मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कार्यालय में विशेष प्रकोष्ठ
सरदार पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर सरकारें जनहित कार्यक्रम चला रही हैं। मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य भी जारी है। इन सभी की समीक्षा और समन्वय के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष प्रकोष्ठ बनाया गया है, जिसमें महेश चौधरी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
विस्तार
केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सरदार पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर कई महत्वाकांक्षी और जनहित के कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। सरदार पटेल की जन्म जयंती पर पदयात्राओं के कार्यक्रम और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती से जुड़े जनजाति गौरव दिवस समारोह के कार्यक्रम चल रहे हैं। इसके साथ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मध्य प्रदेश की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का भी काम शुरू हो गया है। इन सभी कार्यक्रमों की सतत समीक्षा, समन्वय और मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में अलग से एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। यह प्रकोष्ठ प्रदेश के सांसदों और विधायकों के सतत संपर्क में रहता है और संवाद कायम किए हुए हैं। पता चला है कि प्रकोष्ठ में मुख्यमंत्री के ओएसडी रहे और मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के सदस्य प्रशासन महेश चौधरी महत्वपूर्ण भूमिका में है।
भोपाल मेट्रो को लेकर मुख्यमंत्री की घोषणा नहीं हो सकी पूरी!
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल मेट्रो को लेकर कहा था कि अक्तूबर महीने में भोपाल में मेट्रो ट्रेन दौड़ने लगेगी। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, लेकिन फिलहाल ऐसा संभव नहीं हो सका। मेट्रो ट्रेन को लेकर प्रारंभिक ट्रायल भी हो गया है। ट्रायल रन के दौरान स्वयं मुख्यमंत्री ने सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो ट्रेन की यात्रा कर जायजा लिया था। तब उन्होंने यह बयान दिया था। पता चला है कि जिस अथॉरिटी को मेट्रो कमर्शियल रन सर्टिफिकेट देना था, उसने प्रारंभिक जांच के बाद कुछ आपत्तियां लगाई थीं। यह अभी तक नहीं पता चल पाया है कि इन आपत्तियों का निराकरण हुआ या नहीं, या अब कब तक होगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या 2025 में भोपाल में मेट्रो ट्रेन दौड़ते नजर आएगी या यह बात नए साल 2026 पर जाएगी।
बिहार चुनाव के बाद होगा बड़ा प्रशासनिक फेरबदल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इन दिनों बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक हैं। वे बिहार में लगभग प्रतिदिन चार-पांच विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार अभियान में लगे हुए हैं। माना जा रहा है कि जैसे ही मुख्यमंत्री बिहार चुनाव से फ्री होंगे, एक बार फिर मध्य प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा। इनमें मंत्रालय स्तर पर ऐसे अधिकारी के काम को कम किया जाएगा, जिनके पास कई विभागों की जिम्मेदारी हैं। पता चला है कि मुख्य सचिव स्वयं इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ऐसे विभागों को एक साथ रखा जाएगा, जिनका स्वरूप एक जैसा है। अभी अपर मुख्य सचिव शिव शेखर शुक्ला के पास गृह विभाग है तो संस्कृति और पर्यटन भी है, जो बेमेल हैं। ऐसे ही कुछ और अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव हैं जिनके विभाग एक जैसे स्वरूप के विभाग नहीं है। कुछ कलेक्टरों के तबादले चुनाव आयोग की अनुमति से किए जाएंगे। अभी मतदाता गहन पुनरीक्षण कार्य के कारण कलेक्टरों के तबादलों पर फरवरी तक प्रतिबंध लगा है।
भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में फिर जगी आस
मध्य प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी के गठन के बाद मध्य प्रदेश में निगम और मंडलों में नियुक्ति शुरू हो गई है। हाल ही में प्रोफेसर खेम सिंह डेहरिया को मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इससे अब भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं में यह आस जग गई है कि अब उनके भी दिन फिरने वाले हैं। माना जा रहा है मध्य प्रदेश के निगम, मंडलों, प्राधिकरणों और अन्य संस्थाओं में भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं की नियुक्ति का सिलसिला बिहार विधानसभा चुनाव के बाद शुरू हो सकता है।
बेटी को एक करोड़ की सम्मान निधि, भावी बहू को..?
विश्व विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की एक सदस्य मध्य प्रदेश में छतरपुर जिले की क्रांति गौड़ हैं। उनको मुख्यमंत्री ने एक करोड़ रुपये की सम्मान निधि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री से लोग पूछ रहे हैं कि आपने बेटी के नाते क्रांति को एक करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है। ये बहुत उत्साहजनक बात है, लेकिन भावी बहू को लेकर कुछ नहीं कहा। मुख्यमंत्री को यह पता होगा कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उप कप्तान स्मृति मंधाना मध्य प्रदेश की बहू बनने वाली हैं। पता चला है कि इसी माह उनका विवाह इंदौर निवासी सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता और गायक पलाश मुछाल से होने जा रहा है, तो क्या मुख्यमंत्री इस शुभ अवसर पर प्रदेश की बेटी के साथ-साथ प्रदेश की भावी बहू के सम्मान में भी कोई घोषणा करेंगे।
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