सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Chandigarh ›   Consume bamboo shoots Capable of reducing cholesterol, sugar and preventing cancer, proven in research

बांस की टहनी का सेवन करें: काॅलेस्ट्रॉल, शुगर घटाने और कैंसर से बचाने में सक्षम, शोध में हुआ साबित

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Mon, 23 Dec 2024 12:34 PM IST
सार

बांस को मिरेकल ग्रास भी कहा जाता है और यह पहला पौधा था जो हिरोशिमा में परमाणु बम हमले के बाद लगा। बांस कठोर मौसम की परिस्थितियों को झेल सकता है और दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला पौधा है। स्वास्थ्य लाभ के अलावा यह पर्यावरण के लिए अच्छा है। बांस अन्य पौधों के मुकाबले 35 प्रतिशत अधिक कार्बन डाइऑक्साइड कम करता है।

विज्ञापन
Consume bamboo shoots Capable of reducing cholesterol, sugar and preventing cancer, proven in research
बांस - फोटो : संवाद
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

कॉलेस्ट्रॉल, शुगर कम करने के लिए मरीज बांस की टहनियों (बैंबू शूट्स) का सेवन कर सकते हैं, जो इसके लिए फायदेमंद है। बांस में फाइटोसिरोल, फिनोल और डाइटरी फाइबर होने से यह बीमारियों की रोकथाम करने में मदद करता है। 
Trending Videos


बांस एंटीकारसिनोजैनिक है, जिससे यह कैंसर से बचाव करने में मददगार है। अक्सर उत्तर भारत में निर्माण, फर्नीचर, बैग आदि चीजें बनाने के लिए प्रयोग होने वाला बांस पोषक तत्वों से भरपूर है। इस बात का खुलासा पंजाब यूनिवर्सिटी के बॉटनी विभाग की प्रोफेसर निर्मला चोंगथम ने किया है।
विज्ञापन
विज्ञापन

चूहे पर हुई टेस्टिंग

एल्सवेयर के टेलेंटा जर्नल में प्रकाशित कंपेरेटिव हेपेटो-एमिलियोरेटिव इफेक्ट्स ऑफ बैंबूसा न्यूट्नस फ्रेश एंड फरमेंटिड शूट एक्स्ट्रैक्टस ऑन एसटीजेड इनड्यूस्ड डायबिटिक लेका माइस शोधपत्र में प्रो. निर्मला ने चूहे पर टेस्टिंग कर बांस (बैंबूसा न्यूट्नस-बांस स्पीशिज) के डायबिटीज और लीवर पर सकारात्मक प्रभाव देखे। चीन, ताईवान, भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में बांस का खाने के रूप में सेवन आम बात है, लेकिन उत्तरी राज्यों में इसे अधिक प्रयोग में नहीं लाया गया है।

बांस को अधिक पानी की जरूरत नहीं 

प्रो. निर्मला ने बताया कि बांस को पंजाब की डीग्रेडिड जमीनों पर उगाया जा सकता है जहां अन्य फसलों की खेती नहीं हो रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बांस की खेती के लिए अधिक पानी की जरूरत नहीं है, इसकी जड़ें जमीन से नमी सोखकर लेती हैं। मानसून सीजन में एक बार बांस लगाने पर वह बिना कीटनाशक, उर्वरक के प्रयोग के खुद से बढ़ता रहेगा। बांस लगाने में किसानों को न्यूनतम निवेश करना होगा।

बांस की टहनियों में यह पोषक तत्व

बैंबू शूट्स को सूपर फूड भी कहा जाता है। वसा और शुगर की मात्रा कम होने के साथ इसमें फाइबर और एन्टि-ऑक्सिडेंट्स भरपूर हैं। बैंबू शूट्स में पोटाशियम, मैंगनीज, आयरन, कैलशियम, जिंक, कॉपर, क्रोमियम, मिनरल्स प्रमुख और फासफोरस, सेलेनियम अल्प मात्रा में है। इसमें विटामिन ए, विटामिन बी-6 और विटामिन ई पाया जाता है। बांस में अन्य सब्जियों के मुकाबले प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक है।

स्वास्थ्य के लिए बताया श्रेष्ठ

प्रो. निर्मला ने उनके द्वारा शोध में शामिल 25 बांस की स्पीशीज में से बैंबूसा न्यूट्नस, बैंबूसा बालकोआ, डेंड्रोकेलेमस ऐस्पर, डेंड्रोकेलेमस हेमिलट्रोनी और डेंड्रोकेलेमस गिगेंटस को स्वास्थ्य के लिए सबसे श्रेष्ठ बताया।

बांस के स्वास्थ्य लाभों पर किताब लिख चुकी हैं प्रो. निर्मला

अमेरिका आधारित निर्लाभ संगठन वर्ल्ड बैंबू ऑर्गेनाइजेशन बांस के विकास पर कार्य कर रही है। डब्ल्यूबीजी में अलग-अलग देशों से 50 विभिन्न फील्ड एक्स्पर्ट्स को बैंबू एंबेसडर के रूप में चुना गया है। भारत से प्रो. निर्मला 2015 से बैंबू एंबेसडर हैं। नीति आयोग द्वारा चलाए बैंबू डेवलपमेंट मिशन में प्रो. निर्मला ने फूड एंड बैवरेज सेक्शन के कनवीनर की भूमिका निभाई। एक दशक से अधिक समय से बांस के पौधों की 25 स्पीशिज पर शोध कर रहीं प्रो. निर्मला के 10 से ज्यादा शोध पत्र विभिन्न साइंटिफिक जर्नल में प्रकाशित हैं। प्रो. निर्मला बैंबू शूट, सूपरफूड फॉर न्यूट्रिशन और हेल्थ एंड मेडिसिन शीर्षक से किताब लिख चुकी हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed