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Haryana: करनाल में कांग्रेसी नेता की कोठी से सियासी बिसात बिछा रहे मनोहर लाल, तीन माह के लिए है किराये पर
सोमदत्त शर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Fri, 26 Apr 2024 10:55 AM IST
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सार
मनोहर लाल संगठन के हेडमास्टर माने जाते हैं। आरएसएस में होते हुए वह प्रदेश के तमाम शहरों गलियों में घूम चुके हैं। मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद से मनोहर लाल ने अपने इसी अनुभव के चलते दोबारा से प्रदेश भाजपा के संगठन को संभाल लिया है।

करनाल में मनोहर लाल ने किराये पर ली कोठी।
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व करनाल लोकसभा से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मनोहर लाल करनाल में किराये की एक कोठी से सियासी बिसात बिछा रहे हैं। दसों सीटों को लेकर अचूक चुनावी रणनीति तैयार करने के लिए उन्होंने जो कोठी किराये पर ली है, वह करनाल के ही एक कांग्रेस नेता की है। पूर्व मुख्यमंत्री यहीं से न केवल खुद का चुनाव प्रबंधन देख रहे हैं, बल्कि मुख्यमंत्री सिंह सैनी के करनाल विधानसभा उपचुनाव के साथ-साथ प्रदेश भाजपा के चुनाव प्रचार को धार भी दे रहे हैं।
करनाल के सेक्टर-6 स्थित 167 नंबर कोठी को मनोहर लाल ने तीन माह के लिए किरायानामा किया है। खास बात ये है कि इस कोठी में आरएसएस और दिल्ली हाईकमान से जुड़े कुछ विश्वसनीय पदाधिकारियों की ही एंट्री है। स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं की यहां आवाजाही नहीं है। करनाल के नेताओं से मिलने के लिए मनोहर लाल ने सेक्टर 8 स्थित भाजपा के कार्यालय में समय तय कर रखा है। वह भाजपा कार्यालय में ही पदाधिकारियों की बैठक लेते हैं और निर्देश देते हैं। दिनभर की राजनीतिक गतिविधियों के बाद मनोहर लाल किराये की कोठी पर पहुंचते हैं और यहां पर तमाम सियासी गुणा भाग करते हैं।
इससे पहले, मनोहर लाल ने राम नगर में मकान लिया था, सीएम रहते यह मकान ही सीएम हाउस रहा और यहां पर उनके प्रतिनिधि बैठते थे, लेकिन बाद में इसे भाजपा के उप कार्यालय के तौर पर ही प्रयोग किया जा रहा है। कोठी किराये पर लेने को लेकर स्थानीय भाजपा नेता तर्क देते हैं कि क्योंकि रामनगर भीड़ का इलाका है, इसलिए सेक्टर-6 में कोठी किराये पर ली है, ताकि बिना लोगों की आवाजाही के प्रदेशभर के चुनावी माहौल पर निगरानी रखी जा सके और रणनीति तैयार की जा सके। हालांकि, कोठी को लेकर मनोहर लाल पहले ही कह चुके हैं, उनको बाद में पता लगा कि ये कांग्रेस नेता की कोठी है।
चौथे महीने दिल्ली में कोठी मिलने का आत्मविशवास
आत्मविश्वास से लबरेज मनोहर लाल को विश्वास है कि इस कोठी में मात्र तीन माह के लिए आशियाना रहेगा। चुनावों के बाद वह करनाल से सांसद होंगे और इसके नाते उनको दिल्ली में सरकारी कोठी मिल जाएगी। इसी कारण अप्रैल से लेकर जून माह तक ही इस कोठी का किरायानामा किया गया है। हालांकि, दिल्ली में कोठी मिलने का फैसला करनाल लोकसभा की जनता को करना है और इसका परिणाम 4 जून को ही हो पाएगा।
सीएम पद छोड़ने के बाद संगठन की कमान संभाली
