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Bageshwar: धीरेंद्र शास्त्री बोले- घर वापसी कर लें पाकिस्तान, बेटा बाप से नहीं मिलेगा तो क्या अंकल से मिलेगा?
अमर उजाला ब्यूरो, रायपुर
Published by: ललित कुमार सिंह
Updated Sat, 04 Oct 2025 11:26 PM IST
सार
Bageshwar Sarkar pt dhirendra krishna shastr: मैं मध्य प्रदेश के मुरैना में पाकिस्तान पर दिए अपने बयान पर अडिग हूं।
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बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
- फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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विस्तार
Bageshwar Sarkar pt dhirendra krishna shastr: मैं मध्य प्रदेश के मुरैना में पाकिस्तान पर दिए अपने बयान पर अडिग हूं। वहां हमने कहा था कि पाकिस्तान घर वापसी कर लें और भारत के साथ मिल जाए। बेटा बाप से नहीं मिलेगा तो क्या अंकल से मिलेगा? आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ मीडिया संस्थानों ने उसे उलटा चला दिया पर उससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। ये बातें बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर के गुढ़ियारी में चल रहे हनुमंत कथा के पहले दिन शनिवार को कहीं।
उन्होंने श्रद्धालुजनों से माफी मांगते हुए कहा कि मुरैना से एयरपोर्ट आने में उन्हें तीन घंटा लग गया क्योंकि रास्ते में तीस हजार लोग थे इसलिए वे छत्तीसगढ़ आने में देरी हुई। कल से हम टाइम पर आ जाएंगे। बालाजी महाराज से वे छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए आर्शीवाद मांगते हुए कहा कि ऐसी ही कृपया यहां के लोगों पर हमेशा बनाए रखे। व्यासपीठ की पूर्जा अर्चना करने के बाद कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि जो कीर्तन नहीं गाता, जो धीरे-धीरे भी नहीं गाता है उसके भीतर का पाप बाहर निकल आता है और जो धीरे-धीरे गाता है उसके भीतर भी कीर्तन अपने आप घूस जाता है। अगर तुम बगल वाले का पाप अपने भीतर प्रवेश कराना चाहते हो तो धीरे-धीरे कीर्तन करो।
शास्त्री ने कहा कि हनुमान जी महाराज की बड़ी कृपया है कि छत्तीसगढ़ की पावन से उन्होंने कथा की शुरुआत की थी और फिर वहीं वापस आ गए। तीन साल पहले यहीं से कथा शुरु किए थे इसका मतलब यह हुआ कि लौट के बुद्धु घर पर आए। गुढिय़ारी वाले हनुमान जी महाराज की कृपया पूरे रायपुर पर बरसती है और हम अपने ममामा गांव में आ गए है, इसलिए हम तो छत्तीसगढ़ के भांचा है। यही वह जगह है जहां पहली बार कथा हुई थी, वही पंडाल और हमने यहां से हूंकार भरी थी कि हम तुम्हें हिन्दू राष्ट्र देंगे, बस करवाने वाला यजमान बदल गया। हनुमान महाराज को प्रणाम करते हुए कहा कि छत्तीसगढिय़ा, सबले बढ़िया। जहां पर भी वे कथा करते है छत्तीसगढ़ को कभी नहीं भूलते है और एक गाना जरुर गा लेते है चोला माटी के हे राम....। पहले जब हम गाना गाते थे तो आधा समझ आता था लेकिन अब पूरा समझ आने लग गया है। छत्तीसगढ़ का प्रेम अभूतपूर्व है और छत्तीसगढ़ के प्रेम को कभी भूला नहीं जा सकता और सच में महतारी ही है छत्तीसगढ़।
