सुकमा: नक्सल प्रभावित जगरगुंडा में बैंकिंग क्रांति, अब लेन-देन के लिए नहीं करना पड़ेगा 52 किलोमीटर का सफर
सुकमा में नक्सल प्रभावित जगरगुंडा के ग्रामीणों को अब बैंकिंग के छोटे-मोटे कामों के लिए 52 किलोमीटर दूर कोंटा, सुकमा या दोरनापाल का सफर नहीं करना पड़ेगा। 25 वर्षों के इंतज़ार के बाद यहाँ बैंक शाखा खुली है।

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सुकमा में नक्सल प्रभावित जगरगुंडा के ग्रामीणों को अब बैंकिंग के छोटे-मोटे कामों के लिए 52 किलोमीटर दूर कोंटा, सुकमा या दोरनापाल का सफर नहीं करना पड़ेगा। 25 वर्षों के इंतज़ार के बाद यहाँ बैंक शाखा खुली है, जिसने स्थानीय लोगों की ज़िंदगी बदलनी शुरू कर दी है। 18 मई 2025 को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा उद्घाटन की गई इंडियन ओवरसीज़ बैंक शाखा ने महज़ कुछ महीनों में 500 से अधिक नए खाते खोल दिए हैं। अब शासन की योजनाओं का लाभ सीधे डीबीटी से ग्रामीणों के खातों में पहुंच रहा है, जिससे समय, पैसा और मेहनत—तीनों की बचत हो रही है। सिलगेर निवासी दुला ने बताया, "पहले खाता खोलने या पैसे निकालने में पूरा दिन लग जाता था। अब जगरगुंडा में सारी सुविधा मिल रही है। वहीं जगरगुंडा के पांडू ने कहा, "अब महतारी वंदन, पेंशन और पीएम आवास जैसी योजनाओं की राशि सीधे खाते में मिलेगी। घर के पास बैंक होना हमारे लिए बड़ी राहत है।

शाखा में एटीएम मशीन भी लग चुकी है, जो जल्द शुरू होगी। इसके चालू होते ही नकद निकासी और भी तेज़ और आसान हो जाएगी। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने कहा, "जगरगुंडा में बैंक शाखा का खुलना इस क्षेत्र के लिए मील का पत्थर है। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देगा और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाएगा। ग्रामीणों का मानना है कि बैंकिंग सुविधाओं से अब स्थानीय व्यापार, स्वरोजगार और बाज़ार को नई ऊर्जा मिलेगी। यह कदम आर्थिक विकास और सामाजिक बदलाव की मज़बूत नींव साबित होगा।