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NCR: गुरुग्राम में 15 साल की दुष्कर्म पीड़िता ने दिया बच्चे को जन्म, डॉक्टर ने तस्करी की आशंका में बुलाई पुलिस
अमर उजाला नेटवर्क, गुरुग्राम
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Fri, 26 Dec 2025 06:56 AM IST
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गुरुग्राम पुलिस (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
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मिलेनियम सिटी के बसई चौक स्थित निजी अस्पताल में एक नवजात को बिना मुख्य डॉक्टर की जानकारी के भर्ती कराए जाने का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया। अस्पताल संचालक को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने परिस्थितियों को संदिग्ध मानते हुए बच्चों की तस्करी की आशंका जताई और सेक्टर-9 थाना पुलिस को सूचना दी।
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निजी अस्पताल के संचालक डॉ. श्याम सिंह ने शिकायत में आरोप लगाया है कि उनकी अनुमति या जानकारी के बिना नवजात को अस्पताल में भर्ती किया गया, जो गंभीर लापरवाही है। उन्होंने अपने स्टाफ पर भी लापरवाही और संभावित मिलीभगत के आरोप लगाए।
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उन्होंने बताया कि नवजात का जन्म सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल में 15 दिन पहले हुआ है। साथ ही उनका आरोप है कि नागरिक अस्पताल की आशा वर्कर ही उनके अस्पताल तक नवजात को लेकर आई थीं।
इस दौरान नवजात के संग आई महिला ने बच्चे को तीन से चार घंटे रखने के लिए कहा। वहीं, जब भर्ती के दौरान कागज मांगे गए तब उनके पास कागज भी नहीं मिले। सूचना मिलते ही सेक्टर-9 थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने अस्पताल के रिकॉर्ड खंगाले, स्टाफ से पूछताछ की और संदिग्ध गतिविधियों की पड़ताल की।
अस्पताल में होगी जांच
नागरिक अस्पताल में इस मामले को लेकर सोमवार को कमेटी गठित कर जांच की जाएगी। मामले में दो आशा वर्करों संतोष और ज्योति का नाम सामने आ रहा है। इसके बाद से पूरे अस्पताल में बृहस्पतिवार को सभी स्टाफ के बीच में हड़कंप मच गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल स्टाफ जांच करेगा। यह घटना से अस्पताल प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
नाबालिग ने दिया जन्म
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि नवजात एक 15 वर्षीय नाबालिग रेप पीड़िता का बच्चा है, जिसके संबंध में पहले ही सेक्टर-10 थाने में एफआईआर दर्ज है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बच्चा पीलिया से पीड़ित था, जिसके इलाज के लिए उसे निजी अस्पताल लाया गया था। साथ ही इस मामले में पॉक्सो एक्ट भी दर्ज है, वर्तमान में वह युवक पुलिस के पास है।
आशा वर्कर ने पेश की फर्जी मां
देर रात पुलिस ने नवजात को परिजनों को सौंप दिया। इससे पहले जब पुलिस ने आशा वर्कर से नवजात की मां को बुलाने के लिए कहा, उस दौरान दूसरी महिला को लाकर पेश कर दिया। पुलिस का कहना है कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि मामला तस्करी का है या फिर अस्पताल में भर्ती प्रक्रिया की अनियमितता और गलतफहमी का परिणाम। सेक्टर-9 थाना प्रभारी सुनील ने बताया कि मामले की सभी पहलुओं से गहन जांच की जा रही है। यदि किसी भी स्तर पर नियम उल्लंघन या लापरवाही पाई गई तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मामले के संज्ञान में आते ही कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए सोमवार को एक कमेटी का गठन कर बैठक की जाएगी। दोनों आशा कार्यकर्ताओं को समिति के समक्ष उपस्थित कर जांच की जाएगी। जांच के दौरान जो भी व्यक्ति दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-डाॅ. लोकवीर, पीएमओ, नागरिक अस्पताल