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बदल रहा नक्सलियों का गढ़: जिन हाथों में थे हथियार, आज वही कर रहे पौधारोपण, बलिदानियों की याद में लगाए पौधे
अमर उजाला नेटवर्क, सुकमा
Published by: अनुज कुमार
Updated Tue, 19 Aug 2025 06:59 PM IST
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सार
छत्तीसगढ़ में इन दिनों नक्सलियों का गढ़ बदलाव की ओर है। कभी जिन हाथों में हथियार हुआ करते थे। आज वहीं हाथ पौधरोपण कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण और वन मंडल अधिकारी अक्षय दिनकर भोसले की पहल पर ऐसा हुआ।

नक्सलियों के हाथों पौधारोपण
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सुकमा जिले में आज पुलिस लाइन परिसर एक अलग ही नजारे का गवाह बना। यहां पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण और वन मंडल अधिकारी अक्षय दिनकर भोसले की पहल पर आत्मसमर्पित नक्सलियों ने पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। जिन हाथों में कभी हथियार थे, वही हाथ अब हरियाली की ओर कदम बढ़ाते दिखाई दिए।

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कार्यक्रम के दौरान परिसर में कुल 110 पौधे लगाए गए। हर पौधे को एक भावनात्मक पहचान दी गई। कुछ पौधे बलिदान जवानों के नाम पर, तो कुछ अपनी माताओं की याद में। अधिकारियों ने नक्सलियों को बताया कि पेड़ धरती को जीवन देने वाले होते हैं और इनका संरक्षण आने वाली पीढ़ियों के लिए सबसे बड़ा उपहार है।
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आत्मसमर्पित नक्सली मुचाकी हिड़मा ने इस मौके पर कहा कि संगठन से बाहर आने के बाद उन्हें सुकून और अपनापन महसूस हो रहा है। लंबे समय तक जंगलों में संघर्ष और परिवार से दूरी झेलने के बाद अब उन्हें एक नए जीवन का अवसर मिला है। पौधरोपण कर ऐसा लग रहा है जैसे उन्होंने अपनी नई शुरुआत की नींव रख दी हो।
यह पहल केवल पर्यावरण से जुड़ा कदम नहीं, बल्कि बदलाव की तस्वीर भी है। कभी हिंसा की राह पर चलने वाले नक्सली अब समाज की मुख्यधारा से जुड़कर शांति और विकास का संकल्प ले रहे हैं। यह दृश्य सुकमा ही नहीं, पूरे बस्तर के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनकर उभरा है।