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Ravi Shastri: 'विदेशी लीग में खेलने से भारतीय खिलाड़ियों को होगा फायदा', रवि शास्त्री ने फैसले का किया स्वागत
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Thu, 16 Oct 2025 03:55 PM IST
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सार
शास्त्री ने कहा कि जैसे आईपीएल ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, वैसे ही विदेशी लीगों में खेलने से खिलाड़ियों को नई सोच, नई तकनीक और अलग माहौल से सीखने का मौका मिलेगा।

रवि शास्त्री और विराट कोहली
- फोटो : ANI
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विस्तार
टीम इंडिया के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) से आग्रह किया है कि वह अधिक से अधिक भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी टी20 लीग में खेलने की अनुमति दे। उनका मानना है कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ खेलने का अनुभव भारतीय खिलाड़ियों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा और उनके खेल में परिपक्वता आएगी।
शास्त्री ने कहा कि जैसे आईपीएल ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, वैसे ही विदेशी लीगों में खेलने से खिलाड़ियों को नई सोच, नई तकनीक और अलग माहौल से सीखने का मौका मिलेगा।

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शास्त्री ने कहा कि जैसे आईपीएल ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, वैसे ही विदेशी लीगों में खेलने से खिलाड़ियों को नई सोच, नई तकनीक और अलग माहौल से सीखने का मौका मिलेगा।
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BCCI की नीति पर सवाल
वर्तमान में बीसीसीआई अपने सक्रिय भारतीय खिलाड़ियों को किसी भी विदेशी टी20 लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता। खिलाड़ी तभी विदेशी लीग में भाग ले सकते हैं जब वे सभी प्रारूपों (टेस्ट, वनडे, टी20) से सेवानिवृत्त (रिटायर) हो चुके हों और बोर्ड से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्राप्त कर चुके हों।
शास्त्री ने इस नीति को बदलने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन हर किसी को राष्ट्रीय टीम या आईपीएल में जगह नहीं मिल पाती। ऐसे में विदेशी लीग में खेलने की आजादी देना कई युवा खिलाड़ियों के लिए करियर संवारने जैसा कदम हो सकता है।
वर्तमान में बीसीसीआई अपने सक्रिय भारतीय खिलाड़ियों को किसी भी विदेशी टी20 लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता। खिलाड़ी तभी विदेशी लीग में भाग ले सकते हैं जब वे सभी प्रारूपों (टेस्ट, वनडे, टी20) से सेवानिवृत्त (रिटायर) हो चुके हों और बोर्ड से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्राप्त कर चुके हों।
शास्त्री ने इस नीति को बदलने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन हर किसी को राष्ट्रीय टीम या आईपीएल में जगह नहीं मिल पाती। ऐसे में विदेशी लीग में खेलने की आजादी देना कई युवा खिलाड़ियों के लिए करियर संवारने जैसा कदम हो सकता है।
अश्विन बने मिसाल, बीबीएल से जोड़ी नई शुरुआत
हाल ही में भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने एक नया इतिहास रचा है। वह बिग बैश लीग (BBL) में शामिल होने वाले पहले शीर्ष भारतीय क्रिकेटर बन गए हैं। उन्होंने आगामी सीजन के लिए सिडनी थंडर फ्रेंचाइजी के साथ अनुबंध किया है।
शास्त्री ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे उदाहरण बाकी खिलाड़ियों को प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा, 'अगर कोई खिलाड़ी टेस्ट टीम में नहीं जगह बना पा रहा या बीसीसीआई का ए या बी कॉन्ट्रैक्ट नहीं है, तो उसे बिग बैश या अन्य लीग में खेलने से क्यों रोका जाए?'
हाल ही में भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने एक नया इतिहास रचा है। वह बिग बैश लीग (BBL) में शामिल होने वाले पहले शीर्ष भारतीय क्रिकेटर बन गए हैं। उन्होंने आगामी सीजन के लिए सिडनी थंडर फ्रेंचाइजी के साथ अनुबंध किया है।
शास्त्री ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे उदाहरण बाकी खिलाड़ियों को प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा, 'अगर कोई खिलाड़ी टेस्ट टीम में नहीं जगह बना पा रहा या बीसीसीआई का ए या बी कॉन्ट्रैक्ट नहीं है, तो उसे बिग बैश या अन्य लीग में खेलने से क्यों रोका जाए?'
'विदेशी माहौल में सीखने को मिलता है सबसे ज्यादा'
रवि शास्त्री ने कहा कि विदेशी लीग में खेलने का अनुभव किसी भी खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ा स्कूल होता है। वहां उन्हें रिकी पोंटिंग, स्टीफन फ्लेमिंग जैसे दिग्गज कोचों के साथ काम करने और दबाव की परिस्थितियों में खेलने का अवसर मिलता है।
उन्होंने कहा, 'ये लीग्स खिलाड़ियों को दबाव झेलने की कला सिखाती हैं। अलग माहौल, अलग कोचिंग स्टाइल और अलग सोच से खिलाड़ी तेजी से विकसित होते हैं। मेरे लिए विदेश में खेलने से मिलने वाली सीख से बेहतर कुछ नहीं।'
रवि शास्त्री ने कहा कि विदेशी लीग में खेलने का अनुभव किसी भी खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ा स्कूल होता है। वहां उन्हें रिकी पोंटिंग, स्टीफन फ्लेमिंग जैसे दिग्गज कोचों के साथ काम करने और दबाव की परिस्थितियों में खेलने का अवसर मिलता है।
उन्होंने कहा, 'ये लीग्स खिलाड़ियों को दबाव झेलने की कला सिखाती हैं। अलग माहौल, अलग कोचिंग स्टाइल और अलग सोच से खिलाड़ी तेजी से विकसित होते हैं। मेरे लिए विदेश में खेलने से मिलने वाली सीख से बेहतर कुछ नहीं।'