सब्सक्राइब करें

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
Hindi News ›   Uttarakhand ›   Chamoli News ›   Uttarakhand Weather Forecast Update Today: cloudy weather expected, chardham route open

उत्तराखंड: भूस्खलन होने पर जुग्जू के ग्रामीणों ने फिर छोड़े घर, जंगल में बिताई रात

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal Updated Sun, 26 Sep 2021 11:37 PM IST
विज्ञापन
सार

क्षेत्र में भारी बारिश होने से फिर भूस्खलन सक्रिय हो गया, जिस कारण ग्रामीणों ने अनहोनी की आशंका को देखते हुए अपने घरों को छोड़ दिया और जंगल की ओर चले गए।

Uttarakhand Weather Forecast Update Today: cloudy weather expected, chardham route open
भूस्खलन के डर से ग्रामीणों ने छोड़ा घर - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

चमोली जिल के जुग्जू गांव के ऊपर शनिवार रात को भूस्खलन होने पर ग्रामीणों को फिर जंगल में रात बितानी पड़ी। लंबे समय से जुग्जू गांव के ऊपर भूस्खलन हो रहा है जिससे हर बार भूस्खलन होने पर गांव के लोग जान बचाने के लिए जंगल की गुफाओं में चले जाते हैं और भूस्खलन रुकने पर वापस घरों को लौट आते हैं। 

Trending Videos


शनिवार रात को क्षेत्र में भारी बारिश होने से फिर भूस्खलन सक्रिय हो गया, जिस कारण ग्रामीणों ने अनहोनी की आशंका को देखते हुए अपने घरों को छोड़ दिया और जंगल की ओर चले गए। उन्होंने गुफाओं में रात बिताई।
विज्ञापन
विज्ञापन


पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य संग्राम सिंह ने कहा कि आखिर कब तक लोग इस तरह खौफ में रहेंगे और बार-बार जंगल में जाकर गुफा में रात बिताएंगे। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द गांव के पुनर्वास की मांग की ताकि लोगों को इस भय से मुक्ति मिल सके।

उत्तराखंड: सरयू नदी का तेज बहाव बना काल, नहाते समय बहे दो सगे भाई, एक बच्चे का शव बरामद, तस्वीरें...

अपने मकान छोड़ दूसरों के घरों में रहे 18 परिवार
तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत दैड़ा के पापड़ी तोक के 18 परिवार जर्जर मकानों मेें रहने को मजबूर हैं। विस्थापन सूची में शामिल इन परिवारों के मकान, गोशाला, रास्ते व खेत दरारों से पटे हुए हैं। प्रभावितों ने शासन, प्रशासन से पुनर्वास की मांग की है। पापड़ी तोक लंबे समय से भूधंसाव से प्रभावित है। यहां जगह-जगह दरारें पड़ी हुई हैं।

प्रशासन ने बीते वर्ष यहां रह रहे 18 परिवारों को विस्थापन की सूची में शामिल किया था। इसके बाद, इन परिवारों के पुनर्वास के लिए प्रशासन द्वारा चाकुलधार व सुरईधार में भूमि चिह्नित कर भू-गर्भीय सर्वेक्षण भी किया गया लेकिन यह भूमि किसी भी प्रकार के निर्माण व आवास के लिए उपयुक्त नहीं पाई गई। दूसरी तरफ प्रभावित परिवारों ने स्वयं के प्रयास से अपने लिए अन्यत्र भूमि चयन कर भू-गर्भीय सर्वेक्षण भी करा दिया गया है लेकिन जब तक शेष 12 परिवारों के लिए भूमि चयन नहीं होती, संबंधित का पुनर्वास नहीं हो पाएगा।

प्रभावित दिनेश लाल, योगेंद्र सिंह, रूप लाल, पूरण लाल, कुलदीप सिंह, सुजान सिंह, जगत सिंह नेगी आदि का कहना है कि शासन, प्रशासन को कई बार अवगत कराने के बाद भी पुनर्वास की कार्रवाई नहीं हो पा रही है। बाल-बच्चों की सुरक्षा के लिए अपने घरों को छोड़कर अन्य मकानों में जीवन यापन करना पड़ रहा है। वहीं उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा का कहना है कि प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए दो स्थानों पर भूमि का चयन किया गया था, जो भू-गर्भीय सर्वेक्षण में मानकों के तहत नहीं पाई गई। अन्य क्षेत्रों में भी भूमि की तलाश की जा रही है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed