Delhi: 'ये देश के किसानों के साथ बड़ा धोखा, ट्रंप पर 100 फीसदी टैरिफ लगा दो', टैरिफ के मुद्दे पर बोले केजरीवाल
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टैरिफ के मुद्दे पर पीएम मोदी और केंद्र सरकार को घेरा। साथ ही दिल्ली के पूर्व सीएम ने डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

विस्तार
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अमेरिकी दबाव में आकर भारत में आने वाली कपास पर इंपोर्ट ड्यूटी हटा दी है, जिससे करोड़ों भारतीय किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। केजरीवाल ने कहा कि यह निर्णय न केवल किसानों और उद्योगों को नुकसान पहुंचाएगा बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों के सम्मान पर भी प्रहार है।

केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने पहले 19 अगस्त से 30 सितंबर तक अमेरिकी कपास पर 11 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी हटाई थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 तक कर दिया गया है। इससे अमेरिकी कपास भारत के किसानों की कपास से 15-20 प्रतिशत सस्ती हो जाएगी। ऐसे में जब अक्तूबर से भारतीय किसानों की कपास मंडियों में पहुंचेगी, तब तक टेक्सटाइल उद्योग अमेरिकी कपास खरीद चुका होगा और हमारे किसानों को औने-पौने दाम पर अपनी उपज बेचनी पड़ेगी।
केजरीवाल ने मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह ट्रम्प के सामने पूरी तरह झुक गए हैं। जितना झुकोगे, ट्रम्प उतना ही झुकाएगा। मगर जिसने भी डटकर उसका सामना किया, ट्रम्प को झुकना पड़ा। मोदी को चाहिए कि अमेरिकी कपास पर तुरंत 11 प्रतिशत ड्यूटी बहाल करें और यदि जरूरत हो तो अमेरिका पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाकर मुंहतोड़ जवाब दें।
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत से जाने वाले सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। जब अमेरिका गुंडागर्दी कर सकता है, तो भारत भी बहादुरी से जवाब क्यों नहीं दे सकता? यूरोपियन यूनियन, चीन, कनाडा और मैक्सिको जैसे देशों ने ट्रम्प के टैरिफ का डटकर जवाब दिया और ट्रम्प को झुकना पड़ा। मगर भारत जैसा बड़ा देश चुपचाप सब सह रहा है। अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 50% टैरिफ लगाया है, तो हमें अमेरिका पर 100% टैरिफ लगाना चाहिए।'
उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला किसानों की पीठ में छुरा घोंपने जैसा है। पिछले साल ही किसानों को कपास पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिला था और उन्हें औने-पौने दाम पर उपज बेचनी पड़ी थी। महाराष्ट्र के विदर्भ, तेलंगाना, पंजाब और गुजरात जैसे कपास बेल्ट में किसान पहले से ही आत्महत्या करने को मजबूर हैं। जनवरी से मार्च 2025 के बीच सिर्फ महाराष्ट्र में 767 किसानों ने आत्महत्या की है। ऐसे में मोदी सरकार का यह कदम किसानों के लिए आत्मघाती साबित होगा।
आप संयोजक ने घोषणा की कि 7सात सितंबर को गुजरात के सुरेंद्र नगर जिले के चोटिला में एक बड़ी जनसभा आयोजित की जाएगी, जिसमें किसान बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे। उन्होंने सभी किसान संगठनों और विपक्षी दलों से अपील की कि वे मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध करने के लिए एकजुट हों।
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