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शराब के खिलाफ सड़क पर उतरीं महिलाएं : शराब विक्रेताओं को दी चेतावनी, बोलीं- सुधर जाओ, नहीं तो सुधार देंगे
अमर उजाला नेटवर्क, कोरबा
Published by: विजय पुंडीर
Updated Sun, 24 Aug 2025 01:19 PM IST
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Korba News
- फोटो : अमर उजाला
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पाली के केराझरिया पंचायत में रविवार की सुबह 100 से अधिक महिलाएं बारिश के बीच छाता लगाकर गांव की सड़कों पर रैली निकालते हुए शराबबंदी की हुंकार भरती नजर आईं। महिलाओं ने शराब बेचने वालों को सख्त चेतावनी दी कि यदि गांव में शराब का अवैध कारोबार तुरंत बंद नहीं हुआ, तो वे प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई की मांग करेंगी और स्वयं भी कड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगी। सुधर जाओ नहीं तो सुधार देंगे।
महिलाओं ने कहा कि गांव के स्कूली बच्चे, युवा बुजुर्ग नशे की चपेट में आ रहे हैं, जिससे परिवार और समाज दोनों पर बुरा असर पड़ रहा है। इसी चिंता को देखते हुए गांव की बेटियां, बहुएं और माताएं एकजुट होकर सड़क पर उतरीं।
इस रैली का नेतृत्व ग्राम पंचायत केराझरिया की सरपंच गिरजा पैखरा ने किया। उनके साथ संतोषी, रूखमणी कंवर, सुमित्रा, रूखमणी मंहत, अवध बाई, अनिता, अंजू, निरा पैखरा, प्रीति मनिकापुर और संतोषी मनियारी सहित बड़ी संख्या में महिलाएँ शामिल रहीं। इन महिलाओं ने गांव-गांव घूमकर लोगों को शराब और नशे से दूर रहने की अपील कर जागरूकता का संदेश दिया।
महिलाओं का कहना था कि शराब ने गांव के कई घरों की खुशियाँ छीनी हैं। नशे की लत से परिवार टूट रहे हैं, महिलाएं हिंसा का शिकार हो रही हैं और बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। अब और चुप्पी नहीं साधी जाएगी। गांव की सरपंच गिरजा पैखरा ने कहा, 'शराब केवल परिवार ही नहीं, पूरे समाज को खोखला कर रही है। हम सबने ठान लिया है कि अपने बच्चों के भविष्य और गाँव की शांति के लिए इस जहर को गांव से जड़ से खत्म करना है।'
गांव में महिलाओं की इस सशक्त पहल से शराब विक्रेताओं में हड़कंप मच गया है। ग्रामीणों ने भी महिलाओं के इस साहसिक कदम का स्वागत किया है और शराबबंदी अभियान में उनका समर्थन करने की बात कही है।

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महिलाओं ने कहा कि गांव के स्कूली बच्चे, युवा बुजुर्ग नशे की चपेट में आ रहे हैं, जिससे परिवार और समाज दोनों पर बुरा असर पड़ रहा है। इसी चिंता को देखते हुए गांव की बेटियां, बहुएं और माताएं एकजुट होकर सड़क पर उतरीं।
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इस रैली का नेतृत्व ग्राम पंचायत केराझरिया की सरपंच गिरजा पैखरा ने किया। उनके साथ संतोषी, रूखमणी कंवर, सुमित्रा, रूखमणी मंहत, अवध बाई, अनिता, अंजू, निरा पैखरा, प्रीति मनिकापुर और संतोषी मनियारी सहित बड़ी संख्या में महिलाएँ शामिल रहीं। इन महिलाओं ने गांव-गांव घूमकर लोगों को शराब और नशे से दूर रहने की अपील कर जागरूकता का संदेश दिया।
महिलाओं का कहना था कि शराब ने गांव के कई घरों की खुशियाँ छीनी हैं। नशे की लत से परिवार टूट रहे हैं, महिलाएं हिंसा का शिकार हो रही हैं और बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। अब और चुप्पी नहीं साधी जाएगी। गांव की सरपंच गिरजा पैखरा ने कहा, 'शराब केवल परिवार ही नहीं, पूरे समाज को खोखला कर रही है। हम सबने ठान लिया है कि अपने बच्चों के भविष्य और गाँव की शांति के लिए इस जहर को गांव से जड़ से खत्म करना है।'
गांव में महिलाओं की इस सशक्त पहल से शराब विक्रेताओं में हड़कंप मच गया है। ग्रामीणों ने भी महिलाओं के इस साहसिक कदम का स्वागत किया है और शराबबंदी अभियान में उनका समर्थन करने की बात कही है।