विश्व साहित्य का आकाश: प्राकृतिक संसाधन और आदिम हत्याओं की सच्ची कहानी
- ओसाजे के एक परिवार को केंद्र में रख कर पत्रकार, लेखक डेविड ग्रैन ने 2017 में एक बेस्ट सेलर ‘किलर्स ऑफ द फ्लावर मून’ लिखा जिस पर 2023 में मार्टिन स्कॉर्सेसे ने इसी नाम से गाथात्मक फिल्म बनाई।
विस्तार
पूरी दुनिया में प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा जमाने के लिए हत्याएं होती आई हैं। पहले भी यह होता रहा है, आज भी यह कोई नई बात नहीं है। यह भारत में होता है, अमेरिका में होता है। उन्नीसवीं सदी के सत्तर के दशक में अमेरिका के आदिवासियों की एक जनजाति ओसाजे को उनके मूल स्थान से उखाड़ कर नए स्थान ओक्लाहोमा में बसा दिया गया। कैसा था, उस समय ओक्लाहोमा? पथरीला, बंजर और किसी भी प्रकार की खेती केलिए बिल्कुल अनुपयुक्त।
लेकिन ओसाजे लोगों ने अपने जीवट से कुछ दशकों में जान लिया की वे अमूल्य खदान पर बैठे हैं। बस फिर क्या था, उन्होंने अपनी मेहनत से अमेरिका के सबसे बड़े तेल स्रोत को अपनी दिशा में मोड़ लिया। तेल की आमदनी को ओल्ड वेस्ट के सोने से होने वाली आमदनी से अधिक आंका गया। एक समय आता है, ओसाजे इतने धनी हो जाते हैं, खुद ऐशो-आराम करते हैं। पियानो आहाते में रख कर डॉन्स करते हैं। हवाई जहाज का उपयोग करते हैं और सारे मेहनती काम श्वेत लोगों से करवाते हैं।
जाहिर-सी बात है, जब इतनी सम्पदा हो, तो मक्खियां भिनभिनाने लगती हैं। जल्द इस इलाके में भी श्वेत व्यापारी, लुटेरे, माफिया पहुंचने लगे। षड़यंत्र रचे जाने लगे, अपराध-हत्याए होने लगीं। ओसाजे के एक परिवार को केंद्र में रखकर पत्रकार, लेखक डेविड ग्रैन ने 2017 में एक बेस्ट सेलर ‘किलर्स ऑफ द फ्लावर मून’ लिखा, जिस पर 2023 में मार्टिन स्कॉर्सेसे ने इसी नाम से गाथात्मक फिल्म बनाई।
डेविड ग्रैन द न्यूयॉर्कर पत्रकार रहे हैं। उन्होंने दि एटलांटिक, द वाशिंग्टन पोस्ट, द बोस्टन ग्लोब, न्यू यॉर्क मैगजीन एवं द वॉल स्ट्रीट जरनल में भी लिखा है। इसके साथ ही उन्होंने उपरोक्त किताब के अलावा ‘द लॉस्ट सिटी ऑफ जेड: ए टेल ऑफ डेडली ओब्सेशन इन दि एमाजोन’ लिखा है। इस संग्रहों में उनका लेखन शामिल है। ‘फीयरलेस पर्स्यूट एंड एक्सप्रेशन ऑफ ट्रुथ’ के लिए 2005 में वे माइकेल केली अवार्ड की अंतिम सूचि में शामिल थे।
तीन खंडों एवं 26 अध्याय में विभाजित ‘किलर्स ऑफ द फ्लावर मून’ को लेखक ने अपने माता-पिता को समर्पित किया है। ‘क्रोनिकल वन: द मार्क्ड वूमन’, ‘क्रोनिकल टू: दो एविडेंस मैन’ तथा ‘क्रोनिकल थ्री: द रिपोर्टर’ तीनों खंडों के नाम हैं। साथ ही स्रोतों की टिप्पणी, यहां तककि आर्काइव एवं अप्रकाशित स्रोतों को भी संजोया गया है। चुनी हुई आत्मकथा, इलस्ट्रेशन एवं वास्तविक लोगों के फोटो इसे आधिकारिक किताब बनाते हैं।
हत्याओं की रहस्यमयी कहानी
पूरी कहानी की धुरी ओसाजे परिवार के एक साथ कभी दो-कभी एक सदस्य के मरने की है, मगर यह मौत साधारण कभी न थी। सदैव दु:खदाई और अत्याचार से जुड़ी थी। पहले 27 साल की मिनी 1918 में मरती है, डॉक्टर के अनुसार किसी विचित्र बीमारी से फिर 1921 में उसकी बहन ऐना ब्राउन को गोली लगती है, उसका मृत शरीर घाटी में मिलता है।
