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पंजाब यूनिवर्सिटी में शिक्षकों के रिक्त पद भरने के लिए बुलाई गई बैठक, रोस्टर फिर बना बाधक

अमर उजाला नेटवर्क, चंडीगढ़ Published by: खुशबू गोयल Updated Wed, 26 Feb 2020 11:58 AM IST
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Punjab University VC Rajkumar Calls Emergency Meeting to Fill Vacant Seats of Teachers
पंजाब यूनिवर्सिटी के वीसी राजकुमार - फोटो : फाइल फोटो
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पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में शिक्षकों के रिक्त चल रहे पदों को भरने के लिए फिर से वीसी प्रो. राजकुमार ने इमरजेंसी बैठक बुलाई। बैठक में काफी देर मंथन हुआ, लेकिन निर्णय वही हुआ जो पहले से ही तय है। रोस्टर अब तक नहीं बनाया गया। जब रोस्टर लागू हो जाएगा, उसके बाद ही रिक्त पदों को भरने का काम शुरू होगा।
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पीयू में सभी विभागों से शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्यौरा जुटाया गया था। 250 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इन सभी को भरा जाना है। इसके लिए वीसी प्रो. राजकुमार ने मंगलवार को बैठक बुलाई। सीनेट के मेंबर्स भी पहुंचे। सीटों को भरने के लिए सभी ने प्रस्ताव रखे। आ रही बाधाओं को परखा गया। आखिर में कुछ सीनेट के मेंबर्स ने कहा कि रोस्टर अभी लागू नहीं हो पाया है।
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पहले इसकी प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए। इसके बार रोस्टर के बनाने की स्थिति जानी गई। पता चला कि इसका कार्य अभी पूरा नहीं हो पाया है। आखिर में तय हुआ कि जल्द से जल्द रोस्टर लागू करके रिक्त पदों को भरा जाएगा। रोस्टर के लागू करने में कितने दिन लगेंगे, इस पर भी बात की गई।

लगातार लग रहा अड़ंगा

पीयू में शिक्षकों की भर्ती पिछले साल निकाली गई थी। 26 असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद भरने के लि आवेदन मांगे गए थे। एक हजार से अधिक आवेदन पीयू को मिले, लेकिन बीच में सिंडिकेट ने ब्रेक लगा दिया। पहले तो निकाले गए रिक्त पदों का रिकॉर्ड देखा गया। विभागों की जरूरतों को भी सामने रखा गया।

उसके बाद एक और बैठक की गई, जिसमें नौ शिक्षकों की भर्ती को प्रथम चरण में अनुमति दी गई लेकिन वह भी नहीं हो पाई। लगातार मामला लेट हो रहा है जबकि नैक की ग्रेडिंग को समय नहीं बचा। सूत्रों का कहना है कि वीसी अपने तीन साल के कार्यकाल में शिक्षकों के सभी रिक्त पदों को भरना चाहते थे।

उसी के तहत खाली पदों का डाटा जुटाया गया लेकिन डेढ़ साल से अधिक बीत गया, अब तक सफलता नहीं मिल पाई। सूत्रों का कहना है कि रोस्टर को लागू करने में अभी छह माह और लग जाएंगे। ऐसे में शिक्षकों की भर्ती में और देरी होगी। स्टूडेंट-फैकल्टी अनुपात ठीक नहीं हो पाएगा तो रैंकिंग प्रभावित होगी।
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