CM Rekha Attack Case: आरोपी राजेशभाई खिमजीभाई और तहसीन रजा के खिलाफ आरोप तय, जानें कोर्ट ने क्या कहा
तीस हजारी कोर्ट ने आरोपी राजेशभाई खिमजीभाई और तहसीन रजा पर हत्या की कोशिश व आपराधिक साजिश के गंभीर आरोप तय किए हैं। मामले की अगली सुनवाई 26 दिसंबर को होगी।
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तीस हजारी कोर्ट ने शनिवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के ऊपर कथित हमला करने के मामले में आरोपी राजेश भाई खिमजी और सैयद तहसीन रजा के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) एकता गौबा मान की अदालत ने एक गंभीर आपराधिक मामले में बड़ा कदम उठाते हुए आरोपी साकरिया राजेशभाई खिमजीभाई और तहसीन रजा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109(1) के तहत हत्या के प्रयास का आरोप तय किया है, जो पहले भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के अंतर्गत आता था।
इसके अलावा, दोनों आरोपियों पर सरकारी कर्मचारी को उसके सार्वजनिक कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालने के लिए धारा 221 बीएनएस (पूर्व में धारा 186 आईपीसी) और सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य से रोकने के लिए हमला करने के आरोप में धारा 132 बीएनएस (पूर्व में धारा 353 आईपीसी) के तहत भी आरोप तय किए गए हैं।
अदालत ने यह भी माना कि दोनों आरोपियों के बीच आपराधिक साजिश रची गई थी, जिसके चलते उनके खिलाफ धारा 61(2) बीएनएस (पूर्व में धारा 120बी आईपीसी) के तहत भी आरोप तय किए गए हैं। इसके साथ ही, अदालत ने आरोपी साकरिया राजेशभाई खिमजीभाई के खिलाफ एक अतिरिक्त आरोप भी तय किया है। उस पर एक अन्य सार्वजनिक व्यक्ति को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के आरोप में धारा 115(2) बीएनएस (पूर्व में धारा 323 आईपीसी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अदालत ने स्पष्ट किया है कि अब इस मामले में औपचारिक रूप से आरोप तय करने की अगली कार्रवाई 26 दिसंबर को की जाएगी। इस मामले को गंभीर मानते हुए अदालत ने आगे की सुनवाई तय की है। यह मामला अगस्त 2025 में सिविल लाइंस स्थित उनके कैंप ऑफिस में जन सुनवाई के दौरान सीएम रेखा गुप्ता पर हुए कथित हमले से जुड़ा है।
सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक वकील प्रदीप राणा और वकील कार्तिक गड़ी ने बहस की। वहीं, बचाव पक्ष ने दलील दी कि इस मामले में हत्या के प्रयास की धारा लागू नहीं होती और आरोपियों के बीच किसी आपराधिक साजिश के प्रमाण नहीं हैं।
वहीं, विशेष लोक अभियोजक ने आरोपियों की मंशा को रेखांकित करते हुए अदालत के समक्ष यह तर्क रखा कि उन्होंने मुख्यमंत्री की हत्या के उद्देश्य से योजना बनाई थी, जिसमें हमले से ठीक पहले मुख्यमंत्री के आवास की रेकी कर चाकू का उपयोग करने की तैयारी शामिल थी। वकील प्रदीप राणा ने न्यायालय को आरोपियों की मानसिकता से भी अवगत कराया और यह भी बताया कि उनके विरुद्ध पूर्व में लगभग 13 आपराधिक मामले दर्ज हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आरोपी पहले सर्वोच्च न्यायालय पर हमला करने की योजना बना रहे थे।