, तो विचार करने के लिए कई पैरामीटर हैं - रिटर्न की उम्मीद, जोखिम को लेकर सहनशीलता, निवेश का होराइजन, निवेश का ज्ञान, आदि, और निवेश को पिछले प्रदर्शन, व्यय अनुपात, एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM), आपके फंड मैनेजर का अनुभव, और बहुत कुछ के आधार पर आंका जा सकता है। प्रारंभ में अपनी निवेश यात्रा शुरू करने से पहले कुछ हद तक रिसर्च करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रिसर्च आपको अधिक सूचित विकल्प बनाने में मदद करेगा और आपको म्यूचुअल फंड स्पेस में "क्या क्या है" के बारे में स्पष्टता प्राप्त करने में सक्षम करेगा।

2) अपना लक्ष्य जानें 
म्यूचुअल फंड चुनने से पहले, पहला कदम लक्ष्य तय करना है - वह समय सीमा जिसके लिए आप निवेश करना चाहते हैं, रिटर्न की उम्मीदें, आदि, क्योंकि ये आपको एक ऐसा फंड चुनने में मदद करेंगे जो आपकी जरूरतों के लिए सबसे उपयुक्त हो। हालांकि, एक स्पष्ट लक्ष्य के अभाव में भी किसी को अपनी यात्रा की अवधि कम करने की आवश्यकता नहीं है।

एक लक्ष्य में निवेश का उद्देश्य भी शामिल हो सकता है। उदाहरण के लिए, उच्च शिक्षा, घर के लिए डाउन पेमेंट, या सेवानिवृत्ति जैसे दीर्घकालिक लक्ष्य भी हो सकते हैं। लक्ष्य के आधार पर, कोई सही म्यूचुअल फंड श्रेणी - डेट म्यूचुअल फंड, इक्विटी म्यूचुअल फंड, या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड का निर्धारण करने में सक्षम होगा।

3) रिस्क एनालिसिस करें
यह न केवल निवेशक की जोखिम लेने की क्षमता पर लागू होता है बल्कि प्रत्येक म्यूचुअल फंड के साथ आने वाले जोखिमों को भी समझता है और क्या यह उनकी जोखिम सहनशीलता के अनुरूप है। उदाहरण के लिए, इक्विटी म्यूचुअल फंड उच्च स्तर के जोखिम के साथ आते हैं और पोर्टफोलियो में अल्पावधि में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। लेकिन इक्विटी म्यूचुअल फंड से रिटर्न अक्सर अन्य फंडों की तुलना में अधिक होता है, जो उन्हें उन निवेशकों के लिए उपयुक्त बनाता है जो 'हाई रिस्क हाई-रिवॉर्ड अप्रोच' के साथ जाने के इच्छुक हैं।

दूसरी ओर, डेट म्यूचुअल फंड कम जोखिम के साथ आते हैं और अधिक स्थिर होते हैं, लेकिन रिटर्न इक्विटी म्यूचुअल फंड की तुलना में कम होते हैं और अक्सर सुरक्षात्मक विचार रखने वाले निवेशकों और शुरुआती लोगों के लिए आदर्श होते हैं।

4) व्यय अनुपात को नियंत्रित रखें 
व्यय अनुपात निवेश के उचित प्रबंधन के लिए लिया जाने वाला कमीशन है। एक निवेशक के रूप में म्यूचुअल फंड की तलाश महत्वपूर्ण है जो कम व्यय अनुपात के साथ आता है क्योंकि व्यय अनुपात की गणना निवेशक के कुल पोर्टफोलियो में की जाती है और इसका एक महत्वपूर्ण प्रभाव होगा। यह अक्सर कहा जाता है कि एयूएम जितना अधिक होगा, व्यय अनुपात उतना ही कम होगा। 

5) अपने निवेश से आकर्षित होने वाले करों पर विचार करें
टैक्स पर विचार करना एक ऐसी चीज है जिसे निवेशकों, विशेष रूप से शुरुआती लोगों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इक्विटी म्यूचुअल फंड से मिलने वाले रिटर्न पर होल्डिंग पीरियड और लागू टैक्स रेट के आधार पर टैक्स लगता है। टैक्स के बाद रिटर्न के मामले में म्यूचुअल फंड अक्सर कुशल होते हैं। उदाहरण के लिए लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ (36 महीने और उससे अधिक) पर 1 लाख रुपए की छूट सीमा से अधिक पर 10% कर लगाया जाता है, जबकि अल्पकालिक पूंजीगत लाभ पर 15% की दर से कर लगाया जाता है।

सबसे महत्वपूर्ण
निवेश की यात्रा शुरू करना कठिन काम लग सकता है, लेकिन एक बार जब आप निवेश करना शुरू कर देते हैं और निवेश, विभिन्न शब्दजाल आदि के बारे में अधिक सीखते हैं, तो निवेश करना स्वस्थ आदत बन जाएगी जो आपको वेल्थ बनाने में मदद करेगी। सफल निवेश करने के लिए सही फंड चुनने से पहले उपरोक्त पहलुओं पर विचार करने की आवश्यकता होगी। आपको फंड के प्रदर्शन की निगरानी करने और आवश्यकता पड़ने पर बदलाव करने की भी आवश्यकता होगी। विभिन्न एसेट क्लास में निवेश करके विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो बनाने की भी सलाह दी जाती है।

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