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National Games 2025: पदकों की फिक्सिंग में कितनी हकीकत, कितना फसाना...आईओए को विस्तृत जांच के लिए लिखा पत्र

अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Thu, 06 Feb 2025 09:35 AM IST
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सार

ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया ने पदकों की फिक्सिंग के आरोपों को बेबुनियाद बताया। इसके लिए आईओए को विस्तृत जांच के लिए पत्र लिखा है।

National Games Uttarakhand 2025 Allegations of medal fixing Taekwondo read All Updates in hindi
नेशनल गेम्स - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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ताइक्वांडो में पदकों की फिक्सिंग के आरोपों के पीछे कितनी हकीकत और कितना फसाना है, यह सवाल लगातार बड़ा होता जा रहा है। खेल निदेशालय से लेकर खेल संघों तक में चर्चा है कि आखिर पदकों की फिक्सिंग कैसे हो सकती है, यह स्पष्ट होना चाहिए। जिन जगहों पर खेल प्रतिस्पर्धाएं हो रही हैं, वहां वीडियो कैमरे हर एंगल से पल-पल रिकॉर्डिंग कर रहे हैं, चयन के लिए एक पूरी प्रक्रिया निर्धारित है। पदकों की फिक्सिंग के आरोप पर डीओसी के खिलाफ कार्रवाई से पूरी प्रक्रिया पर संदेह पैदा हो गया है।

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इस बारे में ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को दो पत्र लिखे गए हैं। फेडरेशन के उपाध्यक्ष संतोष कुमार मोहंती ने कहा कि पदकों की फिक्सिंग का आरोप बेबुनियाद है। शिकायत पूरी तरह तथ्यहीन लगती है, क्योंकि पदकों की फिक्सिंग किसी सूरत में नहीं हो सकती।

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खेल माहौल व प्रतिष्ठा पर असर
पदक तय करना किसी एक अधिकारी या उसकी टीम के लिए मुमकिन नहीं। प्रतियोगिता स्थलों पर सारे खेल पर आठ-आठ हाई डेफिनिशन कैमरों और विशेषज्ञों की निगाह रहती है, ऐसे में तीन, दो या एक लाख में पदकों की बोली का आरोप तथ्यों से परे लग रहा है। इसलिए फेडरेशन ने आईओए से तमाम तथ्यों पर गौर करने की मांग की है।

वहीं, खेल निदेशालय के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इस तरह के आरोपों में यदि सच्चाई है तो उसे शीघ्र उजागर होनी चाहिए, अन्यथा खेलों गतिविधियों के बीच डीओसी स्तर पर कार्रवाई से खेल माहौल व प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है।


एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संबंधित शिकायत की जांच में आईएएस और आईपीएस स्तर के अधिकारी शामिल रहे हैं, उन्हें कुछ तो मिला होगा, जिसके आधार पर डीओसी को हटाया गया, लेकिन पदकों की फिक्सिंग की बात गले नहीं उतरती। अन्य आरोपों के तथ्य खंगाले जा सकते हैं, लेकिन खिलाड़ी और पदकों के स्तर पर फिक्सिंग की कोई संभावना नहीं है। ताइक्वांडो में दो संगठनों के बीच विवाद कोर्ट तक पहुंचा है, इसलिए दूसरे कोण से भी जांच की जा रही है।

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मेरे खिलाफ न कोई दस्तावेजी साक्ष्य है, न फोटोग्राफ है, न ही कोई वीडियो या वॉयस रिकार्डिंग। मेरी कोई बात किसी एथलेटिक्स या अधिकारी से नहीं हुई। बेबुनियाद आरोपों के आधार पर कार्रवाई मेरे लिए बहुत दर्दनाक है, इससे मेरा परिवार भी बहुत दबाव में है। - टी. प्रवीण कुमार, हटाए गए डीओसी
 

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