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Punjab: पीने लायक नहीं है फिरोजपुर में एथेनॉल संयंत्र के पास का पानी, CPCB रिपोर्ट में खुलासा
पीटीआई, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Sun, 21 May 2023 09:20 AM IST
सार
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, पानी के नमूनों में कुल घुलित ठोस (टीडीएस), बोरॉन और सल्फेट स्वीकार्य सीमा से अधिक मात्रा में पाए गए। इसमें कहा गया है कि संयंत्र के अंदर स्थित दो बोरवेल से लिए गए पानी के नमूनों में आर्सेनिक, क्रोमियम, लोहा, मैंगनीज, निकल और सीसे सहित भारी मात्रा में भारी धातुएं थीं।
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पीने का पानी
- फोटो : फाइल
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विस्तार
फिरोजपुर में एक एथेनॉल संयंत्र के पास 29 बोरवेल से लिए गए पानी के नमूने पीने के लिए अनुपयुक्त पाए गए हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पानी में एक अप्रिय गंध थी।
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, पानी के नमूनों में कुल घुलित ठोस (टीडीएस), बोरॉन और सल्फेट स्वीकार्य सीमा से अधिक मात्रा में पाए गए। इसमें कहा गया है कि संयंत्र के अंदर स्थित दो बोरवेल से लिए गए पानी के नमूनों में आर्सेनिक, क्रोमियम, लोहा, मैंगनीज, निकल और सीसे सहित भारी मात्रा में भारी धातुएं थीं।
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जनवरी में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ग्रामीणों द्वारा इकाई के खिलाफ आंदोलन के बाद संयंत्र को तत्काल बंद करने का आदेश दिया था। एक निरीक्षण दल ने यह भी पाया कि संयंत्र परिसर में 10 बोरवेल और छह पीजोमीटर कथित रूप से सीजीडब्ल्यूबी (केंद्रीय भूजल बोर्ड) या पीडब्ल्यूआरडीए (पंजाब जल विनियमन और विकास प्राधिकरण) से अनुमति प्राप्त किए बिना स्थापित किए गए थे।
सीपीसीबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से दो बोरवेल दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए कुछ मीटर की दूरी पर स्थापित किए गए थे। संयंत्र में स्थित पीजोमीटर और तीन बोरवेल से लिए गए नमूने भारी धातु संदूषण से मुक्त पाए गए। हालांकि, एक ही संयंत्र में स्थापित दो बोरवेल भारी धातुओं, सीओडी (रासायनिक ऑक्सीजन मांग) और रंग की उच्च सांद्रता से दूषित पाए गए थे, जो रिपोर्ट के अनुसार, रिवर्स बोरिंग या एक विशेष क्षेत्र में पंपिंग के माध्यम से दूषित अपशिष्ट जल के इंजेक्शन को इंगित करता है। सीपीसीबी की टीम ने इन दोनों बोरवेल में दूषित जोन स्थापित करने और उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए जांच की सिफारिश की है।
सीपीसीबी ने पीपीसीबी को दूषित भूजल और मिट्टी के मूल्यांकन और उपचार में विशेषज्ञता रखने वाली एक पेशेवर एजेंसी को नियुक्त करके एक विस्तृत पर्यावरण स्थल मूल्यांकन करने के लिए कहा है।
पीपीसीबी को आगे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि दूषित क्षेत्रों में भूजल के उपचार के लिए संयंत्र प्रशासन एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करे। इसके अलावा, सीपीसीबी ने पीपीसीबी से पर्यावरण मुआवजा (ईसी) लगाने या आसपास के पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने और भूजल के प्रदूषण के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा है।