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AUS vs ENG, Ashes: दो दिन में खत्म टेस्ट का भारी नुकसान! पर्थ-मेलबर्न मैचों से ऑस्ट्रेलिया को ₹78 करोड़ की चपत
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, मेलबर्न
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Mon, 29 Dec 2025 02:14 PM IST
सार
पर्थ और मेलबर्न में दो दिन में खत्म हुए टेस्ट मैचों से ऑस्ट्रेलिया को करीब 78 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। शुरुआती नतीजों ने टेस्ट क्रिकेट के भविष्य, पिचों की भूमिका और आर्थिक मॉडल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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एशेज
- फोटो : ANI
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विस्तार
टेस्ट क्रिकेट को पांच दिन का खेल कहा जाता है, लेकिन जब मुकाबले दो दिन में ही खत्म हो जाएं, तो रोमांच के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी तय होता है। ऑस्ट्रेलिया में पर्थ और मेलबर्न टेस्ट मैचों के सिर्फ दो दिन में निपटने से क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को करोड़ों का झटका लगा है। ब्रिटिश अखबार 'द गार्डियन' की रिपोर्ट के मुताबिक, इन शुरुआती नतीजों ने ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड की कमाई पर सीधा असर डाला है।
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पर्थ और मेलबर्न टेस्ट दो दिन में खत्म
पर्थ टेस्ट और मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया मुकाबला उम्मीद के उलट बेहद जल्दी समाप्त हो गया। आमतौर पर इन प्रतिष्ठित मैदानों पर पांच दिन तक दर्शकों की भीड़ और टिकट बिक्री से भारी राजस्व आता है, लेकिन दो दिन में मैच खत्म होने से स्टेडियम खाली रहे और मैच-डे रेवेन्यू बुरी तरह प्रभावित हुआ।
पर्थ टेस्ट और मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया मुकाबला उम्मीद के उलट बेहद जल्दी समाप्त हो गया। आमतौर पर इन प्रतिष्ठित मैदानों पर पांच दिन तक दर्शकों की भीड़ और टिकट बिक्री से भारी राजस्व आता है, लेकिन दो दिन में मैच खत्म होने से स्टेडियम खाली रहे और मैच-डे रेवेन्यू बुरी तरह प्रभावित हुआ।
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78 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान
द गार्डियन के मुताबिक, पर्थ और मेलबर्न के इन दो-दिवसीय टेस्ट मैचों से ऑस्ट्रेलिया को करीब 13 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (लगभग 78 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ। इसमें टिकट बिक्री, फूड-बेवरेज, हॉस्पिटैलिटी और ब्रॉडकास्टिंग से जुड़ी कमाई शामिल है, जो मैच के पूरे पांच दिन चलने पर होती।
द गार्डियन के मुताबिक, पर्थ और मेलबर्न के इन दो-दिवसीय टेस्ट मैचों से ऑस्ट्रेलिया को करीब 13 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (लगभग 78 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ। इसमें टिकट बिक्री, फूड-बेवरेज, हॉस्पिटैलिटी और ब्रॉडकास्टिंग से जुड़ी कमाई शामिल है, जो मैच के पूरे पांच दिन चलने पर होती।
खिलाड़ियों और पिचों पर उठे सवाल
लगातार दो दिन में खत्म हो रहे टेस्ट मैचों ने पिच की प्रकृति और बल्लेबाजों की तकनीक पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। तेज गेंदबाजों को जरूरत से ज्यादा मदद मिलने पर मैच का संतुलन बिगड़ता दिखा, जिससे दर्शकों को लंबा मुकाबला देखने को नहीं मिला।
लगातार दो दिन में खत्म हो रहे टेस्ट मैचों ने पिच की प्रकृति और बल्लेबाजों की तकनीक पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। तेज गेंदबाजों को जरूरत से ज्यादा मदद मिलने पर मैच का संतुलन बिगड़ता दिखा, जिससे दर्शकों को लंबा मुकाबला देखने को नहीं मिला।
अश्विन का भी आया था बयान
मौजूदा एशेज में अब तक चार में से दो टेस्ट दो दिन में खत्म हुए, जबकि एक टेस्ट चार दिन और एक टेस्ट पांच दिन में खत्म हुआ है। इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के क्रिकेट पंडित उस तरह से पिच को लेकर हमलावर नहीं हुए हैं, जैसा वे भारत आने पर स्पिन पिचों पर मैच दो दिन में खत्म होने पर करते हैं। अश्विन ने इसी को लेकर सवाल उठाए हैं और कहा है कि दोहरा रवैया नहीं होना चाहिए।
अश्विन के मुताबिक टेस्ट क्रिकेट की असली खूबसूरती विदेशी परिस्थितियों में ढलने की कला है। उन्होंने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया ने शेन वॉर्न और नाथन लियोन जैसे महान स्पिनर दिए, लेकिन न्यूजीलैंड और इंग्लैंड अब तक कोई बड़ा स्पिनर नहीं दे पाए हैं। टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती ही यही है कि आप विदेशी परिस्थितियों में खुद को ढालें। मैं एमसीजी की पिच की भी आलोचना नहीं करूंगा, क्योंकि वह दोनों टीमों के लिए समान थी। इसे देखना मजेदार था, बिल्कुल किसी रेसिंग थ्रिलर फिल्म जैसा। लेकिन मेरा मानना है कि दोहरे मापदंडों से बचना चाहिए।'
मौजूदा एशेज में अब तक चार में से दो टेस्ट दो दिन में खत्म हुए, जबकि एक टेस्ट चार दिन और एक टेस्ट पांच दिन में खत्म हुआ है। इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के क्रिकेट पंडित उस तरह से पिच को लेकर हमलावर नहीं हुए हैं, जैसा वे भारत आने पर स्पिन पिचों पर मैच दो दिन में खत्म होने पर करते हैं। अश्विन ने इसी को लेकर सवाल उठाए हैं और कहा है कि दोहरा रवैया नहीं होना चाहिए।
अश्विन के मुताबिक टेस्ट क्रिकेट की असली खूबसूरती विदेशी परिस्थितियों में ढलने की कला है। उन्होंने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया ने शेन वॉर्न और नाथन लियोन जैसे महान स्पिनर दिए, लेकिन न्यूजीलैंड और इंग्लैंड अब तक कोई बड़ा स्पिनर नहीं दे पाए हैं। टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती ही यही है कि आप विदेशी परिस्थितियों में खुद को ढालें। मैं एमसीजी की पिच की भी आलोचना नहीं करूंगा, क्योंकि वह दोनों टीमों के लिए समान थी। इसे देखना मजेदार था, बिल्कुल किसी रेसिंग थ्रिलर फिल्म जैसा। लेकिन मेरा मानना है कि दोहरे मापदंडों से बचना चाहिए।'
क्या बदलना होगा टेस्ट क्रिकेट में?
क्रिकेट विशेषज्ञ मानते हैं कि टेस्ट क्रिकेट को बचाए रखने के लिए पिच तैयार करने, गेंद-बल्ले के संतुलन और शेड्यूलिंग पर दोबारा सोचने की जरूरत है। वरना ऐसे नतीजे बोर्ड्स के लिए आर्थिक रूप से नुकसानदायक साबित होते रहेंगे।
क्रिकेट विशेषज्ञ मानते हैं कि टेस्ट क्रिकेट को बचाए रखने के लिए पिच तैयार करने, गेंद-बल्ले के संतुलन और शेड्यूलिंग पर दोबारा सोचने की जरूरत है। वरना ऐसे नतीजे बोर्ड्स के लिए आर्थिक रूप से नुकसानदायक साबित होते रहेंगे।