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कांकेर: दुर्गुकोंदल के बालक छात्रावास में अव्यवस्था, बिस्तर और शौचालय जैसी सुविधाओं का आभाव
अमर उजाला नेटवर्क, कांकेर
Published by: Digvijay Singh
Updated Fri, 31 Oct 2025 01:59 PM IST
सार
कांकेर जिले के दुर्गुकोंदल विकासखंड के बालक छात्रावास में बच्चों को न गद्दा सही मिला, न बिस्तर, न रोशनी, न ही शौचालय की सुविधा। जरा सोचिए आखिर ऐसे हालात में बच्चे कैसे पढ़ पाएंगे, कैसे सपने देख पाएंगे।
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बालक छात्रावास में अव्यवस्था
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
कांकेर जिले के दुर्गुकोंदल विकासखंड के बालक छात्रावास में बच्चों को न गद्दा सही मिला, न बिस्तर, न रोशनी, न ही शौचालय की सुविधा। जरा सोचिए आखिर ऐसे हालात में बच्चे कैसे पढ़ पाएंगे, कैसे सपने देख पाएंगे।
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ये है कांकेर ज़िले के दुर्गुकोंदल विकासखंड का बालक छात्रावास जहाँ 108 बच्चे रहते हैं, लेकिन हालात देखकर यकीन करना मुश्किल है कि ये सरकारी छात्रावास है। फटे पुराने गद्दे, टूटी चारपाइयाँ, जिनको टिन के डिब्बों से टिकाकर रखा गया है। न पंखे चल रहे हैं, न लाइट जलती है और सबसे बड़ी बात, छात्रावास में शौचालय तक नहीं है बच्चे मजबूर हैं। इन बदहाल हालातों में पढ़ने, रहने और सपने देखने के लिए प्रशासनिक निगरानी की कमी और रखरखाव की लापरवाही ने बच्चों का जीवन कठिन बना दिया है। अभिभावकों का कहना है कि शिकायतें कई बार की गईं, लेकिन कार्रवाई अब तक नहीं हुई...ये तस्वीरें सवाल उठाती हैं — बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा।
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दुर्गुकोंदल के इस छात्रावास की तस्वीरें सिर्फ एक भवन की नहीं, बल्कि उस व्यवस्था की सच्चाई दिखा रही हैं जो बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी उठाने का दावा करती है जरूरत है आदिवासी विकास विभाग में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों के जागने की और इन बच्चों को वो माहौल देने की।