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आओ करियर संवारें: पंजाब यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र की पढ़ाई करके भविष्य बनाएं, आईएएस बनें
अमर उजाला नेटवर्क, चंडीगढ़
Published by: पंचकुला ब्यूरो
Updated Mon, 02 Mar 2020 04:10 PM IST
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फाइल फोटो

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समाजशास्त्र सिविल सेवा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों का पसंदीदा विषय बनता जा रहा है। इसका प्रमुख कारण यह है कि इसकी तैयारी आसानी से हो जाती है और इससे जुड़ी किताबें भी बहुत हैं। इस विषय के जरिये तमाम विद्यार्थियों ने सिविल सेवा में भी बाजी मारी है। पंजाब यूनिवर्सिटी समाजशास्त्र से एमए करवा रहा है। एडमिशन मेरिट के आधार पर होता है। यदि दाखिला हो गया तो कई क्षेत्रों में विद्यार्थियों के लिए रोजगार के काफी अवसर होते हैं।
पीयू का समाजशास्त्र विभाग काफी पुराना है। यहां के तमाम एलुमनी सिविल सेवा से लेकर एनजीओ आदि में परचम लहरा रहे हैं। विदेशों में भी अपनी सेवाएं यह दे रहे हैं। पीयू से एमए समाजशास्त्र में 78 सीटें हैं। इसके लिए हर साल एक हजार से अधिक आवेदन आते हैं।
पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के विद्यार्थी यहां दाखिले के लिए आते हैं तो उन्हें मेरिट में कुछ अंक का लाभ मिलता है। इसके अलावा इवेंट, खेल आदि में बाजी मारने वाले विद्यार्थियों को रियायत मिलती है। समाजशास्त्र में सीटें काफी हैं, लेकिन आवेदन भी खूब आते हैं। शिक्षकों का मानना है कि यदि यहां से मास्टर डिग्री कोई विद्यार्थी कर लेता है तो नौकरी का संकट नहीं रहता है।
अप्रैल से शुरू होती है एडमिशन प्रक्रिया
विभाग के प्रोफेसर विनोद कुमार चौधरी कहते हैं कि अप्रैल से ही एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। मेरिट के आधार पर प्रवेश मिलता है। समाजशास्त्र से मास्टर डिग्री करने के बाद विद्यार्थियों को यूनाइटेड नेशन, रेडक्रॉस, इंटरनेशनल एनजीओ और सेना में नौकरी मिल जाती है। इसके अलावा रिसर्च स्कूल में भी रोजगार के अवसर मिलते हैं।
स्कूल, कॉलेजों में शिक्षक भी बना जा सकता है। एनजीओ आदि खोलकर समाजसेवा की ओर भी अग्रसर हुआ जा सकता है। अन्य लोगों को भी इसके जरिए जोड़ा जा सकता है। पूरी दुनिया में यहां के एलुमनी हैं जो विभाग के अलावा देश का नाम भी रोशन कर रहे हैं।
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पीयू का समाजशास्त्र विभाग काफी पुराना है। यहां के तमाम एलुमनी सिविल सेवा से लेकर एनजीओ आदि में परचम लहरा रहे हैं। विदेशों में भी अपनी सेवाएं यह दे रहे हैं। पीयू से एमए समाजशास्त्र में 78 सीटें हैं। इसके लिए हर साल एक हजार से अधिक आवेदन आते हैं।
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पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के विद्यार्थी यहां दाखिले के लिए आते हैं तो उन्हें मेरिट में कुछ अंक का लाभ मिलता है। इसके अलावा इवेंट, खेल आदि में बाजी मारने वाले विद्यार्थियों को रियायत मिलती है। समाजशास्त्र में सीटें काफी हैं, लेकिन आवेदन भी खूब आते हैं। शिक्षकों का मानना है कि यदि यहां से मास्टर डिग्री कोई विद्यार्थी कर लेता है तो नौकरी का संकट नहीं रहता है।
अप्रैल से शुरू होती है एडमिशन प्रक्रिया
विभाग के प्रोफेसर विनोद कुमार चौधरी कहते हैं कि अप्रैल से ही एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। मेरिट के आधार पर प्रवेश मिलता है। समाजशास्त्र से मास्टर डिग्री करने के बाद विद्यार्थियों को यूनाइटेड नेशन, रेडक्रॉस, इंटरनेशनल एनजीओ और सेना में नौकरी मिल जाती है। इसके अलावा रिसर्च स्कूल में भी रोजगार के अवसर मिलते हैं।
स्कूल, कॉलेजों में शिक्षक भी बना जा सकता है। एनजीओ आदि खोलकर समाजसेवा की ओर भी अग्रसर हुआ जा सकता है। अन्य लोगों को भी इसके जरिए जोड़ा जा सकता है। पूरी दुनिया में यहां के एलुमनी हैं जो विभाग के अलावा देश का नाम भी रोशन कर रहे हैं।