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Chhattisgarh: सीएम बघेल बोले- PESA कानून लागू होने से बढ़ेगा ग्रामसभा का अधिकार, आदिवासी बनेंगे सशक्त
पीटीआई, रायपुर।
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 10 Aug 2022 02:19 AM IST
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सार
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पेसा अधिनियम को लेकर नियम बन चुका है और इसके लिए आठ अगस्त को राजपत्र में प्रकाशन भी किया जा चुका है। इससे आदिवासी अपने जल-जंगल-जमीन के बारे में खुद फैसला ले सकेंगे।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल।
- फोटो : ANI
विस्तार
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को कहा है कि राज्य सरकार ने आदिवासियों के हितों की रक्षा और ग्राम सभाओं की शक्ति बढ़ाने के लिए केंद्रीय अधिनियम के तहत एक नया नियम बनाया है। मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ पंचायत प्रावधान (अनुसूचित का विस्तार) अधिनियम (PESA) का जिक्र कर रहे थे। राज्य में पेसा नियम के लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा।
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उन्होंने एक आधिकारिक बयान में कहा कि छत्तीसगढ़ में पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम (PESA) पहले से लागू था, लेकिन आदिवासियों को वांछित लाभ नहीं मिल रहा था। इसलिए राज्य सरकार ने नए नियमों का मसौदा तैयार किया, इसके बाद उसे कैबिनेट से मंजूरी दिलाई और सोमवार (आठ अगस्त) को राजपत्र में अधिसूचित किया गया।
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जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सीएम बघेल ने मंगलवार को रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित सर्व आदिवासी समाज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पेसा कानून पहले से अस्तित्व में था, लेकिन इसके नियम नहीं बनने के कारण इसका लाभ आदिवासियों को नहीं मिल पा रहा था।
नए नियम से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ में पेसा अधिनियम को लेकर नियम बन चुका है और इसके लिए आठ अगस्त को राजपत्र में प्रकाशन भी किया जा चुका है। इससे आदिवासी अपने जल-जंगल-जमीन के बारे में खुद फैसला ले सकेंगे।’’ बघेल ने कहा, ‘‘आदिवासियों के हितों को संरक्षण देने के लिए राज्य में पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। नए नियम से ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी समुदाय से होंगे। इस 50 प्रतिशत में से 25 प्रतिशत महिला सदस्य होंगी।’’
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई, आदिवासियों को वन अधिकार के पट्टे प्रदान किए गए जिसके तहत अब तक पांच लाख पट्टे वन अधिकार के तहत दिए जा चुके हैं। आदिवासियों के हितों का ध्यान रखने के लिए और योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन करने के लिए जन जागरण अभियान कैलेंडर का विमोचन किया गया है।
आदिवासियों का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है: बघेल
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 65 प्रकार के लघु वनोपज खरीद रही है और इससे आदिवासियों का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है, यही वजह है कि बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अपने गांवों के लिए बैंक खोलने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आदिम संस्कृति छत्तीसगढ़ की पहचान है और आदिवासियों का आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है। हम आदिवासियों के सारे योगदान को सहेज कर रखना चाहते हैं और इसके लिए भाषा, संस्कृति सभी कुछ सहेजने का काम किया जा रहा है।’’ अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम में भूपेश मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायक और बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे।