Rohit Sharma: 'टीम में कौन आ रहा कि कोई हमारा नाम नहीं ले रहा...', रोहित की एंट्री पर क्यों चौंक गए थे कोहली?
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यूं तो कई सुपरस्टार हुए हैं, लेकिन मुंबई की बोरिवली के इस बिंदास क्रिकेटर ने अपनी अलग छाप छोड़ी है। 'गार्डेन में कोई नहीं घूमेगा' से लेकर डीआरएस विफल होने पर कुलदीप का मजाक उड़ाने तक रोहित ने फील्ड पर सभी का दिल जीता।
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एक बार विराट कोहली ने एक इंटरव्यू में कहा था कि हम सभी हैरान थे कि ऐसा कौन सा क्रिकेटर आ रहा है कि कोई हमारा नाम ही नहीं ले रहा, लेकिन जब उन्हें बल्लेबाजी करते देखा तब समझ में आया। उन्होंने यह भी कहा था कि हर स्ट्रोक के लिए रोहित के पास डेढ सेकंड अतिरिक्त होता है। लाल गेंद और रोहित का रिश्ता खट्टा मीठा रहा, लेकिन सफेद गेंद में उनकी बादशाहत हमेशा रही जिसमें उन्होंने 50 ओवरों के विश्व कप में सात शतक जड़े।
आलोचक यह कह सकते हैं कि 75 से भी कम मैच खेलने वाले रोहित का टेस्ट कैरियर औसत ही रहा जिसमें वह SENA ( दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया) देशों के खिलाफ एक ही शतक जड़ पाए, लेकिन फैंस के लिए उनके बल्ले का जादू कुछ अलग ही था। अपनी कलाई के जादू से सफेद गेंद को स्टेडियम के चारों ओर पीटने वाले रोहित शर्मा, अक्सर स्टम्प माइक पर अनजाने में ‘वनलाइनर’ छोड़कर मुस्कुराहटें बिखेरने वाले रोहित शर्मा या फिर सुपरस्टार होने के बावजूद अपने करीब से लगने वाले रोहित शर्मा।
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यूं तो कई सुपरस्टार हुए हैं, लेकिन मुंबई की बोरिवली के इस बिंदास क्रिकेटर ने अपनी अलग छाप छोड़ी है। 'गार्डेन में कोई नहीं घूमेगा' से लेकर डीआरएस विफल होने पर कुलदीप का मजाक उड़ाने तक रोहित ने फील्ड पर सभी का दिल जीता। उनके संन्यास से एक अध्याय का अंत हो गया। विराट कोहली के इस दौर में रोहित ने भी अपने एक दशक से अधिक के टेस्ट क्रिकेट के सफर में अपने लिए अलग जगह बनाई। उनके बल्ले से निकले बेहतरीन पूल शॉट्स और किसी खिलाड़ी की गलती पर उनकी मुस्कान हर क्रिकेटप्रेमी के दिल में बसी रहेंगी।
वनडे में तीन दोहरे शतक ने उन्हें सबसे अलग बनाया। यही वजह है कि टेस्ट में भी फैंस को उनसे काफी उम्मीदें थीं, लेकिन उम्र के साथ-साथ एक दो सीरीज में खराब प्रदर्शन से वह कई बार फैंस के निशाने पर भी रहे। उनकी संन्यास की बातें हुईं और आखिरकार उन्हें क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप को अलविदा कह दिया है। उन्होंने भले ही 67 टेस्ट ही खेले, लेकिन वनडे में 273 मैच खेल चुके हैं। उनकी कप्तानी में हमेशा टीम भावना नजर आई जो उन्हें रिकॉर्ड के मामले में महेंद्र सिंह धोनी के बाद दूसरा सबसे सफल कप्तान बनाती है।
इसी रोहित शर्मा ने ओल्ड ट्रैफर्ड में पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप मैच की पहली गेंद पर चौका जड़ा था। रोहित के बारे में सबसे अच्छी बात यह रही कि सोशल मीडिया के इस दौर में भी अपने स्टारडम को कभी उन्होंने संजीदगी से नहीं लिया। इसके लिए भारतीय टीम में धोनी के साथ बिताए गए उनके दिन काफी मददगार रहे।
उनके मशहूर वाक्य 'कोई गार्डेन में घूमेगा तो …' पर सोशल मीडिया में कई मीम बने। हाल ही में उनसे पूछा गया कि वह किस मशहूर हस्ती को अपने साथ डिनर पर बाहर ले जाना चाहेंगे तो उन्होंने कहा, 'किसी को नहीं! मैं अपने गार्डेन में घूमने वाले बच्चे सरफराज खान, यशस्वी जायसवाल या शुभमन गिल के साथ जाना चाहूंगा।' भले ही कुछ सीरीज में उनसे गलतियां हुईं और फैसले टीम के पक्ष में नहीं गए, लेकिन इसमें किसी को शक नहीं होगा कि उनका हर फैसला, चाहे वह सही हो या गलत, ईमानदारी से लिया गया।
इंग्लैंड दौरे के लिए नया टेस्ट कप्तान
रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2023 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत की कप्तानी की। न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर पिछली सीरीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के अलावा कप्तान के रूप में उनका प्रदर्शन प्रभावी रहा। इंग्लैंड के खिलाफ आगामी पांच टेस्ट मैच की सीरीज के लिए भारत के पास एक नया टेस्ट कप्तान होगा जिसके संभावित उम्मीदवार शुभमन गिल, जसप्रीत बुमराह, लोकेश राहुल और ऋषभ पंत हो सकते हैं। बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान कुछ टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की थी।
रोहित ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान कठिन दौर का सामना किया, जहां उन्हें खराब फॉर्म के कारण अंतिम एकादश से बाहर होने का फैसला करना पड़ा। पर उन्होंने उस समय संन्यास लेने से इनकार कर दिया था। मुख्य कोच गौतम गंभीर के साथ उनके मतभेदों की भी काफी अटकलें रही थीं जिन्होंने पिछले साल जुलाई में कार्यभार संभालने के बाद भारतीय क्रिकेट में ‘स्टार संस्कृति’ खत्म करने की बात की थी।