84 लाख यौनियों को पार करने के बाद मिलता है मानव तन
बागेश्वर सरकार ने कहा कि बढ़े भाग्य से मनुष्य तन मिलता है और मनुष्य तन मिलना बहुत कठिन है। जिंदगी में आपने जो मनुष्य तन पाया है उसे इतराओ, विचार करो की आप भैंसिया बने होते और कहीं बंधे होते, घोड़ा बने होते तो कहीं नाच रहे होते किसी की शादी में। मानव तन 84 लाख यौनियों को पार करने के बाद मिलता है, ये आपका सौभाग्य है कि मनुष्य तन भगवान ने आपको दिया, यह पहला भाग्य हुआ। दूसरा भाग्य यह है कि मनुष्य तो बनाया लेकिन बांग्लादेश का नहीं बनाया ना पाकिस्तान का, बनाया तो भारत का। अगर आप पाकिस्तान में होते तो क्या कर रहे होते बम बना रहे होते और विचार करो जो बम बनते है हमारे यहां फटाखा बन जाते हैं जो फूटते नहीं है।
चाइना वालों को ब्राम्हाजी ने बनाया है फोटोग्राफी
उन्होंने कहा कि अगर विचार करो तुम अगर चाइना के बने होते तो छोटी-छोटी आंखें, छोटा सा एक फोटो कॉपी जैसा चेहरा होता। चाइना वालों को देखकर ऐसा लगता है कि ब्राम्हा जी ने उन्हें फोटोग्राफी बनाकर इस दुनिया में भेजा है। लॉकडाउन के समय उन्होंने चाइना का एक फिल्म देख रहे थे तो उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि पूरी फिल्म में हीरो कौन है। वही विलेन, वहीं हीरो और वही बिटिया का पाप लगे और वैसे ही पड़ोसी लगे। हमें यही समझ आया कि चाइना वालों को ब्रॉम्हा जी ने फोटोकॉपी मशीन प्रदान कर दिया है।
कथा में सबको नहीं मिलता है आने को
उन्होंने कहा कि पहला भाग्य मनुष्य तन और दूसरा भाग्य भारत और तीसरा भाग्य सनातन जैसा धर्म मिला और यह तीनों पाकर अगर आप भगवान की कथा ना सुने तो उससे बड़ा कोनो उल्लू नहीं है। कथा में सबको आने नहीं मिलता है, यदि सबका ही बेड़ा पार हो जाएगा तो हम सबकी दुकान बंद ना हो जाएगी। कथा में जिसको रामजी बुलाते है वही जाता है। यह बात हम नहीं कह रहे है रामायण में तुलसीदास जी ने लिखा है। बिना राम जी के सत्संग मिलना मुश्किल है, अगर यहां आने का मौका मिला है तो समझ जाना तुम नहीं तुम्हें तुम्हारे रामजी ने बुलाया है। कथा सुनने भर से भला नहीं होगा, जब तक तुम कथा को अपने जीवन में उतरोंगे नहीं। कथा में जो बातें कहीं जाती है उसका पालन हमें जरुर करना चाहिए। मन की प्रवृत्ति इतनी विचित्र है कि ये तुम्हें दिन-प्रतिदिन बदलेगा, तुम्हें आलसी बनाएगा, वासनायुक्त बनाएगा, ईष्र्यासालू बनाएगा, दंभ भरेगा, झूठ भरेगा, पापचार की बातों में तुम्हारा मन ज्यादा लगेगा, ज्यों-ज्यों तुम बूरे काम करोंगे तुम्हें लगेगा कि तुम बहुत बढिय़ा कर रहे हो। यह मन बहुत उल्टा है, भजन करने में आलसी, भोजन करने में तैयार और तुलसी ऐसे मनुष्य को बार-बार धिकारता है। रामचरित्र मानस, गीता पढऩा मनुष्य को कठिन लगता है लेकिन मोबाइल पर 4-4 रील देखने में उसे दिक्कत नहीं होती है। मेरे पागलों तुमसे कहना चाहता हूं कि मन की कठौरता कैसे होगी, मन को प्रेम से लाइन में नहीं लगाया जा सकता है मन को तो कठोर प्रण ले करके, राम जप का आश्रय लेकर और किसी सच्चे संत की शरणागति ले करके मन को भगवान के चरणों में लगाया जा सकता है।
