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जगदलपुर: आत्मसमर्पित नक्सलियों ने रोपे आशा और भविष्य के पौधे, बोले- वायान वाटिका तय करेगा हमारा भविष्य

अमर उजाला नेटवर्क, जगदलपुर Published by: Digvijay Singh Updated Sat, 29 Nov 2025 08:00 PM IST
सार

नारायणपुर जिले में 25 नवंबर को 28 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण करते हुए सरकार की मुख्यधारा में प्रवेश किया, इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के द्वारा पौधे का रोपण किया गया।

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Surrendered Naxalites planted trees of hope and future saying Vayan Vatika will decide our future in Jagdalpur
आत्मसमर्पित नक्सलियों ने रोपे पौधे - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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नारायणपुर जिले में  25 नवंबर को 28 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण करते हुए सरकार की मुख्यधारा में प्रवेश किया, इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के द्वारा पौधे का रोपण किया गया, आत्मसमर्पित द्वारा जब एक बगिया में इस पौधे का रोपण किया गया तो उसका नाम वयान वाटिका रखा गया है। मामले के बारे में जानकारी देते हुए बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि जिला नारायणपुर में स्थानीय समुदाय के वरिष्ठजनों की उपस्थिति में  पुनर्वासित नक्सली कैडरों द्वारा किए गए पौधारोपण ने आशा और शांतिपूर्ण भविष्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का एक सशक्त प्रतीक प्रस्तुत किया है।

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नारायणपुर जिला मुख्यालय स्थित पुनर्वास केंद्र के पौधरोपण स्थल का नाम वायान वाटिका रखा गया है, जिसका अर्थ स्थानीय आदिवासी गोंडी भाषा में आशा और भविष्य की बगिया होता है, वायान वाटिका में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम नारायणपुर और अबुझमाड़ जैसे क्षेत्रों में जो लंबे समय तक अनिश्चितता से प्रभावित रहे विश्वास-निर्माण प्रक्रियाओं के गहराते स्वरूप को प्रतिबिंबित करता है, स्थानीय समुदाय के वरिष्ठजनों की क्षेत्र की सुरक्षा, न्याय और सेवा हेतु बढ़ती सक्रिय भागीदारी बस्तर में सामाजिक पुनर्समावेशन और समावेशी विकास के लिए एक परिवर्तनकारी मार्ग को दर्शाती है,  25 नवंबर को मुख्यधारा में शामिल हुए 28 नक्सली कैडरों ने वे पौधे रोपे, जिन्हें समुदाय के वरिष्ठजनों ने पुनर्समावेशन के प्रतीक के रूप में उन्हें प्रदान किया था।
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आगे बस्तर रेंज आईजी सुन्दरराज पट्टलिंगम ने बताया कि आज का पौधारोपण कार्यक्रम केवल एक प्रतीकात्मक गतिविधि नहीं है बल्कि आशा और स्थायी शांति के रोपण की प्रक्रिया को दर्शाता है,उन लोगों के लिए जिन्होंने हिंसा का मार्ग छोड़ा है और उन समुदायों के लिए जो विश्वास और अपनत्व के साथ उन्हें स्वीकार कर रहे हैं। बस्तर रेंज IGP ने आगे कहा कि समुदाय के वरिष्ठजनों की सक्रिय भागीदारी 25 नवंबर को हिंसा का मार्ग छोड़ चुके 28 नक्सली कैडरों के स्वागत से लेकर आज के पौधारोपण तक सामाजिक सौहार्द की मजबूती और आपसी विश्वास के पुनर्निर्माण का संकेत है। आज रोपा गया प्रत्येक पौधा एक ऐसे जीवन का प्रतीक है जो अतिवाद से लौटकर शांति, सम्मान और रचनात्मक प्रगति की ओर अग्रसर हुआ है।

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