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Samwad 2025: पिता ने पसीने की कमाई से बेटे को बनाया सितारा, पढ़ें टीम इंडिया के स्टार इशांत के संघर्ष की कहानी
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, गुरुग्राम
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Sat, 13 Dec 2025 05:09 PM IST
सार
Amar Ujala Samwad 2025: इशांत ने भारत के लिए 105 टेस्ट, 80 वनडे और 14 टी20 मैच खेले। टेस्ट में उनके नाम 311 विकेट और वनडे में 115 विकेट हैं। वहीं, टी20 में इशांत ने आठ विकेट लिए।
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इशांत शर्मा
- फोटो : ANI
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विस्तार
‘अमर उजाला संवाद’ इस बार हरियाणा पहुंचा है। गुरुग्राम में आयोजित इस खास आयोजन में मनोरंजन, खेल और राजनीति सहित अलग-अलग क्षेत्रों की तमाम दिग्गज हस्तियां हिस्सा लेंगी। इसी कड़ी में भारत के दिग्गज तेज गेंदबाज इशांत शर्मा भी इस खास कार्यक्रम में शामिल होंगे। महज 18 साल की उम्र में डेब्यू कर रातों-रात दौलत-शोहरत और प्रसिद्धी पाने वाले इशांत शर्मा की कहानी किसी भी साधारण परिवार के युवक के लिए प्रेरणा हो सकती है।
दो सितंबर 1988 को जन्में इशांत आज देश के दिग्गज गेंदबाजों में से एक माने जाते हैं। वह 100 टेस्ट खेलने वाले भारत के चुनिंदा पेसरों में से एक हैं। हालांकि, किसी ने नहीं सोचा होगा कि यह पेसर इतने लंबे समय तक राष्ट्रीय टीम की सेवा करेगा, लेकिन उन्होंने सभी को गलत साबित करते हुए उन पेसरों में शामिल हुए, जिन्होंने क्रिकेट के दो सबसे लंबे प्रारूप में कामयाबी हासिल की।
इशांत ने 25 मई 2007 को बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट डेब्यू और 29 जून 2007 को दक्षिण अफ्रीका के वनडे डेब्यू किया था। वह अपने लंबे बालों की वजह से भी सुर्खियों में रहे। दोस्तों में लंबू के नाम से चर्चित इशांत शर्मा ने 150 किमी प्रति घंटा की स्पीड से गेंदबाजी की है।
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दो सितंबर 1988 को जन्में इशांत आज देश के दिग्गज गेंदबाजों में से एक माने जाते हैं। वह 100 टेस्ट खेलने वाले भारत के चुनिंदा पेसरों में से एक हैं। हालांकि, किसी ने नहीं सोचा होगा कि यह पेसर इतने लंबे समय तक राष्ट्रीय टीम की सेवा करेगा, लेकिन उन्होंने सभी को गलत साबित करते हुए उन पेसरों में शामिल हुए, जिन्होंने क्रिकेट के दो सबसे लंबे प्रारूप में कामयाबी हासिल की।
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इशांत ने 25 मई 2007 को बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट डेब्यू और 29 जून 2007 को दक्षिण अफ्रीका के वनडे डेब्यू किया था। वह अपने लंबे बालों की वजह से भी सुर्खियों में रहे। दोस्तों में लंबू के नाम से चर्चित इशांत शर्मा ने 150 किमी प्रति घंटा की स्पीड से गेंदबाजी की है।
टीम इंडिया में पहला मौका 2007 में मिला
पतले-दुबले और छह फुट पांच इंच लंबे दिल्ली के इस खिलाड़ी को टीम इंडिया में पहला मौका 2007 में मिला। वह टीम इंडिया के प्रमुख गेंदबाजों में से एक रहे, लेकिन पिछले काफी समय से टीम से बाहर चल रहे हैं। उनकी जिंदगी और करियर दोनों ही काफी उतार चढाव भरा रहा है। उन्होंने एक बार मशहूर शो 'ब्रेकफस्ट विद चैंपियंस' में गौरव कपूर से अपनी जिंदगी और शुरुआती दिनों के कई मजेदार किस्से साझा किए थे। आइए जानते हैं...
पतले-दुबले और छह फुट पांच इंच लंबे दिल्ली के इस खिलाड़ी को टीम इंडिया में पहला मौका 2007 में मिला। वह टीम इंडिया के प्रमुख गेंदबाजों में से एक रहे, लेकिन पिछले काफी समय से टीम से बाहर चल रहे हैं। उनकी जिंदगी और करियर दोनों ही काफी उतार चढाव भरा रहा है। उन्होंने एक बार मशहूर शो 'ब्रेकफस्ट विद चैंपियंस' में गौरव कपूर से अपनी जिंदगी और शुरुआती दिनों के कई मजेदार किस्से साझा किए थे। आइए जानते हैं...
