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Chandigarh News: पहाड़ों से आ रहा पानी, पहली बार सीजन में 11वीं बार खुला सुखना लेक का फ्लड गेट
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पहाड़ों से आ रहा पानी, पहली बार सीजन में 11वीं बार खुला सुखना लेक का फ्लड गेट
- लेक में पानी का स्तर 1163 फीट पहुंचने के बाद सुबह 4 बजे खोला गया गेट, कुछ देर में बढ़ानी पड़ी हाइट
माई सिटी रिपोर्टर
चंडीगढ़। पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश से वीरवार को सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। इसके चलते सुबह करीब 4 बजे यूटी प्रशासन ने लेक के तीन फ्लड गेट्स में से एक को रिकॉर्ड 11वीं बार खोल दिया। अतिरिक्त पानी को सुखना चो के जरिये घग्गर नदी में छोड़ा गया।
अधिकारियों के अनुसार, फ्लड गेट सुबह करीब 4 बजे खोला गया और दोपहर 12:30 बजे बंद किया गया, जब लेक का जलस्तर घटकर लगभग 1162.90 फीट रह गया। इस मानसून सीजन में अब तक 11 बार फ्लड गेट खोला जा चुका है। इससे पहले 6, 3 और 1 सितंबर को और 30, 29, 19, 17, 15, 8 और 6 अगस्त को गेट खोला गया था। ये किसी भी मानसून सीजन में सबसे ज्यादा बार फ्लड गेट खोला गया है। यूटी इंजीनियरिंग विभाग ने लेक के रेगुलेटरी एंड पर 24 घंटे निगरानी के लिए अधिकारियों को तैनात किया है। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं और एक कंट्रोल रूम बनाया गया है ताकि चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला प्रशासन के साथ समन्वय कर बाढ़ नियंत्रण की स्थिति से निपटा जा सके। फ्लड गेट खोलने से पहले पड़ोसी जिलों के प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस को भी अलर्ट किया गया। पिछले वर्षों के आंकड़ों के अनुसार 2023 में चार बार, 2022 में छह बार और 2021 में पांच बार फ्लड गेट खोला गया था। अगस्त 2020 में दो फ्लड गेट खोले जाने से जीरकपुर के निचले इलाकों में भारी जलभराव हो गया था। वहीं, 24 सितंबर 2018 को 10 साल बाद पहली बार झील के गेट खोले गए थे।
जहां पानी छोड़ा जा रहा, वहीं नहा रहे लोग
वीरवार को लेक के पास एक और नजारा देखने को मिला। जहां फ्लड गेट से चो में पानी छोड़ा जा रहा है, वहीं कुछ दूर कई युवक मिट्टी वाले पानी में नहा रहे थे। ये सुरक्षा की नजर से भी काफी खतरनाक था क्योंकि दो हफ्ते पहले ही सुखना चो में डूबने से एक युवक की मौत हुई थी। सेक्टर-26 बापूधाम कॉलोनी का 26 वर्षीय युवक श्याम प्रेमचंद पानी के तेज बहाव में डूब गया और उसका शव कुछ दिन बाद बरामद हुआ। प्रेमचंद दोस्तों के साथ रेलवे ब्रिज के पास मछली पकड़ने गया था। उस समय लेक का फ्लड गेट खोले जाने के बाद सुखना चो में पानी का बहाव काफी तेज था। इसी दौरान अचानक उसका पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में बह गया।

- लेक में पानी का स्तर 1163 फीट पहुंचने के बाद सुबह 4 बजे खोला गया गेट, कुछ देर में बढ़ानी पड़ी हाइट
माई सिटी रिपोर्टर
चंडीगढ़। पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश से वीरवार को सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। इसके चलते सुबह करीब 4 बजे यूटी प्रशासन ने लेक के तीन फ्लड गेट्स में से एक को रिकॉर्ड 11वीं बार खोल दिया। अतिरिक्त पानी को सुखना चो के जरिये घग्गर नदी में छोड़ा गया।
अधिकारियों के अनुसार, फ्लड गेट सुबह करीब 4 बजे खोला गया और दोपहर 12:30 बजे बंद किया गया, जब लेक का जलस्तर घटकर लगभग 1162.90 फीट रह गया। इस मानसून सीजन में अब तक 11 बार फ्लड गेट खोला जा चुका है। इससे पहले 6, 3 और 1 सितंबर को और 30, 29, 19, 17, 15, 8 और 6 अगस्त को गेट खोला गया था। ये किसी भी मानसून सीजन में सबसे ज्यादा बार फ्लड गेट खोला गया है। यूटी इंजीनियरिंग विभाग ने लेक के रेगुलेटरी एंड पर 24 घंटे निगरानी के लिए अधिकारियों को तैनात किया है। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं और एक कंट्रोल रूम बनाया गया है ताकि चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला प्रशासन के साथ समन्वय कर बाढ़ नियंत्रण की स्थिति से निपटा जा सके। फ्लड गेट खोलने से पहले पड़ोसी जिलों के प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस को भी अलर्ट किया गया। पिछले वर्षों के आंकड़ों के अनुसार 2023 में चार बार, 2022 में छह बार और 2021 में पांच बार फ्लड गेट खोला गया था। अगस्त 2020 में दो फ्लड गेट खोले जाने से जीरकपुर के निचले इलाकों में भारी जलभराव हो गया था। वहीं, 24 सितंबर 2018 को 10 साल बाद पहली बार झील के गेट खोले गए थे।
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जहां पानी छोड़ा जा रहा, वहीं नहा रहे लोग
वीरवार को लेक के पास एक और नजारा देखने को मिला। जहां फ्लड गेट से चो में पानी छोड़ा जा रहा है, वहीं कुछ दूर कई युवक मिट्टी वाले पानी में नहा रहे थे। ये सुरक्षा की नजर से भी काफी खतरनाक था क्योंकि दो हफ्ते पहले ही सुखना चो में डूबने से एक युवक की मौत हुई थी। सेक्टर-26 बापूधाम कॉलोनी का 26 वर्षीय युवक श्याम प्रेमचंद पानी के तेज बहाव में डूब गया और उसका शव कुछ दिन बाद बरामद हुआ। प्रेमचंद दोस्तों के साथ रेलवे ब्रिज के पास मछली पकड़ने गया था। उस समय लेक का फ्लड गेट खोले जाने के बाद सुखना चो में पानी का बहाव काफी तेज था। इसी दौरान अचानक उसका पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में बह गया।