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एक साल में 17 आईएएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए, केवल तीन लौटे; चार प्रयासरत

Suresh Tiwari सुरेश तिवारी
Updated Fri, 28 Nov 2025 06:01 AM IST
सार

राज और नीति: मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों भाजपा के अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल की वर्तमान टीम में विस्तार की चर्चा है। इस विस्तार में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों और विशेष आमंत्रित सदस्यों की नई सूची जारी की जाएगी। इस सूची में ऐसे नेताओं को शामिल किए जाने की चर्चा हो रही है जो लंबे समय से संगठनात्मक जिम्मेदारियां से मुक्त चल रहे हैं।

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17 IAS officers went on central deputation in one year only three returned four are still aspiring
राज और नीति - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मध्य प्रदेश में क्या वजह है कि आईएएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने में रुचि दिखा रहे हैं। पिछले एक साल में 17 आईएएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए, केवल तीन ही वापस लौटे और वर्तमान में चार प्रयासरत हैं। हाल ही में केंद्रीय कार्मिक विभाग ने एक और आईएएस अधिकारी अविनाश लवानिया की केंद्र में प्रतिनियुक्ति का आदेश जारी किया है। इसके अलावा, सचिव स्तर के चार अधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह, अभिषेक सिंह, श्रीमन शुक्ला और जॉन किंग्सले भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए प्रयासरत हैं। जो अधिकारी पहले ही प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में जा चुके हैं, उनमें प्रीति मैथिल, प्रियंका दास, सोफिया वली फारुकी, तरुण पिथोड़े, अजीत कुमार, चंद्रमोहन ठाकुर, पंकज जैन, नीरज सिंह, तन्वी सुंदरियाल, प्रवीण सिंह अढ़ायच, निकुंज श्रीवास्तव, ज्ञानेश्वर पाटिल, पवन शर्मा, बक्की कार्तिकेयन, हर्ष दीक्षित और अनुराधा पी. शामिल है। राज्य में वापस लौटे तीन अधिकारी विशेष गढ़पाले, आशीष भार्गव और रूही खान हैं।
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मंत्रियों और विधायकों के कामकाज की गहन समीक्षा
डॉ. मोहन यादव के मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल को 12 दिसंबर को दो वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। माना जा रहा है कि इसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। इसी संदर्भ में संगठन और सत्ता के शीर्ष स्तर पर मंत्रिमंडल के सदस्यों की कार्य पद्धति को लेकर गहन समीक्षा चल रही है। संगठन और सत्ता के शीर्ष स्तर पर पिछले दो वर्षों में उनके विभाग का कामकाज, व्यवहार और छवि को लेकर विशेष समीक्षा की जा रही है। प्रभार के जिलों में मंत्रियों के कार्यों का क्या सकारात्मक परिणाम निकला यह भी परखा जा रहा है। इसी तरह से पार्टी के विधायकों की भी संभाग स्तर पर समीक्षा हो रही है। पार्टी के उच्च स्तर से मिली जानकारी के अनुसार इसी समीक्षा के आधार पर मंत्रिमंडल विस्तार में विधायकों को शामिल किया जाएगा और खराब परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को बाहर किया जाएगा।
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जनसंपर्क कर्मियों की कलम बंद हड़ताल स्थगित
राज्य शासन के एक आदेश के बाद जनसंपर्क विभाग के सभी अधिकारी- कर्मचारी उसका विरोध करते हुए कलम बंद हड़ताल पर चले गए थे। आयुक्त जनसंपर्क के आश्वासन के बाद फिलहाल इसे स्थगित कर दिया गया है। दरअसल विभाग के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को जनसंपर्क संचालनालय भोपाल में अपर संचालक के पद पर पदस्थ किया गया है। विभाग के अधिकारी कर्मचारियों ने इस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आग्रह शासन से किया है और कहा है कि जब तक यह आदेश निरस्त नहीं हो जाता तब तक प्रदेश के सभी अधिकारी कर्मचारी कलम बंद हड़ताल पर रहेंगे। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जनसंपर्क विभाग सरकार की नीतियों को संवेदनशील और प्रभावी तरीके से जनता तक पहुंचाते हैं। यह विभाग सरकार की छवि बनाने के लिए कार्य करता है। यहां प्रशासन के बजाय कार्य की प्रकृति और संस्कृति अलग तरह की है। ऐसे में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गणेश जायसवाल की पदस्थापना ने कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं। लेकिन आज दिन में आयुक्त जनसंपर्क से तीन सत्रों में हुई बैठक और आश्वासन के बाद जनसंपर्ककर्मियों ने फिलहाल हड़ताल को स्थगित कर दिया है।

हेमंत खंडेलवाल की टीम के विस्तार की चर्चा
मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों भाजपा के अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल की वर्तमान टीम में विस्तार की चर्चा है। इस विस्तार में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों और विशेष आमंत्रित सदस्यों की नई सूची जारी की जाएगी। इस सूची में ऐसे नेताओं को शामिल किए जाने की चर्चा हो रही है जो लंबे समय से संगठनात्मक जिम्मेदारियां से मुक्त चल रहे हैं। इनमें विशेष रूप से पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों को मौका मिल सकता है। साथ ही यह भी बताया गया है कि क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने की भी कोशिश इस विस्तार में रहेगी। वर्तमान कार्यकारिणी में अगर पदाधिकारियों की बात की जाए तो मालवा निमाड़ से 11, मध्य भारत और ग्वालियर-चंबल से पांच-पांच, बुंदेलखंड और विंध्य से तीन-तीन और महाकौशल से केवल दो पदाधिकारी ही भाजपा संगठन में हैं। बताया गया है कि भाजपा अध्यक्ष द्वारा इस विस्तार में क्षेत्रीय असंतुलन को भी दूर करने की कोशिश की जाएगी।

अस्वीकरण: यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है। अपने विचार हमें blog@auw.co.in पर भेज सकते हैं। लेख के साथ संक्षिप्त परिचय और फोटो भी संलग्न करें। 
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