'150 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से डीए मिलता था'
इशांत ने बताया कि वह और विराट कोहली जूनियर क्रिकेट साथ खेलते थे और उन्हें उस दौरान 150 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से डीए (डेली अलौएंस) मिलता था। इशांत ने बताया कि उनके पिता विजय शर्मा श्रमिक थे और एयर कंडीशनर ढोने का काम करते थे। वह एसी को सिर या कंधे पर रखकर पांच मंजिल तक ले जाते थे। काम सिर्फ गर्मियों के मौसम का ही होता था। यानी इन्हीं चार-पांच माह की कमाई में ही साल भर की कमाई और घर का खर्च निकालना होता था, जो वाकई मुश्किल था।
इशांत ने बताया कि वह और विराट कोहली जूनियर क्रिकेट साथ खेलते थे और उन्हें उस दौरान 150 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से डीए (डेली अलौएंस) मिलता था। इशांत ने बताया कि उनके पिता विजय शर्मा श्रमिक थे और एयर कंडीशनर ढोने का काम करते थे। वह एसी को सिर या कंधे पर रखकर पांच मंजिल तक ले जाते थे। काम सिर्फ गर्मियों के मौसम का ही होता था। यानी इन्हीं चार-पांच माह की कमाई में ही साल भर की कमाई और घर का खर्च निकालना होता था, जो वाकई मुश्किल था।
'42 हजार के स्पीकर्स ले लिए, फिर पापा...'
इशांत ने आगे बताया, 'जब नया-नया टीम में आया था। पैसा मिलना शुरू हुआ तो एक दिन मॉल चला गया। वहां मैंने 42 हजार के स्पीकर्स ले लिए। 30 हजार खुद दे आया और बाकी डिलिवरी के टाइम पापा को देने थे। मगर जब पापा को पता चला कि मैंने 42 हजार के स्पीकर्स ले लिए तो वो मम्मी से बोले- मैं सोच रहा था कि एक स्कूटर ले लूंगा, इसने तो 42 हजार स्पीकर्स में ही खर्च कर दिए।'
इशांत ने आगे बताया, 'जब नया-नया टीम में आया था। पैसा मिलना शुरू हुआ तो एक दिन मॉल चला गया। वहां मैंने 42 हजार के स्पीकर्स ले लिए। 30 हजार खुद दे आया और बाकी डिलिवरी के टाइम पापा को देने थे। मगर जब पापा को पता चला कि मैंने 42 हजार के स्पीकर्स ले लिए तो वो मम्मी से बोले- मैं सोच रहा था कि एक स्कूटर ले लूंगा, इसने तो 42 हजार स्पीकर्स में ही खर्च कर दिए।'
'धूप में भी पापा कहते थे रेनकोट ले आओ...'
इशांत ने बताया, 'जब मैं बाहर जाता हूं और पापा को कॉल करता हूं कि आपके लिए क्या लाऊं, तो वो बोलते हैं- एक रेनकोट ले आना। मैं हंस हंस के पागल हो गया कि रेनकोट कौन मंगवाता है। धूप में रेनकोट कौन पहनता है।' अपने करियर की शुरुआत के बारे में इशांत ने बताया है कि वो 18 साल के थे और उन्हें क्रिकेट का इतना एक्सपोजर नहीं था। पहला मैच खेलने पहुंचे तो किटबैग खो गया। उस वक्त जहीर खान टीम में थे और उनके जूते पहन कर पहला मैच खेला। संयोग देखिए कि इशांत ने टेस्ट में जहीर के बराबर 311 विकेट लिए और उनके जितना ही 11 बार पारी में पांच विकेट भी लिए।
इशांत ने बताया, 'जब मैं बाहर जाता हूं और पापा को कॉल करता हूं कि आपके लिए क्या लाऊं, तो वो बोलते हैं- एक रेनकोट ले आना। मैं हंस हंस के पागल हो गया कि रेनकोट कौन मंगवाता है। धूप में रेनकोट कौन पहनता है।' अपने करियर की शुरुआत के बारे में इशांत ने बताया है कि वो 18 साल के थे और उन्हें क्रिकेट का इतना एक्सपोजर नहीं था। पहला मैच खेलने पहुंचे तो किटबैग खो गया। उस वक्त जहीर खान टीम में थे और उनके जूते पहन कर पहला मैच खेला। संयोग देखिए कि इशांत ने टेस्ट में जहीर के बराबर 311 विकेट लिए और उनके जितना ही 11 बार पारी में पांच विकेट भी लिए।
मैन ऑफ द सीरीज मिलने पर दुखी हुए थे इशांत
ऑस्ट्रेलिया में 2008 में पहली बार मैन ऑफ द सीरीज अवॉर्ड दिया गया तो इशांत दुखी हो गए थे। उन्होंने तब टीम के साथियों से कहा था, 'यार मैन ऑफ द मैच नहीं मिला, ये पता नहीं कौन सा अवॉर्ड है।' इशांत ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं था कि मैन ऑफ द सीरीज भी कोई अवॉर्ड होता है क्योंकि उन्होंने सिर्फ मैन ऑफ द मैच ही सुना था।
