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Uttarakhand: प्रदेश में पहली बार होगी कौशल जनगणना,  समिति ने शुरू की तैयारी, रोजगार की राह होगी मजबूत

आफताब अजमत, अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Mon, 27 Oct 2025 06:54 AM IST
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सार

आंध्र प्रदेश के मंगलगिरी विधानसभा और थुल्लूर मंडल में कौशल जनगणना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ है। अब उत्तराखंड में भी सरकार कौशल जनगणना से ये देखना चाहती है कि कितनी कौशल की जरूरत है और किस कौशल में कार्मिकों की ज्यादा रूचि है।

Skill census will be conducted for the first time in Uttarakhand read All Update in hindi
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Istock
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विस्तार
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उत्तराखंड में युवाओं को उनकी रूचि के रोजगार से जोड़ने, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने, युवाओं की जरूरत के हिसाब से योजनाएं बनाने के लिए सरकार पहली बार कौशल जनगणना कराने जा रही है। कौशल विकास समिति ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

प्रदेश में रोजगार, स्वरोजगार की बढ़ती जरूरतों के बीच अब सरकार कौशल जनगणना से ये देखना चाहती है कि कितनी कौशल की जरूरत है और किस कौशल में कार्मिकों की ज्यादा रूचि है। देश में अभी तक आंध्र प्रदेश के मंगलगिरी विधानसभा और थुल्लूर मंडल में कौशल जनगणना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ है।

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उत्तराखंड इस तरह की जनगणना कराने वाला देश का दूसरा राज्य होगा। कौशल जनगणना के नोडल पंकज कुमार ने बताया कि शासन ने इसकी अनुमति दे दी है। अभी डीपीआर बनाने के लिए कंसलटेंसी का चयन किया जा रहा है। इसके बाद ही इसकी रूपरेखा स्पष्ट होगी।

ऐसे होगी गणना

युवाओं की शिक्षा और कौशल के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी। उद्योगों से उनकी कौशल आवश्यकताओं के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी। जानकारी के आधार पर लोगों को ''कौशल आईडी'' प्रदान की जाएगी जो उनके हुनर को दर्शाती है।

इसका उपयोग सरकार कौशल अंतराल को भरने और लोगों को रोजगार के लिए प्रशिक्षित करने के लिए करेगी। इस गणना के लिए अभी डाटा एकत्रीकरण ऑनलाइन होगा या ऑफलाइन, इस पर निर्णय होना बाकी है।

ये होंगे लाभ

प्रदेश में मौजूदा कौशल का व्यापक मूल्यांकन करने का काम होगा। यह पता लगाया जाएगा कि उद्योगों की जरूरतों और लोगों के कौशल के बीच कहां कमी है। एकत्रित डाटा के आधार पर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे। लोगों को सही नौकरी के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सटीक डाटा के आधार पर सरकार को अपनी नीतियां बनाने और शिक्षा प्रणाली में उस मुताबिक बदलाव करने का मौका मिलेगा।

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आंध्र प्रदेश में 15-59 आयु वर्ग की हो रही जनगणना

आंध्र प्रदेश में कौशल जनगणना शुरू हो चुकी है। एक विधानसभा क्षेत्र, एक जिले में इंफोसिस इस परियोजना पर काम कर रहा है। यह परियोजना दो चरणों में आयोजित की जाएगी। जिसमें पहले चरण में कंपनियों की कौशल आवश्यकताओं और दूसरे चरण में 15-59 वर्ष के लोगों के कौशल और शिक्षा की जानकारी एकत्र की जाएगी।

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