Shubman Gill: आखिरकार खत्म हुआ शुभमन गिल का प्रयोग! टी20 विश्व कप की टीम में शामिल नहीं; सैमसन करेंगे ओपनिंग?
शुभमन गिल को टी20 विश्व कप टीम में शामिल न करना यह दर्शाता है कि चयनकर्ता अब प्रयोग के दौर से आगे बढ़ चुके हैं। टीम को ऐसे खिलाड़ी चाहिए जो तुरंत असर डाल सकें। संजू सैमसन की ओपनिंग एक मजबूत और आक्रामक विकल्प के रूप में सामने आ सकती है। यह फैसला भले ही गिल के प्रशंसकों को निराश करे, लेकिन टीम इंडिया के नजरिए से यह पूरी तरह रणनीतिक और वर्तमान टी20 क्रिकेट की मांग के अनुरूप लगता है।
विस्तार
शुभमन गिल को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर अब विराम लग चुका है। बीसीसीआई ने जब टी20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए भारतीय टीम की आधिकारिक घोषणा की, तो उसमें शुभमन गिल का नाम नदारद रहा। इस एलान के साथ ही यह लगभग तय हो गया कि टी20 फॉर्मेट में गिल को लेकर किया जा रहा प्रयोग फिलहाल खत्म हो चुका है। भारतीय क्रिकेट में पिछले कुछ वर्षों से शुभमन गिल को तीनों फॉर्मेट का भविष्य माना जाता रहा है। टेस्ट और वनडे में गिल ने अपनी तकनीक और निरंतरता से खुद को साबित भी किया, लेकिन टी20 फॉर्मेट में उनके साथ किया गया प्रयोग अब सवालों के घेरे में आ गया था। टी20 विश्व कप की अंतिम टीम में शुभमन गिल का नाम शामिल न होना इसी ओर इशारा करता है कि चयनकर्ता अब इस प्रयोग से आगे बढ़ चुके हैं।
टी20 में गिल की समस्या क्या रही?
शुभमन गिल की सबसे बड़ी ताकत उनकी क्लासिकल बल्लेबाजी है, लेकिन टी20 क्रिकेट में यही बात कई बार उनकी कमजोरी भी बनी। पावरप्ले में तेजी से रन बटोरना, बड़े शॉट्स की निरंतरता और 150+ स्ट्राइक रेट बनाए रखना आज के टी20 की मांग है। गिल ने कुछ मुकाबलों में अच्छी पारियां खेलीं, लेकिन कुल मिलाकर उनकी स्ट्राइक रेट और प्रभावशीलता बाकी विकल्पों की तुलना में पीछे रही। चयनकर्ताओं के लिए यह साफ संकेत था कि टी20 विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में सावधान विकल्प की बजाय इम्पैक्ट प्लेयर ज्यादा जरूरी है। एक अगस्त 2024 से लेकर अब तक के टी20 आंकड़ों पर नजर डालें तो तस्वीर काफी हद तक साफ हो जाती है:
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अभिषेक शर्मा: 28 मैच, 991 रन, स्ट्राइक रेट 189.84
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तिलक वर्मा: 24 मैच, 847 रन, स्ट्राइक रेट 146.03
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संजू सैमसन: 22 मैच, 588 रन, स्ट्राइक रेट 163.78
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हार्दिक पंड्या: 22 मैच, 479 रन, स्ट्राइक रेट 151.10
वहीं शुभमन गिल के आंकड़े देखें तो:
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15 मैच, 291 रन, स्ट्राइक रेट 137.26
यही तुलना बताती है कि गिल रन तो बना रहे थे, लेकिन उसी रफ्तार से नहीं, जिसकी जरूरत टी20 वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट में होती है।
चयनकर्ताओं का बदलता नजरिया
भारतीय चयन नीति अब साफ तौर पर फॉर्म और भूमिका आधारित होती जा रही है। टी20 में चयन का मतलब सिर्फ रन बनाना नहीं, बल्कि मैच का रुख बदलने की क्षमता भी है। शुभमन गिल टेस्ट और वनडे में लंबे समय तक क्रीज पर टिककर टीम को मजबूती देते हैं, लेकिन टी20 में टीम उनसे वही प्रभाव नहीं देख पाई। यही वजह है कि चयनकर्ताओं ने गिल को बाहर रखकर उन खिलाड़ियों पर भरोसा दिखाया, जो कम गेंदों में ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
क्या संजू सैमसन को मिलेगा ओपनिंग का मौका?