आपके जीवन में परिवर्तन तब होगा जब कथा तुम्हारी चीत में बैठेगी
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों से एक बार फिर कहते हुए कहा कि घण्टी बजाना, पूजा करना केवल यही धर्म नहीं है अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना भी धर्म है। यदि आप अगर अधर्म के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे तो आप धार्मिक नहीं हो। घण्टी बजाना धर्म नहीं है ये तो पूजा है। पूजा-पाठ करना कर्म काण्ड है लेकिन धर्म के लिए जीना, धर्म पर जीना और धर्म के खिलाफ होने वाली प्रत्येक कार्य पर प्रतिक्रिया देना, प्रत्येक प्रवृत्ति पर अपनी जोर से प्रतिक्रिया देना भी धर्म है। आपने मनुष्य तन पाया बहुत अच्छी बात है, आप कथा में आए गए ये और अच्छी बात है, लेकिन भैया कथा में आकर बैठ गए हो अगर तुम्हें दिल में अगर कथा ना बैठी तो तुम्हारा बैठना बेकार है। कथा में बैठना महत्वपूर्ण नहीं है कथा तुम्हारे दिल में बैठे ये महत्वपूर्ण है। आपके जीवन में परिवर्तन तब होगा जब कथा तुम्हारी चीत में बैठेगी। इतनी भागवत कथा, राम कथा सुन ली, इतने संतों के दर्शन कर लिए पर हो ज्यों के त्यों।
हमारे पास जब नोकिया का मोबाइल था जिसमें साप गोला खेलते थे और खेलते-खेलते वह बहुत बड़ा हो जाता था वह हमने बहुत साल तक खेला, लेकिन अब हमारे चेले ने उसे बदल दिया है। एक बार जब वे गेम खेल रहे और मोबाइल बंद हो गया तब उन्होंने मोबाइल को रात भर चार्ज पर लगाया और सुबह देखा तो मोबाइल चालू ही नहीं हो था, हमने चार्जर चेक किया, स्वीच चेक किया सब ठीक था, तब हमने देखा कि मोबाइल का स्वीच की नहीं दबा था। जब स्वीच बिना चालू किए मोबाईल चालू नहीं होता तो जिंदगी में जब तक आपके अंदर भाव नहीं होगा, पात्रता नहीं आएगी, कथा पर जीवन जीना नहीं सीखोंगे तो जिंदगी कहां आपकी होनी है।
रामजी से प्रेम कर उसके भाव सागर में डूबकर पार करने की कर लो तैयारी
एक कहानी सुनाते हुए उन्होंने कहा कि उनका एक चेला रायपुर में रहता है और उसका नाम हैं चंगी लाल और वह कहा कि नदी के किनारे पर कल से बैठे हुए हो नदी पार करनी है या साधना कर रहे हो, तो हम बोले नदी पार करनी है। महात्मा बोले हम नाव का इंतजार नहीं कर रहे है हम तो कब नदी का पूरा पानी बह जाए और हम पार करें। अब कई जन्म ले लो नदी का पानी है कभी पूरा नहीं बहना है, थोड़ा कम होगा फिर बरसात आएगी, फिर बढ़ जाएगा पर पानी कभी कम नहीं होगा। महात्मा ने कहा यही तो हम तुम्हें समझाना चाह रहे है। कल कथा सुनेंगे, परसो कथा सुनेंगे, आज काम हो गया कल काम करेंगे, ये जिंदगी है एक ना एक काम लगा ही रहेगा जैसे नदी का पानी कम नहीं होगा वैसे काम भी पूरे नहीं हो सकते। जैसे हम नदी पार करने के लिए तैयार हो गए वैसे ही तुम प्रण ले लो कि भगवान की कथा सुनकर कर रामजी से प्रेम करते हुए उनके भाव सागर में डूबकर पार करने की तैयारी कर लो।
6 को लगेगा बालाजी सरकार का दिव्य दरबार
