Amanjot Kaur: फाइनल से पहले अमनजोत का ध्यान न भटके, इसलिए परिवार वालों ने छुपाई थी दादी के हार्ट अटैक की बात
अमनजोत के पिता भूपिंदर सिंह, अपनी 75 वर्षीय मां भगवंती कौर को पिछले हफ्ते दिल के दौरे के बाद अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन उन्होंने यह बात अपनी बेटी अमनजोत से छुपा ली। कारण था- वर्ल्ड कप का फाइनल और बेटी का ध्यान खेल में बनाए रखना।
                            विस्तार
                                            अमनजोत के पिता भूपिंदर सिंह, जो पेशे से बढ़ई और ठेकेदार हैं, अपनी 75 वर्षीय मां भगवंती कौर को पिछले हफ्ते दिल के दौरे के बाद अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन उन्होंने यह बात अपनी बेटी अमनजोत से छुपा ली। कारण था- वर्ल्ड कप का फाइनल और बेटी का ध्यान खेल में बनाए रखना।
भूपिंदर ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, 'अमनजोत को एहसास हो गया था कि 'बीजी' (दादी) ठीक नहीं हैं। पहले उसने अपनी बहन को फोन किया, तो उसने कहा कि वह गुरुद्वारे में हैं। फिर उसने मुझे फोन किया और कहा कि बीजी से वीडियो कॉल कराओ। काफी जोर देने के बाद मैंने अपनी मां से कहा कि आज उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा मैच है, उसे शुभकामनाएं दो। बीजी ने उसे 'ऑल द बेस्ट' कहा।'
A poor Punjabi carpenter built his daughter’s first bat with his own hands. They mocked him for letting her play cricket.
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) November 3, 2025
Years later, Amanjot Kaur became a World Cup winner with Team India, one of the most consistent performers of the tournament.
This is Father's faith & love… pic.twitter.com/sqLd7KTUTz
                                            भूपिंदर ने बताया, 'मैंने अमनजोत से कहा कि बीजी की तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है, बस लो बीपी है, पर दिल के दौरे की बात नहीं बताई। फाइनल के बाद ही हमने सच्चाई बताई।' इसी एक ऑल द बेस्ट ने अमनजोत की जिंदगी बदल दी। उनके आशीर्वाद ने अमनजोत को विश्व चैंपियन बना दिया। भूपिंदर ने आगे बताया कि अब अमनजोत ने डॉक्टरों से बात की है और दादी के आगे के टेस्ट होने वाले हैं।
दिल का दौरा झेल चुकी भगवंती कौर आज भी अपनी पोती पर गर्व महसूस करती हैं। उन्होंने कहा, 'वो मेरी पोती ही नहीं, मेरे पोते से भी बढ़कर है।' जब अमनजोत बचपन में मोहल्ले के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी, तो भगवंती एक कुर्सी लेकर पार्क में बैठ जाती थीं। वे यह भी देखती थीं कि कोई उसकी पोती को तंग न करे।
A poor PUNJABI father of a girl child worked as a carpenter . When his daughter decided to play cricket, he backed her . Got her into professional cricket training. His colleagues mocked him & laughed at him . He had a firm belief that his girl was special . The girl turned into… pic.twitter.com/nQZmeCvfAB
— Hindutva Knight (@HPhobiaWatch) November 3, 2025
                                            भूपिंदर ने बताया, 'मेरी मां भगवंती, अमनजोत की सबसे बड़ी ताकत रही हैं। जब वो मोहाली के फेज पांच में घर के बाहर या पार्क में लड़कों और लड़कियों के साथ क्रिकेट खेलती थी, तब मैं अपनी बढ़ई की दुकान पर होता था और मां उसके साथ बैठी रहती थीं। अब जब मां अस्पताल में हैं, तो यह वर्ल्ड कप जीत हमारे लिए तनाव के बीच मरहम जैसी है।'
अमनजोत ने शुरुआत में स्केटिंग और हॉकी दोनों खेलों में हाथ आजमाया, लेकिन बाद में क्रिकेट को अपनाया। एक पड़ोसी की सलाह पर भूपिंदर ने उसकी ट्रेनिंग के लिए कोच की तलाश शुरू की और उन्हें मिले कोच नागेश गुप्ता, जिन्होंने अमनजोत को अपनी शागिर्द बना लिया।
भूपिंदर याद करते हैं, 'जब मैं नागेश सर से मिला, तो उन्होंने कहा कि अमनजोत को सेक्टर 32 के सरकारी स्कूल ग्राउंड में भेजो। मैं अपने काम के बाद एक्स्ट्रा काम करता ताकि उसकी ट्रेनिंग की जरूरतें पूरी कर सकूं। उसे लेने और छोड़ने खुद चंडीगढ़ ले जाता। बाद में जब उसे स्कूटी मिली, तो वो कहती, 'पापा, चिंता न करो, मैं अब बड़ी हो गई हूं।'
VIDEO | ICC Women’s World Cup: Family of Indian cricketer Amanjot Kaur watches the final match from Mohali, Punjab.