कुछ सप्ताह बाद जुलाई 1921 को उनकी मां लिजी किसी अप्राकृतिक रूप से मर जाती है। तीसरी बहन रीता स्मिथ 1923 में एक बम विस्फोट से मारी जाती है, वह भी अपने पति बिल के साथ। परिवार की असामयिक मौतों को इस तरह नहीं छोड़ा जा सकता था। अंतिम बची बहन मोली बुर्खार्ट इन मौतों के रहस्य को सुलझाने का बीड़ा उठाती है।
कई लोग जो इन हत्याओं की खोजबीन करने जाते हैं, खुद हत्या का शिकार हो जाते हैं। एक श्वेत बैरनी मेकब्रिड इन हत्याओं की जांच करने आता है, उसकी निर्मम हत्या होती है। पीट-पीट कर चाकू भोंक कर मार कर नंगा फेंक दिया जाता है। उसके शरीर पर केवल मोजे-जूते हैं, जिन पर उसके नाम की एक चिप्पी लगी है। 1925 तक एक भी हत्या का सुराग नहीं मिलता है। ये हत्याएं अमेरिकी अखबारों की सुर्खियां बनने लगती हैं। शीर्षक होते, ‘आतंक राज’, ‘ओसाजे का ‘काला शाप’ आदि, आदि।
सत्ता की ओर से 24 हत्याओं की बात प्रसारित होती है जबकि वास्तविक संख्या सैंकड़ों में थी तब परिदृय पर एफबीआई का आविर्भाव होता है। युवा डॉयरेक्टर जे. एडगर हूवर एक पूर्व टेक्सास रेंजर टॉम व्हाइट को रहस्य सुलझाने के लिए वहां भेजता है।
वर्षों के शोध के बाद लिखी किताब ‘किलर्स ऑफ द फ्लावर मून’ में डेविड ग्रैन बताते हैं, अंतत: ओसाजे खुद अन्वेषण का बीड़ा उठाते हैं और तब 1925 में मोली एक पादरी को अपनी जिंदगी के खतरे का गुप्त संदेश भेजती है। इस तरह कहानी अमेरिकी इतिहास के वास्तविक राक्षसी अपराध की जड़ तक जा पहुंचती है। लेकिन जड़ तक पहुंचना इतना आसान नहीं है। यह व्यक्ति ओसाजे के एक व्यक्ति के साथ मिल कर काम शुरू करता है, और धीरे-धीरे गुत्थी सुलझती है।
‘अमेरिका लैंड ऑफ ड्रीम’, ‘अमेरिका लैंड ऑफ ओपर्चुनिटी’ की असलियत सामने आती है। श्वेत अमेरिकी के इस इतिहास की पोल-पट्टी खोलने के कारण ही कदाचित इस पर बनी फिल्म को ऑस्कर केलिए 10 नामांकन मिलने के बावजूद एक भी ऑस्कर प्रदान नहीं किया गया।
इस आदिम समाज में विरासत का एक नियम है, अगर श्वेत इस विरासत को पाने की आशा करते हैं तो उन्हें समुदाय में शादी करनी होगी और अपने धनी जीवन-साथी की मौत का इंतजार करना होगा। इन हत्याओं के फलस्वरूप ओसाजे समुदाय के भीतर शंका, अविश्वास पनपने लगता है, लोग अपने रिश्तेदारों, दोस्तों से छिटकने लगते हैं। यह अत्याचार-हत्याएं ओसाजे की आज की पीढ़ी भी नहीं भूली है।
आज की पीढ़ी का एक ओसाजे युवा हेनरी रोआन कहता है, ‘मैं समझता हूं यह हमारे दिमाग में है। हम भले ही इसे प्रत्यक्ष न कहें, लेकिन यह है। खासकर जब आपके परिवार किसी सदस्य की हत्या हुई थी। यह आपके दिमाग में रहता है, आप किसी पर विश्वास नहीं करते हैं।
एक श्वेत सुदर्शन युवा एर्नेस्ट बुर्खार्ट मोली से शादी करता है। क्या है उसका इरादा? कौन हैं, हेल और ब्रायन? क्यों ये लोग मोली के सामने बात नहीं करते हैं? लेकिन कौन तीन श्वेत लोग जो इन हत्याओं के पीछे थे, वे अपराधी पाए जाते हैं? गिरफ्तार कर जेल भेजे जाते हैं।
खुद पढ़िए इस 310 पन्नों (पेपरबैक 369 रु.) की रोंगटे खड़ी कर देने वाली किताब को। डेविड ग्रैन ने अन्याय, नस्लीय हिंसा एवं लोभ की इस नई और पुरानी अनिवार्य कहानी को बहुत कुशलता से बुना है। ‘किलर्स ऑफ द फ्लावर मून’ सम्मोहक होते हुए भी पाठक को इसका मनुष्यता का तिरस्कार भावात्मक रूप से दहला देता है।
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