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दूसरा पहलू: जिराफ की लंबी गर्दन की अजीब पहेली, इसकी बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ती है
रोजर एस. सेमोर
Published by: नितिन गौतम
Updated Mon, 15 Dec 2025 07:03 AM IST
सार
आंकड़ों से पता चलता है कि सभी स्तनधारियों में जिराफ के पानी के गड्ढे से बिना पानी पिए चले जाने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। जिराफ के दिल को सिर तक ऊपर खून पहुंचाने के लिए काफी दबाव बनाना पड़ता है। एक वयस्क जिराफ का रक्तचाप आमतौर पर 200 एमएम एचजी से ज्यादा होता है, जो अधिकांश स्तनधारियों से दोगुना है।
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जिराफ है बेहद खास जीव
- फोटो : इंटरनेशनल फंड फॉर एनीमल वेलफेयर
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विस्तार
जिराफ अपनी लंबी गर्दन की मदद से ऊंचे बबूल के पेड़ों पर मौजूद पत्तों तक पहुंच सकते हैं, जबकि अन्य जानवर नीचे भोजन को लेकर आपस में प्रतिस्पर्धा करते हैं। संभवतः इसी कारण जिराफ पूरे वर्ष प्रजनन कर पाते हैं और सूखा पड़ने पर भी अन्य जानवरों की तुलना में बेहतर जीवन जीते हैं। लेकिन जिराफ को लंबी गर्दन होने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। जिराफ के दिल को सिर तक ऊपर खून पहुंचाने के लिए काफी दबाव बनाना पड़ता है। एक वयस्क जिराफ का रक्तचाप आमतौर पर 200 एमएम एचजी से ज्यादा होता है, जो अधिकांश स्तनधारियों से दोगुना है।
आराम करते हुए जिराफ का दिल आराम करते हुए इन्सान की तुलना में अधिक ऊर्जा इस्तेमाल करता है, और सच तो यह है कि उसी आकार के किसी भी दूसरे स्तनपायी जानवर के दिल से वह अधिक ऊर्जा खर्च करता है। हालांकि, जैसा कि हमने जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी में दिखाया है, गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ अपनी लड़ाई में जिराफ के दिल के मददगार उसकी लंबी-लंबी टांगें हैं। हमने अध्ययन में एक जिराफ के खून पंप करने में लगने वाली ऊर्जा का पता लगाया, और इसकी तुलना एक ऐसे काल्पनिक जानवर से की, जिसकी गर्दन ऊंचे पेड़ तक पहुंचने लायक हो, मगर पैर छोटे हों। ऐसे काल्पनिक जानवर में एक आम अफ्रीकी एलांड का शरीर और एक जिराफ की गर्दन थी, जिसे हमने 'एलाफ' नाम दिया। हमने अध्ययन में पाया कि ‘एलाफ’ अपनी कुल ऊर्जा का लगभग 21 प्रतिशत सिर्फ दिल को चलाने में खर्च करेगा, जबकि जिराफ 16 प्रतिशत और इन्सान केवल 6.7 प्रतिशत ऊर्जा खर्च करते हैं।
अपने लंबे पैरों की मदद से जिराफ अपने दिल को सिर के थोड़ा करीब लाकर खाने से मिली ऊर्जा का लगभग पांच प्रतिशत बचा लेता है। एक साल में यह ऊर्जा बचत 1.5 टन से भी अधिक भोजन के बराबर होती है, जो अफ्रीकी सवाना जैसे कठिन माहौल में, जिंदगी और मौत के बीच का फर्क पैदा कर सकती है। लंबे पैरों से जिराफ के दिल का काम आसान हो जाता है, जबकि लंबी गर्दन से उसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन लंबे पैरों की भी उसे कीमत चुकानी पड़ती है। जिराफ को पानी पीते समय अपने आगे के पैर फैलाने पड़ते हैं, जिससे अगर कोई शिकारी आ जाए, तो उसे उठने और भागने में मुश्किल होती है और वह धीमा हो जाता है। आंकड़ों से पता चलता है कि सभी स्तनधारियों में जिराफ के पानी के गड्ढे से बिना पानी पिए चले जाने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। दिल की ऊर्जा लागत गर्दन की ऊंचाई के सीधे अनुपात में बढ़ती है, इसलिए इसकी एक सीमा होनी चाहिए। दरअसल, इतिहास में कोई भी स्थलीय जानवर वयस्क नर जिराफ से ज्यादा ऊंचा नहीं हो सका।
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आराम करते हुए जिराफ का दिल आराम करते हुए इन्सान की तुलना में अधिक ऊर्जा इस्तेमाल करता है, और सच तो यह है कि उसी आकार के किसी भी दूसरे स्तनपायी जानवर के दिल से वह अधिक ऊर्जा खर्च करता है। हालांकि, जैसा कि हमने जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी में दिखाया है, गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ अपनी लड़ाई में जिराफ के दिल के मददगार उसकी लंबी-लंबी टांगें हैं। हमने अध्ययन में एक जिराफ के खून पंप करने में लगने वाली ऊर्जा का पता लगाया, और इसकी तुलना एक ऐसे काल्पनिक जानवर से की, जिसकी गर्दन ऊंचे पेड़ तक पहुंचने लायक हो, मगर पैर छोटे हों। ऐसे काल्पनिक जानवर में एक आम अफ्रीकी एलांड का शरीर और एक जिराफ की गर्दन थी, जिसे हमने 'एलाफ' नाम दिया। हमने अध्ययन में पाया कि ‘एलाफ’ अपनी कुल ऊर्जा का लगभग 21 प्रतिशत सिर्फ दिल को चलाने में खर्च करेगा, जबकि जिराफ 16 प्रतिशत और इन्सान केवल 6.7 प्रतिशत ऊर्जा खर्च करते हैं।
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अपने लंबे पैरों की मदद से जिराफ अपने दिल को सिर के थोड़ा करीब लाकर खाने से मिली ऊर्जा का लगभग पांच प्रतिशत बचा लेता है। एक साल में यह ऊर्जा बचत 1.5 टन से भी अधिक भोजन के बराबर होती है, जो अफ्रीकी सवाना जैसे कठिन माहौल में, जिंदगी और मौत के बीच का फर्क पैदा कर सकती है। लंबे पैरों से जिराफ के दिल का काम आसान हो जाता है, जबकि लंबी गर्दन से उसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन लंबे पैरों की भी उसे कीमत चुकानी पड़ती है। जिराफ को पानी पीते समय अपने आगे के पैर फैलाने पड़ते हैं, जिससे अगर कोई शिकारी आ जाए, तो उसे उठने और भागने में मुश्किल होती है और वह धीमा हो जाता है। आंकड़ों से पता चलता है कि सभी स्तनधारियों में जिराफ के पानी के गड्ढे से बिना पानी पिए चले जाने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। दिल की ऊर्जा लागत गर्दन की ऊंचाई के सीधे अनुपात में बढ़ती है, इसलिए इसकी एक सीमा होनी चाहिए। दरअसल, इतिहास में कोई भी स्थलीय जानवर वयस्क नर जिराफ से ज्यादा ऊंचा नहीं हो सका।