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पंजाब यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई करने वाले सैंकड़ों बच्चों के सपने हो रहे चकनाचूर, जानिए कैसे
अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: खुशबू गोयल
Updated Wed, 21 Oct 2020 10:48 AM IST
सार
- कानून की पढ़ाई को जारी मेरिट में बड़ा खेल, लीगल स्टडीज के नाम पर दिए अंक
- कक्षा 12 में लीगल स्टडीज पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दिया दो फीसदी अंकों का लाभ
- प्रॉस्पेक्ट्स में जिक्र नहीं, सैकड़ों छात्रों को नुकसान, उच्च न्यायालय जाने की तैयारी
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प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : Pixabay
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विस्तार
पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाने करने वाले सैकड़ों छात्रों का सपना चकनाचूर हो रहा है। पीयू ने कक्षा 12 में लीगल स्टडीज पढ़े विद्यार्थियों को दो फीसदी अंकों का लाभ दे दिया जबकि इसकी जानकारी प्रॉस्पेक्ट्स में दी ही नहीं गई। प्रारंभिक मेरिट लिस्ट जारी हुई तो इस खेल का खुलासा हुआ। छात्रों में इसे लेकर आक्रोश है।
उन्होंने यूआईएलएस के अलावा वाइस चांसलर के पास बड़ी संख्या में आपत्तियां दायर की हैं। पीयू के यूआईएलएस विभाग से पांच वर्षीय कानून (लॉ) की पढ़ाई करवाई जाती है। इस कोर्स में दाखिले के लिए बड़ी संख्या में विद्यार्थी आते हैं। इस बार भी छात्रों ने आवेदन किए थे। इसी तरह तीन वर्षीय कानून (लॉ) की पढ़ाई भी पीयू करवाती है। इसके लिए भी आवेदन मांगे गए थे।
दोनों के आवेदन आने के बाद मेरिट जारी कर दी गई। सोमवार शाम मेरिट जारी हुई तो विद्यार्थियों ने अपने-अपने लॉगिन, पासवर्ड से मेरिट चेक की। जांच करने के बाद विद्यार्थी खुद हैरत में पड़ गए। उन्होंने देखा कि कक्षा 12 में लीगल स्टडीज विषय पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दो फीसदी अंकों का लाभ दे दिया गया। इस कारण सैकड़ों विद्यार्थियों की मेरिट प्रभावित हो गई।
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उन्होंने यूआईएलएस के अलावा वाइस चांसलर के पास बड़ी संख्या में आपत्तियां दायर की हैं। पीयू के यूआईएलएस विभाग से पांच वर्षीय कानून (लॉ) की पढ़ाई करवाई जाती है। इस कोर्स में दाखिले के लिए बड़ी संख्या में विद्यार्थी आते हैं। इस बार भी छात्रों ने आवेदन किए थे। इसी तरह तीन वर्षीय कानून (लॉ) की पढ़ाई भी पीयू करवाती है। इसके लिए भी आवेदन मांगे गए थे।
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दोनों के आवेदन आने के बाद मेरिट जारी कर दी गई। सोमवार शाम मेरिट जारी हुई तो विद्यार्थियों ने अपने-अपने लॉगिन, पासवर्ड से मेरिट चेक की। जांच करने के बाद विद्यार्थी खुद हैरत में पड़ गए। उन्होंने देखा कि कक्षा 12 में लीगल स्टडीज विषय पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दो फीसदी अंकों का लाभ दे दिया गया। इस कारण सैकड़ों विद्यार्थियों की मेरिट प्रभावित हो गई।
गुरमन गीत की मेरिट 40 से पहुंची 150 पार
चंडीगढ़ के सेक्टर-24 निवासी छात्रा गुरमन गीत कौर पांडेय ने कहा कि उन्होंने तीन वर्षीय कानून की पढ़ाई में दाखिले के लिए आवेदन किया था। परीक्षा नहीं करवाई गई थी, इसलिए सभी विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए 50 अंक बराबर दिए गए थे। बाकी मेरिट कक्षा 12वीं के अंकों के आधार पर बननी थी। प्रॉस्पेक्टस में यह नहीं दर्शाया गया था कक्षा 12 में लीगल स्टडीज पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दो फीसदी अंकों का लाभ मिलेगा। जब मेरिट सोमवार को जारी की गई तो चौंकाने वाली बात सामने आई। उसमें कुछ विद्यार्थियों को इसका लाभ दिया गया।
लीगल स्टडीज विषय अधिकांश कॉलेजों में नहीं है। इसके बावजूद लाभ दिया गया। यह विद्यार्थियों के साथ धोखा है। उनके पिता संजीव पांडेय कहते हैं कि यह गलत किया गया है। पीयू ने इस बात की जानकारी मेरिट जारी करने से एक घंटे पहले ही वेबसाइट पर दी। उनकी बेटी की मेरिट 40वीं रैंक पर आ रही थी लेकिन लीगल स्टडीज का वेटेज अन्य छात्रों को देने से बेटी की मेरिट 150वीं रैंक से अधिक पहुंच गई। यही दिक्कत छात्र रोहित शर्मा, राजेश शर्मा आदि की है। उन्होंने भी आपत्तियां दायर की हैं। सभी ने कहा कि पीयू ने इसमें सुधार नहीं किया तो वे उच्च न्यायालय जाएंगे।
सीनेटर डॉ. जगदीश मेहता ने भी लिखा वीसी को पत्र
पीयू सीनेटर डॉ. जगदीश मेहता ने भी छात्रों की इस समस्या को प्रमुखता से उठाया और उन्होंने वीसी को पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि लीगल स्टडीज विषय पढ़ने वाले विद्यार्थियों को जो वेटेज दिया गया है, उसका जिक्र प्रॉस्पेक्ट्स में नहीं किया गया है। साथ ही एनएसएस के अंकों को लेकर भी संशय है। इस प्रकरण को गंभीरता से दिखवाया जाए ताकि छात्रों को नुकसान न हो सके।
लीगल स्टडीज विषय अधिकांश कॉलेजों में नहीं है। इसके बावजूद लाभ दिया गया। यह विद्यार्थियों के साथ धोखा है। उनके पिता संजीव पांडेय कहते हैं कि यह गलत किया गया है। पीयू ने इस बात की जानकारी मेरिट जारी करने से एक घंटे पहले ही वेबसाइट पर दी। उनकी बेटी की मेरिट 40वीं रैंक पर आ रही थी लेकिन लीगल स्टडीज का वेटेज अन्य छात्रों को देने से बेटी की मेरिट 150वीं रैंक से अधिक पहुंच गई। यही दिक्कत छात्र रोहित शर्मा, राजेश शर्मा आदि की है। उन्होंने भी आपत्तियां दायर की हैं। सभी ने कहा कि पीयू ने इसमें सुधार नहीं किया तो वे उच्च न्यायालय जाएंगे।
सीनेटर डॉ. जगदीश मेहता ने भी लिखा वीसी को पत्र
पीयू सीनेटर डॉ. जगदीश मेहता ने भी छात्रों की इस समस्या को प्रमुखता से उठाया और उन्होंने वीसी को पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि लीगल स्टडीज विषय पढ़ने वाले विद्यार्थियों को जो वेटेज दिया गया है, उसका जिक्र प्रॉस्पेक्ट्स में नहीं किया गया है। साथ ही एनएसएस के अंकों को लेकर भी संशय है। इस प्रकरण को गंभीरता से दिखवाया जाए ताकि छात्रों को नुकसान न हो सके।