— Press Trust of India (@PTI_News) November 2, 2025
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/MZIAl3fZ5s
                                            कोच नागेश गुप्ता, जो अब बीसीसीआई लेवल-दो कोच हैं, याद करते हैं, 'जब वो पहली बार अकादमी में आई, तो उसका रन-अप और रिस्ट पोजिशन बहुत अच्छा था। थोड़ी गेंदें इधर-उधर जाती थीं, तो हमने 'स्पॉट बॉलिंग' पर काम किया और छोटी-छोटी तकनीकी चीजें सुधारीं। एक दिन मैंने उसे नेट्स में बल्लेबाजी करते देखा, तो उसके बल्ले से बॉल पर जो पंच था, वही बता रहा था कि वो एक दिन ऑलराउंडर बनेगी।'
2023 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए टी20 मैच में अमनजोत ने डेब्यू किया और 'प्लेयर ऑफ द मैच' बनीं। उसी साल उन्हें मुंबई इंडियंस ने डब्ल्यूपीएल में खरीदा। लेकिन अगले ही साल पीठ में स्ट्रेस इंजरी और हाथ के लिगामेंट फटने से वह आठ महीने तक मैदान से बाहर रहीं। गुप्ता कहते हैं, 'हमें पता था कि उसे रिकवरी के बाद दोबारा ताकत जुटानी है और मानसिक रूप से स्थिर रहना है। उसने यही किया।'
VIDEO | ICC Women's World Cup 2025 Finals: Family of Indian cricketer Amanjot Kaur gets emotional as Team India creates history by winning the Women's World Cup for the first time ever. India defeated South Africa by 52 runs. #ICCWomenWorldCup2025Finals
— Press Trust of India (@PTI_News) November 2, 2025
(Full video available… pic.twitter.com/WY4pm1DnOr
                                            इस विश्व कप में अमनजोत ने श्रीलंका के खिलाफ शुरुआती मैच में सातवें नंबर पर आते हुए अर्धशतक जड़ा, जब टीम का स्कोर 124/6 था। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया की शतकवीर फीबी लिचफील्ड का विकेट लेकर भारत को फाइनल तक पहुंचाया। कोच ने बताया, 'शुरुआत में अमनजोत कभी ऊपर, कभी नीचे बल्लेबाजी करती थी। हमने उसकी ऑफ साइड गेम पर काम किया ताकि स्पिनिंग विकेट पर भी रन बना सके।'
                                            फाइनल के दौरान अमनजोत के पिता, मां रंजीत कौर और भाई-बहन कमलजोत कौर और गुरकृपाल सिंह दादी की देखभाल में जुटे रहे। भूपिंदर ने कहा, 'अगर मां ठीक होतीं, तो गुरुद्वारे में जाकर कराह प्रसाद बनवातीं और जीत के लिए ईश्वर का धन्यवाद करतीं।' यह सिर्फ भारत की नहीं, एक बेटी और परिवार की जीत है, जिसने प्यार से झूठ बोला, ताकि अमनजोत का सपना पूरा हो सके। अमनजोत ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका की शतकवीर कप्तान एल वोल्वार्ट का महत्वपूर्ण कैच लिया और टीम इंडिया की जीत में अहम भूमिका निभाई।