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Dehradun News: बच्चे को कुचलने वाला ड्राइवर नहीं पहुंचा थाने, पुलिस ने दी दबिश

Dehradun Bureau देहरादून ब्यूरो
Updated Sat, 06 Jan 2024 12:04 AM IST
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The car driver accused of crushing a child in Tunwala is
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I-पिता हैं केदारनाथ में तीर्थ पुरोहित, एसयूवी से चलता है आरोपी
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I-संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है पुलिस, जल्द हो सकता है गिरफ्तारI

तुनवाला में बच्चे को कुलचने का आरोपी कार चालक अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस ने उसका पता खोजकर उसे थाने बुलाया था। लेकिन, वह शुक्रवार शाम तक भी पुलिस के पास नहीं पहुंचा। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।



गौरतलब है कि बृहस्पतिवार सुबह तुनवाला में हर्रावाला चौकी प्रभारी रमन बिष्ट के चार साल के बेटे को एक कार चालक ने कुचल दिया था। घटनाक्रम के अनुसार रमन बिष्ट अपने परिवार को लेकर पास ही में मौजूद ससुराल गए थे।
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घर के बाहर उनकी पत्नी चार महीने के बेटे को लेकर अंदर चली गई और रमन बिष्ट भी सामान लेकर चले गए। इस दौरान उन्होंने चार साल के बेटे श्रेयांश बिष्ट को कार में छोड़ दिया और कार बाहर से लॉक कर दी। लेकिन, श्रेयांश कार का दरवाजा अंदर से खोलकर बाहर निकल गया। अंदर से आकर रमन बिष्ट ने देखा कि श्रेयांश कार के अंदर नहीं था।

उन्होंने आसपास देखा तो वह वहां भी नहीं था। कुछ ही देर में लोगों ने शोर मचाया तो पता चला कि बच्चा बेहोशी की हालत में कार से काफी दूर पड़ा हुआ है। उसे अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरो ने उसे मृत घोषित कर दिया। पता चला कि जैसे ही श्रेयांश कार से उतरा तो वहां से गुजर रही तेज रफ्तार एसयूवी ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर से वह काफी दूर जाकर गिरा।

कार चालक मदद करने के बजाय वहां से भाग निकला। पुलिस ने कार के नंबर के आधार पर उसका पता निकाला और उसे फोन कर थाने आने को कहा। मगर, वह शुक्रवार तक भी थाने नहीं पहुंचा। एसओ रायपुर कुंदन राम ने बताया कि आरोपी का नाम सौरभ शुक्ला है। उसके पिता केदारनाथ में तीर्थ पुरोहित हैं।



Iजो सिखाता पैदल चलना चार महीने में ही छोड़ गया साथI

रमन बिष्ट की पत्नी ने गत सितंबर में ही एक और बेटे को जन्म दिया था। चार महीने का ये अबोध बालक भाई का चेहरा देखते ही खिलखिलाता था। बड़े भाई श्रेयांश के साथ अभी उसे बहुत अठखेलियां करनी थी। बड़े भाई की उंगली पकड़कर अभी चलना सीखना था। मां, पापा, भैया इन सब रिश्तों का बोध भी अभी श्रेयांश को ही कराना था। बड़े होकर अपने इस भाई के साथ ही उसे अपने जीवन की अन्य बारीकियों और तरीकों को सीखना था। मगर, उम्र भर का यह साथ महज चार महीने में ही छूट गया। बड़ा भाई श्रेयांश महज चार साल की उम्र में बृहस्पतिवार को इस दुनिया से अलविदा कह गया।
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