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जीवन धारा: छोटी-सी चुनौती भी पहाड़ बन जाती है, इसलिए जीवन में उद्देश्य होना जरूरी है
हंस सेली
Published by: पवन पांडेय
Updated Sat, 13 Dec 2025 08:20 AM IST
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सार
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जीवन में उद्देश्य होना जरूरी है
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मेटा एआई
विस्तार
जीवन केवल शारीरिक स्वास्थ्य भर नहीं है, बल्कि अर्थपूर्ण योगदान और समग्र कल्याण का परिणाम है, जिसमें शारीरिक स्वास्थ्य केवल एक मजबूत नींव के रूप में कार्य करता है। जीवन की गुणवत्ता केवल जीवित रहने से नहीं, बल्कि सार्थक रूप से जीने से बनती है। मनुष्य का मन तब सबसे अधिक शांत, स्थिर और संतुष्ट होता है, जब वह किसी ऐसे लक्ष्य के प्रति समर्पित रहता है, जो न केवल व्यक्तिगत आनंद दे, बल्कि समाज के लिए भी उपयोगी हो।जब हमारे जीवन में कोई ऐसा काम होता है, जो भीतर से हमें ऊर्जा देता है, हमारे कौशल को दिशा देता है और साथ ही दूसरों के लिए सहायक बनता है, तब वही कार्य हमारा अर्थ, उद्देश्य और आत्मिक संतोष बन जाता है। यही सच्ची भक्ति, सच्ची तपस्या और सच्ची मानवता का स्वरूप है। तनाव अपने-आप में बुरा नहीं होता, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम उसे किस रूप में स्वीकार करते हैं। किसी लक्ष्य को बेहतर बनाने के लिए सकारात्मक तनाव लाभदायक होता है, जबकि नकारात्मक तनाव हानिकारक साबित होता है। तनाव, पीड़ा, अकेलापन व असंतोष उस शून्यता से जन्म लेते हैं, जो उद्देश्यहीन जीवन में पैदा होती है। जब जीवन दिशाहीन लगता है, तो व्यक्ति भीतर से खोखला महसूस करता है, और यही नकारात्मक भावनाओं को जन्म देता है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, दोनों पर बुरा प्रभाव डालता है। इस शून्यता को उद्देश्य खोजकर, सार्थक कार्य अपनाकर और दूसरों से जुड़कर भरा जा सकता है।
जिनके पास उद्देश्य नहीं होता, उनके लिए छोटी-सी चुनौती भी पहाड़ बन जाती है, पर जिन लोगों के जीवन में कोई लक्ष्य होता है, वे कठिनाइयों को अवसर की तरह स्वीकार करते हैं। उनके लिए हर दिन नई ऊर्जा, आशा और उत्साह लेकर आता है, क्योंकि वे जानते हैं कि उनका प्रयास केवल उनके लिए नहीं, बल्कि परिवार, समाज और मानवता की भलाई से जुड़ा है। जब मनुष्य दूसरों की भलाई में अपना सुख खोजता है, तब जीवन स्वयं सुंदर हो उठता है। यह आनंद बाहरी वस्तुओं से नहीं, बल्कि भीतर के संतोष से आता है।