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आओ कैरियर संवारेः हर फील्ड को चाहिए अर्थशास्त्री, पंजाब यूनिवर्सिटी से कोर्स कीजिए, नौकरी पाइए
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प्रतीकात्मक तस्वीर

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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को कौन नहीं जानता। उनकी गिनती दुनिया के जाने माने अर्थशास्त्री में होती है। पीएम बनने से पहले उन्होंने कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी संभाली है। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से ही ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी। पीयू पहले होशियारपुर में संचालित था। उनकी पढ़ाई के बाद पीयू के अर्थशास्त्र विभाग को एक अलग पहचान मिली। अर्थशास्त्र की हर क्षेत्र में डिमांड है। विभाग से पास आउट विद्यार्थी आज देश दुनिया में नाम कमा रहे हैं।
पीयू का अर्थशास्त्र विभाग 1954 के बाद बना। शुरू में विभाग में सीटें कम थीं, लेकिन प्रवेश हो जाते थे। जैसे जैसे सरकारी व प्राइवेट क्षेत्र का विस्तार हुआ तो अर्थशास्त्रियों की जरूरत और बढ़ने लगी। आज हर क्षेत्र में विश्लेषकों की जरूरत है जो कि अर्थशास्त्री होते हैं। विभाग एमए अर्थशास्त्र की पढ़ाई करवा रहा है।
इसमें 86 सीटें हैं। हर साल प्रवेश के लिए विभाग को 500 से अधिक आवेदन मिलते हैं। विभाग प्रवेश परीक्षा के जरिये दाखिले करता है। जून में दाखिले की प्रक्रिया शुरू होती है। विभाग बीएम ऑनर्स भी करवा रहा है। यह च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम के तहत संचालित है जो यूजीसी ने शुरू किया है। इसमें 35 सीटें हैं। इस कोर्स में प्रवेश मेरिट के आधार पर होते हैं।
हर क्षेत्र में अर्थशास्त्र की डिमांड
विभाग में हर साल आवेदन अधिक आते हैं। अर्थशास्त्र की डिमांड हर क्षेत्र में है। निजी क्षेत्र को अधिक आवश्यकता होती है। बड़े से बड़े पदों तक युवा पहुंचते हैं। यहां से पासआउट विद्यार्थी देश दुनिया में पीयू का नाम रोशन कर रहे हैं। अर्थशास्त्र से जिसने भी पढ़ाई की है वह युवा खाली नहीं बैठा है। हर किसी को नौकरी मिली है। साथ ही वेतन भी अच्छा मिलता है। रिसर्च इंस्टीट्यूट में अर्थशास्त्र से पढ़ाई करने वाले लोगों की डिमांड बढ़ी है। बैंकिंग, कारपोरेट क्षेत्र में भी इसकी जबर्दस्त मांग है।
- प्रो. सत्य प्रसाद पाढ़ी, चेयरमैन अर्थशास्त्र विभाग
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पीयू का अर्थशास्त्र विभाग 1954 के बाद बना। शुरू में विभाग में सीटें कम थीं, लेकिन प्रवेश हो जाते थे। जैसे जैसे सरकारी व प्राइवेट क्षेत्र का विस्तार हुआ तो अर्थशास्त्रियों की जरूरत और बढ़ने लगी। आज हर क्षेत्र में विश्लेषकों की जरूरत है जो कि अर्थशास्त्री होते हैं। विभाग एमए अर्थशास्त्र की पढ़ाई करवा रहा है।
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इसमें 86 सीटें हैं। हर साल प्रवेश के लिए विभाग को 500 से अधिक आवेदन मिलते हैं। विभाग प्रवेश परीक्षा के जरिये दाखिले करता है। जून में दाखिले की प्रक्रिया शुरू होती है। विभाग बीएम ऑनर्स भी करवा रहा है। यह च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम के तहत संचालित है जो यूजीसी ने शुरू किया है। इसमें 35 सीटें हैं। इस कोर्स में प्रवेश मेरिट के आधार पर होते हैं।
हर क्षेत्र में अर्थशास्त्र की डिमांड
विभाग में हर साल आवेदन अधिक आते हैं। अर्थशास्त्र की डिमांड हर क्षेत्र में है। निजी क्षेत्र को अधिक आवश्यकता होती है। बड़े से बड़े पदों तक युवा पहुंचते हैं। यहां से पासआउट विद्यार्थी देश दुनिया में पीयू का नाम रोशन कर रहे हैं। अर्थशास्त्र से जिसने भी पढ़ाई की है वह युवा खाली नहीं बैठा है। हर किसी को नौकरी मिली है। साथ ही वेतन भी अच्छा मिलता है। रिसर्च इंस्टीट्यूट में अर्थशास्त्र से पढ़ाई करने वाले लोगों की डिमांड बढ़ी है। बैंकिंग, कारपोरेट क्षेत्र में भी इसकी जबर्दस्त मांग है।
- प्रो. सत्य प्रसाद पाढ़ी, चेयरमैन अर्थशास्त्र विभाग