समाजसेवी व मुख्य यजमान बसंत अग्रवाल ने बताया कि 6 अक्टूबर को सुबह 11 बजे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर का दिव्य दरबार दही हांडी उत्सव स्थल गुढिय़ारी में लगेगा जहां वे लोगों की समस्याओं का निवारण करेंगे। वहीं 7 अक्टूबर को सुबह 9 बजे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर दीक्षा देंगे। जो भक्त महाराजश्री से दीक्षा ग्रहण करना चाहते हैं वे रविवार सुबह 9 बजे से 6 अक्टूबर कथा समाप्त तक अपना पंजीयन करा सकते हैं। पंडाल के बाहर बागेश्वर धाम का कार्यालय बना हुआ है वहां से संपर्क किया जा सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष बोले - भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का बागेश्वर धाम सरकार का संकल्प जरुर पूरा होगा
जनसभा को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डा. रमन सिंह ने कहा कि आज का दिन छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ राजधानी रायपुर के वासियों के लिए गौरवशाली क्षण है कि बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 8 अक्टूबर तक यहां हनुमंत कथा सुनाएंगे और वे छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता की ओर से उनका स्वागत करते है। बागेश्वर धाम सरकार, जय श्रीराम का जयकारा लगाते हुए कहा कि आज हमारा सौभाग्य है कि आज से 8 अक्टूबर तक हनुमान जीवन में गुढिय़ारी की पावन धरा में हनुमंत कथा में धर्म सभा होने जा रहा है। हनुमान जी महाराज और माता कौशल्य का आर्शीवाद हमेशा छत्तीसगढ़ के लोगों को प्राप्त हो रहा है और पंडित धीरेंद्र शसत्री ने जो संकल्प लिया वह अब एक बड़ा सांस्कृतिक आंदोलन का रुप ले चुका है और हिन्दुतान के प्रत्येक गांव - गांव जागृति आ गई है। इसका परिणाम यह है कि बागेश्वर सरकार केवल प्रवचन ही नहीं करते बल्कि लोगों की जीवन की रक्षा भी करते हैं,इसका साक्षात उदाहरण है कि उनकी ओर से 200 बिस्तरों का कैंसर हॉस्पिटल का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही हजारों कन्याओं का नि:शुल्क विवाह, अन्नपूर्णा दरबार रोजाना निरंतर चल रहा है। हिन्दूओं को जोडऩे और उन्हें एक करने के लिए वे हिन्दु जोड़ा यात्रा पर निकलने वाले हैं और एक दिन भारत हिन्दू राष्ट्र जरुर बनेगा।
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उन्होंने श्रद्धालुजनों से माफी मांगते हुए कहा कि मुरैना से एयरपोर्ट आने में उन्हें तीन घंटा लग गया क्योंकि रास्ते में तीस हजार लोग थे इसलिए वे छत्तीसगढ़ आने में देरी हुई। कल से हम टाइम पर आ जाएंगे। बालाजी महाराज से वे छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए आर्शीवाद मांगते हुए कहा कि ऐसी ही कृपया यहां के लोगों पर हमेशा बनाए रखे। व्यासपीठ की पूर्जा अर्चना करने के बाद कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि जो कीर्तन नहीं गाता, जो धीरे-धीरे भी नहीं गाता है उसके भीतर का पाप बाहर निकल आता है और जो धीरे-धीरे गाता है उसके भीतर भी कीर्तन अपने आप घूस जाता है। अगर तुम बगल वाले का पाप अपने भीतर प्रवेश कराना चाहते हो तो धीरे-धीरे कीर्तन करो।
