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Chandigarh News: आयुष्मान, हिमकेयर के बाद अब प्राइवेट ग्रांट सेल घोटाले में भी दुर्लभ मास्टरमाइंड
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चंडीगढ़। पीजीआई में प्राइवेट ग्रांट सेल के 1.14 करोड़ रुपये के घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि आरोपी दुरलभ कुमार केवल प्राइवेट ग्रांट घोटाले तक सीमित नहीं था बल्कि आयुष्मान भारत और हिमकेयर योजनाओं में हुए घोटालों का भी वही मास्टरमाइंड रहा है। इससे पहले चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच करोड़ों रुपये के घोटाले में उसे गिरफ्तार कर चुकी थी, इसके बावजूद वह लंबे समय तक पीजीआई में घपले करता रहा।
सीबीआई जांच में सामने आया है कि पीजीआई के गोल चौक स्थित फोटोस्टेट शॉप चलाने वाला दुर्लभ अपने पार्टनर साहिल सूद के साथ मिलकर प्राइवेट ग्रांट सेल के अधिकारियों से सांठगांठ कर इस घोटाले को अंजाम दे रहा था। प्राइवेट ग्रांट सेल के तहत गरीब और जरूरतमंद मरीजों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता को फर्जी दस्तावेजों के जरिए दुर्लभ, साहिल और उनके रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर किया जाता था जिसे बाद में आपस में बांट लिया जाता था। जांच में यह भी सामने आया कि कुछ मामलों में मृत मरीजों के नाम पर भी ग्रांट ली गई।
सीबीआई ने इस मामले में पीजीआई के छह कर्मचारियों समेत कुल आठ आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों में रिटायर्ड जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट धर्मचंद, मेडिकल रिकॉर्ड क्लर्क सुनील कुमार, एलडीसी प्रदीप सिंह और चेतन गुप्ता, हॉस्पिटल अटेंडेंट नेहा और प्राइवेट ग्रांट सेल कर्मचारी गगनप्रीत सिंह शामिल हैं। सीबीआई सभी आरोपियों की भूमिका की गहन जांच कर रही है।
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सीबीआई जांच में सामने आया है कि पीजीआई के गोल चौक स्थित फोटोस्टेट शॉप चलाने वाला दुर्लभ अपने पार्टनर साहिल सूद के साथ मिलकर प्राइवेट ग्रांट सेल के अधिकारियों से सांठगांठ कर इस घोटाले को अंजाम दे रहा था। प्राइवेट ग्रांट सेल के तहत गरीब और जरूरतमंद मरीजों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता को फर्जी दस्तावेजों के जरिए दुर्लभ, साहिल और उनके रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर किया जाता था जिसे बाद में आपस में बांट लिया जाता था। जांच में यह भी सामने आया कि कुछ मामलों में मृत मरीजों के नाम पर भी ग्रांट ली गई।
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सीबीआई ने इस मामले में पीजीआई के छह कर्मचारियों समेत कुल आठ आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों में रिटायर्ड जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट धर्मचंद, मेडिकल रिकॉर्ड क्लर्क सुनील कुमार, एलडीसी प्रदीप सिंह और चेतन गुप्ता, हॉस्पिटल अटेंडेंट नेहा और प्राइवेट ग्रांट सेल कर्मचारी गगनप्रीत सिंह शामिल हैं। सीबीआई सभी आरोपियों की भूमिका की गहन जांच कर रही है।