ऑस्ट्रेलिया में 2008 में पहली बार मैन ऑफ द सीरीज अवॉर्ड दिया गया तो इशांत दुखी हो गए थे। उन्होंने तब टीम के साथियों से कहा था, 'यार मैन ऑफ द मैच नहीं मिला, ये पता नहीं कौन सा अवॉर्ड है।' इशांत ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं था कि मैन ऑफ द सीरीज भी कोई अवॉर्ड होता है क्योंकि उन्होंने सिर्फ मैन ऑफ द मैच ही सुना था।
'क्रिकेट के साथ पढ़ाई करनी भी जरूरी है'
इशांत कहते हैं, 'हमारे देश में लाखों लोग क्रिकेट खेलते हैं, उनमें से सिर्फ 15 ही चयनित होते हैं, इसलिए क्रिकेट के साथ पढ़ाई करनी भी जरूरी है क्योंकि जरूरी नहीं कि हर कोई ऊपर तक पहुंचे। मैंने ऐसे कितने ही लोग देखे हैं जिन्होंने अच्छा क्रिकेट खेला, लेकिन बाद में जब कहीं मौका नहीं मिला तो 200 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से क्रिकेट की ट्यूशन भी दी है। लक भी होता है, जिनके साथ लक साथ नहीं होता, उनके लिए पढ़ाई बड़ी काम आती है। तमाम रणजी प्लेयर्स बहुत स्ट्रगल करते हैं।'
इशांत कहते हैं, 'हमारे देश में लाखों लोग क्रिकेट खेलते हैं, उनमें से सिर्फ 15 ही चयनित होते हैं, इसलिए क्रिकेट के साथ पढ़ाई करनी भी जरूरी है क्योंकि जरूरी नहीं कि हर कोई ऊपर तक पहुंचे। मैंने ऐसे कितने ही लोग देखे हैं जिन्होंने अच्छा क्रिकेट खेला, लेकिन बाद में जब कहीं मौका नहीं मिला तो 200 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से क्रिकेट की ट्यूशन भी दी है। लक भी होता है, जिनके साथ लक साथ नहीं होता, उनके लिए पढ़ाई बड़ी काम आती है। तमाम रणजी प्लेयर्स बहुत स्ट्रगल करते हैं।'
इशांत का अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल करियर
इशांत ने भारत के लिए 105 टेस्ट, 80 वनडे और 14 टी20 मैच खेले। टेस्ट में उनके नाम 311 विकेट और वनडे में 115 विकेट हैं। वहीं, टी20 में इशांत ने आठ विकेट लिए। टेस्ट में इशांत का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 74 रन देकर सात विकेट है, जबकि वनडे में 34 रन देकर चार विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। टी20 में इशांत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 34 रन देकर दो विकेट है। इशांत ने टेस्ट में 11 बार पारी में पांच विकेट लिए। इसके अलावा इशांत ने 117 आईपीएल मैच भी खेले। इसमें उन्होंने 96 विकेट लिए हैं। उनका इकोनॉमी रेट 8.38 का है। आईपीएल में इशांत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 12 रन देकर पांच विकेट है। इशांत ने अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास नहीं लिया है।
इशांत ने भारत के लिए 105 टेस्ट, 80 वनडे और 14 टी20 मैच खेले। टेस्ट में उनके नाम 311 विकेट और वनडे में 115 विकेट हैं। वहीं, टी20 में इशांत ने आठ विकेट लिए। टेस्ट में इशांत का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 74 रन देकर सात विकेट है, जबकि वनडे में 34 रन देकर चार विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। टी20 में इशांत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 34 रन देकर दो विकेट है। इशांत ने टेस्ट में 11 बार पारी में पांच विकेट लिए। इसके अलावा इशांत ने 117 आईपीएल मैच भी खेले। इसमें उन्होंने 96 विकेट लिए हैं। उनका इकोनॉमी रेट 8.38 का है। आईपीएल में इशांत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 12 रन देकर पांच विकेट है। इशांत ने अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास नहीं लिया है।