शास्त्री ने कहा कि हनुमान जी महाराज की बड़ी कृपया है कि छत्तीसगढ़ की पावन से उन्होंने कथा की शुरुआत की थी और फिर वहीं वापस आ गए। तीन साल पहले यहीं से कथा शुरु किए थे इसका मतलब यह हुआ कि लौट के बुद्धु घर पर आए। गुढिय़ारी वाले हनुमान जी महाराज की कृपया पूरे रायपुर पर बरसती है और हम अपने ममामा गांव में आ गए है, इसलिए हम तो छत्तीसगढ़ के भांचा है। यही वह जगह है जहां पहली बार कथा हुई थी, वही पंडाल और हमने यहां से हूंकार भरी थी कि हम तुम्हें हिन्दू राष्ट्र देंगे, बस करवाने वाला यजमान बदल गया। हनुमान महाराज को प्रणाम करते हुए कहा कि छत्तीसगढिय़ा, सबले बढ़िया। जहां पर भी वे कथा करते है छत्तीसगढ़ को कभी नहीं भूलते है और एक गाना जरुर गा लेते है चोला माटी के हे राम....। पहले जब हम गाना गाते थे तो आधा समझ आता था लेकिन अब पूरा समझ आने लग गया है। छत्तीसगढ़ का प्रेम अभूतपूर्व है और छत्तीसगढ़ के प्रेम को कभी भूला नहीं जा सकता और सच में महतारी ही है छत्तीसगढ़।
84 लाख यौनियों को पार करने के बाद मिलता है मानव तन
बागेश्वर सरकार ने कहा कि बढ़े भाग्य से मनुष्य तन मिलता है और मनुष्य तन मिलना बहुत कठिन है। जिंदगी में आपने जो मनुष्य तन पाया है उसे इतराओ, विचार करो की आप भैंसिया बने होते और कहीं बंधे होते, घोड़ा बने होते तो कहीं नाच रहे होते किसी की शादी में। मानव तन 84 लाख यौनियों को पार करने के बाद मिलता है, ये आपका सौभाग्य है कि मनुष्य तन भगवान ने आपको दिया, यह पहला भाग्य हुआ। दूसरा भाग्य यह है कि मनुष्य तो बनाया लेकिन बांग्लादेश का नहीं बनाया ना पाकिस्तान का, बनाया तो भारत का। अगर आप पाकिस्तान में होते तो क्या कर रहे होते बम बना रहे होते और विचार करो जो बम बनते है हमारे यहां फटाखा बन जाते हैं जो फूटते नहीं है।
चाइना वालों को ब्राम्हाजी ने बनाया है फोटोग्राफी
उन्होंने कहा कि अगर विचार करो तुम अगर चाइना के बने होते तो छोटी-छोटी आंखें, छोटा सा एक फोटो कॉपी जैसा चेहरा होता। चाइना वालों को देखकर ऐसा लगता है कि ब्राम्हा जी ने उन्हें फोटोग्राफी बनाकर इस दुनिया में भेजा है। लॉकडाउन के समय उन्होंने चाइना का एक फिल्म देख रहे थे तो उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि पूरी फिल्म में हीरो कौन है। वही विलेन, वहीं हीरो और वही बिटिया का पाप लगे और वैसे ही पड़ोसी लगे। हमें यही समझ आया कि चाइना वालों को ब्रॉम्हा जी ने फोटोकॉपी मशीन प्रदान कर दिया है।
कथा में सबको नहीं मिलता है आने को
उन्होंने कहा कि पहला भाग्य मनुष्य तन और दूसरा भाग्य भारत और तीसरा भाग्य सनातन जैसा धर्म मिला और यह तीनों पाकर अगर आप भगवान की कथा ना सुने तो उससे बड़ा कोनो उल्लू नहीं है। कथा में सबको आने नहीं मिलता है, यदि सबका ही बेड़ा पार हो जाएगा तो हम सबकी दुकान बंद ना हो जाएगी। कथा में जिसको रामजी बुलाते है वही जाता है। यह बात हम नहीं कह रहे है रामायण में तुलसीदास जी ने लिखा है। बिना राम जी के सत्संग मिलना मुश्किल है, अगर यहां आने का मौका मिला है तो समझ जाना तुम नहीं तुम्हें तुम्हारे रामजी ने बुलाया है। कथा सुनने भर से भला नहीं होगा, जब तक