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CG: सुकमा में लापरवाह शिक्षकों पर गिरी गाज, कलेक्टर ने जारी किया कारण बताओ नोटिस; वेतन वृद्धि पर रोक
अमर उजाला नेटवर्क, सुकमा
Published by: श्याम जी.
Updated Thu, 03 Jul 2025 08:01 PM IST
सार
सुकमा जिले के स्कूलों और आश्रमों में कलेक्टर के आकस्मिक निरीक्षण में अनियमितताएं उजागर हुईं। लापरवाह शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस और वेतनवृद्धि रोकने की कार्रवाई की।
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कलेक्टर ने किया निरीक्षण
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सुकमा जिले में शिक्षा व्यवस्था की पोल उस वक्त खुल गई, जब जिला कलेक्टर ने अचानक पहुंचकर स्कूल और आश्रमों में छात्रों से सीधे सवाल-जवाब किए। दुब्बाटोटा बालक आश्रम और केरलापाल पोटाकेबिन स्कूल में मिली अनियमितताओं पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
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दुब्बाटोटा में छात्रों की कम उपस्थिति, शिक्षिका की गैरमौजूदगी और पढ़ाई में लापरवाही देख शिक्षिका देवनाशिका कुजूर, अधीक्षिका सुशीला कवासी और प्रधान अध्यापिका दीपा मंडावी को कारण बताओ नोटिस थमाया गया और एक वेतनवृद्धि पर रोक लगा दी गई। वहीं, केरलापाल स्कूल में गड़बड़ी पाए जाने पर प्राचार्य भरत प्रसाद साहू और अधीक्षक दिनेश पाल को भी शोकॉज नोटिस जारी हुआ।
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रामाराम और गिरदालपारा में बच्चों ने उड़ाया वाहवाही का परचम
वहीं, दूसरी ओर रामाराम और गिरदालपारा के छात्र आश्रमों ने निरीक्षण के दौरान शानदार प्रदर्शन किया। गणित, हिंदी और अंग्रेजी में पूछे गए सवालों का बच्चों ने आत्मविश्वास से जवाब दिया। पहाड़े, वर्तनी, वाक्य रचना और अंकगणित में बच्चों की पकड़ देख कलेक्टर ने मौके पर ही शिक्षकों की तारीफ की और कहा, 'ऐसी शिक्षा पद्धति बाकी स्कूलों के लिए मिसाल है।'
बच्चों को चाहिए शिक्षा और सुविधा का संतुलन
निरीक्षण के बाद कलेक्टर ने दो टूक कहा- 'अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों की मूलभूत जरूरतें, दोनों पर बराबर ध्यान देना होगा।' उन्होंने शिक्षकों को रोज मूल्यांकन करने, कमजोर बच्चों को अलग से पढ़ाने और हर बच्चे के हिसाब से पढ़ाने के निर्देश दिए।
जिले के सभी तहसीलदारों, एसडीएम और विभागीय अधिकारियों को भी स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि आश्रमों, हॉस्टलों और स्कूलों का नियमित निरीक्षण करें और बच्चों को पोषणयुक्त भोजन, सुरक्षित वातावरण और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलना सुनिश्चित करें।