शुभमन गिल के बाहर होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि ओपनिंग कौन करेगा? इस संदर्भ में संजू सैमसन का नाम सबसे आगे है। सैमसन ने आईपीएल और सीमित मौकों पर टीम इंडिया के लिए यह साबित किया है कि वह तेज शुरुआत दिला सकते हैं। उनकी बल्लेबाजी में आक्रामकता के साथ-साथ शॉट्स की वैरायटी भी है, जो पावरप्ले में विपक्षी गेंदबाजों पर दबाव बना सकती है। अगर अभिषेक शर्मा जैसे खिलाड़ी के साथ सैमसन ओपनिंग करते हैं, तो भारत को शुरुआत में ही बढ़त मिल सकती है। ओपनिंग में भारत के पास ईशान किशन के रूप में भी एक और विकल्प मौजूद है। ईशान हालिया सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शानदार फॉर्म में दिखे थे। उनके शतक की बदौलत झारखंड ने ट्रॉफी जीती। ईशान ने फाइनल में तूफानी शतक जड़ा था।
बीसीसीआई का एलान और साफ संकेत
बीसीसीआई ने जिन खिलाड़ियों को चुना है, वे सभी मौजूदा टी20 रणनीति के अनुरूप फिट बैठते हैं। टीम की कमान सूर्यकुमार यादव को सौंपी गई है, जबकि अक्षर पटेल की बतौर उपकप्तान वापसी हुई है। जसप्रीत बुमराह टीम के सीनियर लीडर के तौर पर मौजूद हैं। इस घोषित स्क्वॉड में आक्रामक बल्लेबाज, मल्टी-स्किल ऑलराउंडर और विकेट लेने वाले गेंदबाजों का संतुलन साफ दिखाई देता है। शुभमन गिल का बाहर होना यह दर्शाता है कि चयनकर्ताओं ने क्लासिकल स्टाइल से ज्यादा टी20 इम्पैक्ट को तरजीह दी है।
टी20 में गिल क्यों पिछड़ गए?
शुभमन गिल की तकनीक और निरंतरता पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन टी20 क्रिकेट में उनसे अपेक्षित विस्फोटक अंदाज़ लगातार देखने को नहीं मिला। टी20 फॉर्मेट अब पावरप्ले में तेज रन, 160-180 की स्ट्राइक रेट और जोखिम लेने की मांग करता है। गिल कई मौकों पर अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल पाए और यही बात चयनकर्ताओं के फैसले में निर्णायक बन गई।
संजू सैमसन को ओपनिंग का फायदा?
गिल के बाहर होने के बाद सबसे बड़ा फायदा संजू सैमसन को मिलता दिख रहा है। उन्हें टीम में विकेटकीपर के साथ-साथ टॉप ऑर्डर बल्लेबाज के रूप में चुना गया है। सैमसन की सबसे बड़ी ताकत उनकी आक्रामक सोच है। वह पहले ओवर से बड़े शॉट खेलने में हिचकते नहीं हैं, जो टी20 वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट में बेहद अहम है। मिडिल ऑर्डर में हार्दिक पांड्या, शिवम दुबे और रिंकू सिंह जैसे खिलाड़ी मैच फिनिश करने की क्षमता रखते हैं, जबकि गेंदबाजी में बुमराह, अर्शदीप और कुलदीप जैसे नाम टीम को मजबूती देते हैं।
शुभमन गिल के लिए आगे क्या?
टी20 वर्ल्ड कप टीम से बाहर होना शुभमन गिल के करियर पर फुल स्टॉप नहीं है। वह अभी भी वनडे और टेस्ट में टीम इंडिया के अहम स्तंभ हैं। अगर गिल अपने खेल में टी20 के मुताबिक आक्रामकता और निरंतरता जोड़ते हैं, तो भविष्य में वापसी की पूरी संभावना है। भारतीय क्रिकेट में फॉर्मेट-स्पेशलिस्ट का दौर अब आम होता जा रहा है, और गिल भी उसी दौर से गुजर रहे हैं।