तुम कथा को अपने जीवन में उतरोंगे नहीं। कथा में जो बातें कहीं जाती है उसका पालन हमें जरुर करना चाहिए। मन की प्रवृत्ति इतनी विचित्र है कि ये तुम्हें दिन-प्रतिदिन बदलेगा, तुम्हें आलसी बनाएगा, वासनायुक्त बनाएगा, ईष्र्यासालू बनाएगा, दंभ भरेगा, झूठ भरेगा, पापचार की बातों में तुम्हारा मन ज्यादा लगेगा, ज्यों-ज्यों तुम बूरे काम करोंगे तुम्हें लगेगा कि तुम बहुत बढिय़ा कर रहे हो। यह मन बहुत उल्टा है, भजन करने में आलसी, भोजन करने में तैयार और तुलसी ऐसे मनुष्य को बार-बार धिकारता है। रामचरित्र मानस, गीता पढऩा मनुष्य को कठिन लगता है लेकिन मोबाइल पर 4-4 रील देखने में उसे दिक्कत नहीं होती है। मेरे पागलों तुमसे कहना चाहता हूं कि मन की कठौरता कैसे होगी, मन को प्रेम से लाइन में नहीं लगाया जा सकता है मन को तो कठोर प्रण ले करके, राम जप का आश्रय लेकर और किसी सच्चे संत की शरणागति ले करके मन को भगवान के चरणों में लगाया जा सकता है।
आपके जीवन में परिवर्तन तब होगा जब कथा तुम्हारी चीत में बैठेगी
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों से एक बार फिर कहते हुए कहा कि घण्टी बजाना, पूजा करना केवल यही धर्म नहीं है अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना भी धर्म है। यदि आप अगर अधर्म के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे तो आप धार्मिक नहीं हो। घण्टी बजाना धर्म नहीं है ये तो पूजा है। पूजा-पाठ करना कर्म काण्ड है लेकिन धर्म के लिए जीना, धर्म पर जीना और धर्म के खिलाफ होने वाली प्रत्येक कार्य पर प्रतिक्रिया देना, प्रत्येक प्रवृत्ति पर अपनी जोर से प्रतिक्रिया देना भी धर्म है। आपने मनुष्य तन पाया बहुत अच्छी बात है, आप कथा में आए गए ये और अच्छी बात है, लेकिन भैया कथा में आकर बैठ गए हो अगर तुम्हें दिल में अगर कथा ना बैठी तो तुम्हारा बैठना बेकार है। कथा में बैठना महत्वपूर्ण नहीं है कथा तुम्हारे दिल में बैठे ये महत्वपूर्ण है। आपके जीवन में परिवर्तन तब होगा जब कथा तुम्हारी चीत में बैठेगी। इतनी भागवत कथा, राम कथा सुन ली, इतने संतों के दर्शन कर लिए पर हो ज्यों के त्यों।
हमारे पास जब नोकिया का मोबाइल था जिसमें साप गोला खेलते थे और खेलते-खेलते वह बहुत बड़ा हो जाता था वह हमने बहुत साल तक खेला, लेकिन अब हमारे चेले ने उसे बदल दिया है। एक बार जब वे गेम खेल रहे और मोबाइल बंद हो गया तब उन्होंने मोबाइल को रात भर चार्ज पर लगाया और सुबह देखा तो मोबाइल चालू ही नहीं हो था, हमने चार्जर चेक किया, स्वीच चेक किया सब ठीक था, तब हमने देखा कि मोबाइल का स्वीच की नहीं दबा था। जब स्वीच बिना चालू किए मोबाईल चालू नहीं होता तो जिंदगी में जब तक आपके अंदर भाव नहीं होगा, पात्रता नहीं आएगी, कथा पर जीवन जीना नहीं सीखोंगे तो जिंदगी कहां आपकी होनी है।
रामजी से प्रेम कर उसके भाव सागर में डूबकर पार करने की कर लो तैयारी
