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अर्थव्यवस्था और भरोसा: एडीबी ने बढ़ाई भारत की ग्रोथ उम्मीद, कहा- एशिया का नया विकास इंजन बना भारत

अमर उजाला Published by: पवन पांडेय Updated Fri, 12 Dec 2025 07:32 AM IST
सार
भारत की अर्थव्यवस्था इस समय दुनिया की सबसे तेज रफ्तार वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। एडीबी की रिपोर्ट में दक्षिण एशिया की विकास दर के अनुमान को 5.9 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया गया है, जिसके पीछे मुख्य वजह रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था के शानदार प्रदर्शन को बताया गया है।
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Economy and trust: ADB raises India's growth expectations, says India has become Asia's new growth engine
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : एएनआई

विस्तार
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अमेरिकी टैरिफ के चलते वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं के बीच एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए विकास पूर्वानुमान को अपने पूर्ववर्ती अनुमान 6.5 से बढ़ाकर 7.2 फीसदी करने के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में जो सकारात्मक बातें कही हैं, वे उत्साहजनक हैं।


एडीबी की रिपोर्ट में दक्षिण एशिया की विकास दर के अनुमान को 5.9 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया गया है, जिसके पीछे मुख्य वजह रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था के शानदार प्रदर्शन को बताया गया है। जब वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के भय, भू-राजनीतिक तनाव और अन्य कई संकटों से जूझ रही है, तब भारत का यह स्थिर व तेज विकास कई देशों के लिए प्रेरणा बन सकता है। ऐसे में एडीबी का यह इशारा उचित ही है कि भारत अब क्षेत्रीय विकास का इंजन बन चुका है।


उल्लेखनीय है कि सितंबर में समाप्त हुई दूसरी तिमाही के दौरान, भारत ने छह तिमाहियों में सबसे अधिक 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर्ज की, जबकि पहली तिमाही में यह 7.8 फीसदी थी। परिणामस्वरूप, भारत ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में आठ प्रतिशत की विकास दर हासिल की है। इसमें संदेह नहीं कि यह वृद्धि मुख्य रूप से हालिया जीएसटी सुधारों से समर्थित मजबूत घरेलू खपत के कारण हुई है। पर यह भी सच है कि डिजिटल इंडिया मिशन, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया व सेमीकंडक्टर मिशन जैसी योजनाओं ने भारत को वैश्विक तकनीकी मूल्य शृंखला में महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना दिया है।

इसी कारण आज दुनिया की बड़ी-बड़ी तकनीकी कंपनियां भारत को सिर्फ सॉफ्टवेयर सेवा केंद्र नहीं, बल्कि अनुसंधान, विकास और विनिर्माण का केंद्र मान रही हैं। एपल, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और सैमसंग जैसी कंपनियां भारत में अपने उत्पादन आधार को बढ़ा रही हैं। नहीं भूलना चाहिए कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है और यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या में अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। हालांकि, जलवायु परिवर्तन, बेरोजगारी और असमानता अब भी चुनौतियां पेश कर रहे हैं, लेकिन जीएसटी जैसे संरचनात्मक सुधारों से संकेत मिला है कि भारत इन सबसे पार पाने का माद्दा रखता है। कुल मिलाकर एडीबी की रिपोर्ट कोरे आंकड़े नहीं पेश करती, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था में भरोसा जगाती है, जो न सिर्फ अपने लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए उम्मीद बन रही है।
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