इस समय नायब सिंह सैनी प्रदेश के सीएम हैं और प्रदेशाध्यक्ष का पद भी उनके पास ही है। भाजपा अभी तक नए प्रदेशाध्यक्ष तय नहीं कर पाई है। चूंकि सैनी को प्रचार के लिए प्रदेश के अलग अलग हलकों के साथ साथ पड़ोसी राज्यों में भी जाना पड़ रहा है, इसलिए संगठन को धार देने और मजबूती देने के लिए यह मोर्चा मनोहर लाल ने संभाला है। किस लोकसभा क्षेत्र में किस विपक्षी नेता को पार्टी में शामिल करना है या नहीं, ये फैसला इसी कोठी से हो रहा है। पिछले दिनों चरखी दादरी से पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान की भाजपा में एंट्री यहीं से हुई है।
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करनाल के सेक्टर-6 स्थित 167 नंबर कोठी को मनोहर लाल ने तीन माह के लिए किरायानामा किया है। खास बात ये है कि इस कोठी में आरएसएस और दिल्ली हाईकमान से जुड़े कुछ विश्वसनीय पदाधिकारियों की ही एंट्री है। स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं की यहां आवाजाही नहीं है। करनाल के नेताओं से मिलने के लिए मनोहर लाल ने सेक्टर 8 स्थित भाजपा के कार्यालय में समय तय कर रखा है। वह भाजपा कार्यालय में ही पदाधिकारियों की बैठक लेते हैं और निर्देश देते हैं। दिनभर की राजनीतिक गतिविधियों के बाद मनोहर लाल किराये की कोठी पर पहुंचते हैं और यहां पर तमाम सियासी गुणा भाग करते हैं।
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इससे पहले, मनोहर लाल ने राम नगर में मकान लिया था, सीएम रहते यह मकान ही सीएम हाउस रहा और यहां पर उनके प्रतिनिधि बैठते थे, लेकिन बाद में इसे भाजपा के उप कार्यालय के तौर पर ही प्रयोग किया जा रहा है। कोठी किराये पर लेने को लेकर स्थानीय भाजपा नेता तर्क देते हैं कि क्योंकि रामनगर भीड़ का इलाका है, इसलिए सेक्टर-6 में कोठी किराये पर ली है, ताकि बिना लोगों की आवाजाही के प्रदेशभर के चुनावी माहौल पर निगरानी रखी जा सके और रणनीति तैयार की जा सके। हालांकि, कोठी को लेकर मनोहर लाल पहले ही कह चुके हैं, उनको बाद में पता लगा कि ये कांग्रेस नेता की कोठी है।
चौथे महीने दिल्ली में कोठी मिलने का आत्मविशवास
आत्मविश्वास से लबरेज मनोहर लाल को विश्वास है कि इस कोठी में मात्र तीन माह के लिए आशियाना रहेगा। चुनावों के बाद वह करनाल से सांसद होंगे और इसके नाते उनको दिल्ली में सरकारी कोठी मिल जाएगी। इसी कारण अप्रैल से लेकर जून माह तक ही इस कोठी का किरायानामा किया गया है। हालांकि, दिल्ली में कोठी मिलने का फैसला करनाल लोकसभा की जनता को करना है और इसका परिणाम 4 जून को ही हो पाएगा।
सीएम पद छोड़ने के बाद संगठन की कमान संभाली
इस समय नायब सिंह सैनी प्रदेश के सीएम हैं और प्रदेशाध्यक्ष का पद भी उनके पास ही है। भाजपा अभी तक नए प्रदेशाध्यक्ष तय नहीं कर पाई है। चूंकि सैनी को प्रचार के लिए प्रदेश के अलग अलग हलकों के साथ साथ पड़ोसी राज्यों में भी जाना पड़ रहा है, इसलिए संगठन को धार देने और मजबूती देने के लिए यह मोर्चा मनोहर लाल ने संभाला है। किस लोकसभा क्षेत्र में किस विपक्षी नेता को पार्टी में शामिल करना है या नहीं, ये फैसला इसी कोठी से हो रहा है। पिछले दिनों चरखी दादरी से पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान की भाजपा में एंट्री यहीं से हुई है।