{"_id":"68bc4f18d67433fe680b6f6d","slug":"inspector-manjusha-pandey-passed-away-2025-09-06","type":"story","status":"publish","title_hn":"Korba News: निरीक्षक मंजूषा पांडे का लंबी बीमारी के बाद हुआ निधन, कैंसर से हारीं जिंदगी की जंग","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Korba News: निरीक्षक मंजूषा पांडे का लंबी बीमारी के बाद हुआ निधन, कैंसर से हारीं जिंदगी की जंग
अमर उजाला नेटवर्क, कोरबा
Published by: विजय पुंडीर
Updated Sat, 06 Sep 2025 08:41 PM IST
विज्ञापन

मंजूषा पांडे (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
2008 बैच की जुझारू पुलिस निरीक्षक मंजूषा पांडे का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। वे काफी समय से कैंसर से जूझ रही थीं और रायपुर के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर से छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग और उनके जानने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है।
मंजूषा पांडे एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी होने के साथ-साथ एक बेहद संवेदनशील इंसान भी थीं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण और सराहनीय काम किए, खासकर कोरबा जिले में। कोरबा के बालको थाने में थाना प्रभारी रहते हुए उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता का लोहा मनवाया।
उनका एक सबसे उल्लेखनीय कार्य कोरबा के जिला मेडिकल कॉलेज से एक दुधमुंहे बच्चे के अपहरण का मामला था। इस संवेदनशील केस में उन्होंने जिस तत्परता और संवेदनशीलता के साथ काम किया, उसकी वजह से बच्चा सकुशल बरामद हो सका। इस सफल ऑपरेशन के लिए उनकी काफी प्रशंसा हुई थी और वे कोरबा जिले में एक लोकप्रिय अधिकारी के रूप में पहचानी जाने लगी थीं।
परिवार और पुलिस विभाग शोक में मंजूषा पांडे अपने पीछे पति, मृत्युंजय पांडे को छोड़ गई हैं, जो स्वयं कोरबा जिले के हरदी बाजार थाने में थाना प्रभारी के पद पर कार्यरत हैं। मंजूषा पांडे के निधन से उनके परिवार के साथ-साथ पुलिस विभाग में भी शोक का माहौल है। पुलिस महानिदेशक समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और उनके निधन को विभाग के लिए एक बड़ी क्षति बताया है।

Trending Videos
मंजूषा पांडे एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी होने के साथ-साथ एक बेहद संवेदनशील इंसान भी थीं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण और सराहनीय काम किए, खासकर कोरबा जिले में। कोरबा के बालको थाने में थाना प्रभारी रहते हुए उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता का लोहा मनवाया।
विज्ञापन
विज्ञापन
उनका एक सबसे उल्लेखनीय कार्य कोरबा के जिला मेडिकल कॉलेज से एक दुधमुंहे बच्चे के अपहरण का मामला था। इस संवेदनशील केस में उन्होंने जिस तत्परता और संवेदनशीलता के साथ काम किया, उसकी वजह से बच्चा सकुशल बरामद हो सका। इस सफल ऑपरेशन के लिए उनकी काफी प्रशंसा हुई थी और वे कोरबा जिले में एक लोकप्रिय अधिकारी के रूप में पहचानी जाने लगी थीं।
परिवार और पुलिस विभाग शोक में मंजूषा पांडे अपने पीछे पति, मृत्युंजय पांडे को छोड़ गई हैं, जो स्वयं कोरबा जिले के हरदी बाजार थाने में थाना प्रभारी के पद पर कार्यरत हैं। मंजूषा पांडे के निधन से उनके परिवार के साथ-साथ पुलिस विभाग में भी शोक का माहौल है। पुलिस महानिदेशक समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और उनके निधन को विभाग के लिए एक बड़ी क्षति बताया है।