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जीवन धारा: महानता तो व्यवहार में झलकती है... मुस्कान को एक दिव्य उपहार मानकर उदारता से बांटें

हम्फ्री डेवी Published by: ज्योति भास्कर Updated Sat, 29 Nov 2025 06:36 AM IST
सार

वही इन्सान महान है, जो तनावपूर्ण माहौल को सहज बना दे, अपने शब्दों और कर्मों से किसी दुखी दिल का बोझ हल्का कर दे, और जो मुस्कान को एक दिव्य उपहार मानकर उदारता से बांटे। यहीं से महान जीवन की शुरुआत होती है।

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Greatness is reflected in Human behavior Consider smile as a divine gift and share it generously
हम्फ्री डेवी ने व्यवहार में झलकने वाली महानता पर पेश किया अपना नजरिया - फोटो : अमर उजाला प्रिंट / फ्री-पिक
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विस्तार
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जिंदगी सिर्फ बड़े त्यागों या भारी जिम्मेदारियों से नहीं बनती, बल्कि जीवन का वास्तविक सार तो उन सूक्ष्म, कोमल और साधारण प्रतीत होने वाले क्षणों में छिपा है, जिन्हें हम जल्दबाजी में अनदेखा कर देते हैं। एक साधारण-सी मुस्कान, किसी को दिया गया हौसला, रोजाना की छोटी-छोटी जिम्मेदारियां या बिना किसी प्रतिफल की इच्छा के किया गया कोई छोटा-सा उपकार ही वे क्षण हैं, जो इन्सान के जीवन में सच्चे सुकून की नींव रखते हैं। 

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अक्सर मन यह भ्रम पाल लेता है कि महानता ऊंचे शिखरों पर पहुंचना या असाधारण उपलब्धियां हासिल करना ही होता है, लेकिन मानव आत्मा को छू लेने वाली चीजें हमेशा सरल, स्वाभाविक और विनम्र होती हैं। बिना कुछ कहे किसी की मदद कर देना, टूटे मन को सहारा देने के लिए उसके कंधे पर प्यार से हाथ रख देना, या ठीक समय पर एक सही, हिम्मत बढ़ाने वाला शब्द कह देना-ये छोटे-से काम भी किसी बड़े और महान कार्य से कम नहीं होते। ये जीवन में वह भावनात्मक सुरक्षा बुनते हैं, जिसकी तलाश हर कोई करता है। इन्हीं छोटे-छोटे दायित्वों से रिश्तों में गहराई आती हैै। 
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जीवन की राह कठिनाइयों और उलझनों से भरी हुई हो सकती है, लेकिन यही छोटे प्रकाश-कण (काम) उसमें दिशा तथा आशा भरते हैं। जब हम अपने आसपास के लोगों के साथ प्रेम, विनम्रता और उदारता का व्यवहार करते हैं, तो हम केवल उन्हें ही आनंद नहीं देते, बल्कि अपने भीतर भी एक उजली, शांत व पूर्ण दुनिया का निर्माण करते हैं। हर व्यक्ति जीवन में महान बनना चाहता है, लेकिन महानता की सच्ची परिभाषा अक्सर हमारी कल्पना से बिल्कुल भिन्न होती है। 

वास्तव में वही इन्सान महान है, जो तनावपूर्ण माहौल को सहज बना दे, जो अपने शब्दों और कर्मों से किसी दुखी दिल का बोझ हल्का कर दे, और जो मुस्कान को एक दिव्य उपहार मानकर उदारता से बांटे। ऐसे ही क्षणों में इन्सान अपने सबसे प्रखर और पवित्र रूप में प्रकट होता है तथा वहीं से महान जीवन की शुरुआत होती है।

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