एक कहानी सुनाते हुए उन्होंने कहा कि उनका एक चेला रायपुर में रहता है और उसका नाम हैं चंगी लाल और वह कहा कि नदी के किनारे पर कल से बैठे हुए हो नदी पार करनी है या साधना कर रहे हो, तो हम बोले नदी पार करनी है। महात्मा बोले हम नाव का इंतजार नहीं कर रहे है हम तो कब नदी का पूरा पानी बह जाए और हम पार करें। अब कई जन्म ले लो नदी का पानी है कभी पूरा नहीं बहना है, थोड़ा कम होगा फिर बरसात आएगी, फिर बढ़ जाएगा पर पानी कभी कम नहीं होगा। महात्मा ने कहा यही तो हम तुम्हें समझाना चाह रहे है। कल कथा सुनेंगे, परसो कथा सुनेंगे, आज काम हो गया कल काम करेंगे, ये जिंदगी है एक ना एक काम लगा ही रहेगा जैसे नदी का पानी कम नहीं होगा वैसे काम भी पूरे नहीं हो सकते। जैसे हम नदी पार करने के लिए तैयार हो गए वैसे ही तुम प्रण ले लो कि भगवान की कथा सुनकर कर रामजी से प्रेम करते हुए उनके भाव सागर में डूबकर पार करने की तैयारी कर लो।
6 को लगेगा बालाजी सरकार का दिव्य दरबार
समाजसेवी व मुख्य यजमान बसंत अग्रवाल ने बताया कि 6 अक्टूबर को सुबह 11 बजे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर का दिव्य दरबार दही हांडी उत्सव स्थल गुढिय़ारी में लगेगा जहां वे लोगों की समस्याओं का निवारण करेंगे। वहीं 7 अक्टूबर को सुबह 9 बजे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर दीक्षा देंगे। जो भक्त महाराजश्री से दीक्षा ग्रहण करना चाहते हैं वे रविवार सुबह 9 बजे से 6 अक्टूबर कथा समाप्त तक अपना पंजीयन करा सकते हैं। पंडाल के बाहर बागेश्वर धाम का कार्यालय बना हुआ है वहां से संपर्क किया जा सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष बोले - भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का बागेश्वर धाम सरकार का संकल्प जरुर पूरा होगा
जनसभा को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डा. रमन सिंह ने कहा कि आज का दिन छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ राजधानी रायपुर के वासियों के लिए गौरवशाली क्षण है कि बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 8 अक्टूबर तक यहां हनुमंत कथा सुनाएंगे और वे छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता की ओर से उनका स्वागत करते है। बागेश्वर धाम सरकार, जय श्रीराम का जयकारा लगाते हुए कहा कि आज हमारा सौभाग्य है कि आज से 8 अक्टूबर तक हनुमान जीवन में गुढिय़ारी की पावन धरा में हनुमंत कथा में धर्म सभा होने जा रहा है। हनुमान जी महाराज और माता कौशल्य का आर्शीवाद हमेशा छत्तीसगढ़ के लोगों को प्राप्त हो रहा है और पंडित धीरेंद्र शसत्री ने जो संकल्प लिया वह अब एक बड़ा सांस्कृतिक आंदोलन का रुप ले चुका है और हिन्दुतान के प्रत्येक गांव - गांव जागृति आ गई है। इसका परिणाम यह है कि बागेश्वर सरकार केवल प्रवचन ही नहीं करते बल्कि लोगों की जीवन की रक्षा भी करते हैं,इसका साक्षात उदाहरण है कि उनकी ओर से 200 बिस्तरों का कैंसर हॉस्पिटल का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही हजारों कन्याओं का नि:शुल्क विवाह, अन्नपूर्णा दरबार रोजाना निरंतर चल रहा है। हिन्दूओं को जोडऩे और उन्हें एक करने के लिए वे हिन्दु जोड़ा यात्रा पर निकलने वाले हैं और एक दिन भारत हिन्दू राष्ट्र जरुर बनेगा।